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Jitender Kumar
#emotionalstory कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में डूब जाता है #shayri #Lafz #shayrioftheday #urdupoetrylines #shayari_challenge #top_newser
read moreJitender Kumar
#ateet कभी साया है कभी धूप मुक़द्दर मेरा होता रहता है यूँ ही क़र्ज़ बराबर मेरा टूट जाते हैं कभी मेरे किनारे मुझ में डूब जाता है कभी मुझ म #shayri #Lafz #shayrioftheday #urdupoetrylines #shayari_challenge #top_newser
read moreMiMi Flix
"लापता गांववालों का रहस्य: आश्चर्यजनक मोड़" - हरिद्वार पुर गांव में अचानक लोग एक-एक करके गायब होने लगते हैं, और पूरे गांव में दहशत का माहौल #वीडियो
read moreIrfan Saeed
White मैं तेरे दिल में रहूंगा तो कहूंगा गजलें दिल के दरिया से मिलूंगा तो कहूंगा। गज़लें मेरे बहते हुए हर अश्क पे रोने वाले तेरी आंखों से बहूंगा तो कहूंगा गज़लें राहें पुर-ख़ार पे चलता है ये आशिक़ तेरा इश्क़ -ए- ग़म-ख़्वार बनूंगा तो कहूंगा गज़लें अब्र ए मुस्कान बरसता है मेरे आंखों से सहरा ए इश्क़ चलूंगा तो कहूंगा गज़लें मैं तो ज़िंदान मे था मैने मुहब्बत कर ली मुकदमा दिल का लडूंगा तो कहूंगा गज़लें ©Irfan Saeed मैं तेरे दिल में रहूंगा तो कहूंगा गजलें दिल के दरिया से मिलूंगा तो कहूंगा गज़लें मेरे बहते हुए हर अश्क पे रोने
मैं तेरे दिल में रहूंगा तो कहूंगा गजलें दिल के दरिया से मिलूंगा तो कहूंगा गज़लें मेरे बहते हुए हर अश्क पे रोने #GoodMorning #Shayari
read moreShalini Pandey
White नई हवाओं की सोहबत बिगाड़ देती है कबूतरों को खुली छत बिगाड़ देती है जो जुर्म करते हैं इतने बुरे नहीं होते सज़ा न देके अदालत बिगाड़ देती है..! ©Shalini Pandey अदालत बिगाड़ देती है..
अदालत बिगाड़ देती है.. #विचार
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
White ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्बत में मुझपे चला जब मुकदमा अदालत के झूठे गवाहों ने मारा हुआ फिर अचम्भा पलट कर जो देखा हमें तो हमारी वफ़ाओं ने मारा मुक़द्दर पे अपने वो हैरान होगा जो पत्थर मुझे गुनहगारों ने मारा बचेंगे कहाँ से ये आशिक जहाँ में हमेशा इन्हें बेवफ़ाओं ने मारा गरीबों में चाहत सिसकती रहेगी हसीनों के ऊँचे ख़यालों ने मारा कहाँ हीर रांझा जनम फिर से लेंगे उन्हें जबसे जग के रिवाज़ों ने मारा नसीहत सभी दे रहें हैं प्रखर को पता भी है खंज़र हज़ारों ने मारा महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब
ग़ज़ल :- हसीनों के कातिल इशारों ने मारा हुआ प्यार तो बेवफ़ाओं ने मारा थी हसरत बहुत डूब जाने की जिन में मुझे उन नशीली निगाहों ने मारा मुहब्ब #शायरी
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