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Hedayet Rahi
The language I speak, Becomes mine,its distortions,its queernesses All mine,mine alone. It is half English,half Indian,funny perhaps,but it is honest, It is as human as I am human,don't you see? summary and analysis of the poem..
summary and analysis of the poem..
read moreprabhas kumar
Life is like a खुद को खोकर ही खुद को पाया है हमने बड़ी मुश्किल से ये मिज़ाज़ पाया है हमने कर दिया है इस दुनिया को दर किनार तब कहीं खुद को समझ पाया है हमने किसी को खुश करने की अब जरुरत न रही जब ये जाना कि हर रिश्ता निभाया है हमने क्या सोचते थे हम और सच क्या था सच और झूठ के फासले को हटाया है हमने वक्त के साथ बदल जाना ही हकीकत है और फिर वक्त को भी तो भुलाया है हमने सारी दुनिया के झमेलों को छोड़कर बस खुद को ही अपनाया है हमने सबको लेकर चल पाना तो मुमकिन न रहा कुछ अपनों से भी दामन छुड़ाया है हमने खुद को खोकर ही खुद को पाया है हमने… # summary of my life
# summary of my life
read moreAnand Tripathi 'रवि'
Suddenly felt like The Ancient Mariner Bound to narrate Your stories to The listeners time To time to seek Blessings required #missjwala #coleridge