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Vs Nagerkoti
White कही आपके मां बाप का अपार स्नेह आपको अपाहिज तो नही बना रहा । क्या आप जानते है । आपके parent किस प्रकार अंजाने में आपका जीवन नष्ट कर देते है । बेपनाह प्रेम हर वक्त फिक्र करना । बेमतलब हमेशा कीमती gift और हर रोज अनावश्यक पैसा देना । जो आपके कल को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है । जो कल आपको बेहद कमजोर और अकेला कर सकता है । जो कल आपको अपने पैरों में खड़ा भी नहीं होने देगा । इसलिए खुद संभलने की कोशिश करें । जरूरी नहीं कि सभी के parent,s इतने समझदार हो । ये चीजें कल आपके लिए मीठा जहर भी साबित हो सकती हैं । ये लेख सिर्फ उन नवयुवकों के लिए है जो Midlle Class family से belong करते है । ©Vs Nagerkoti #good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।
#good_night parent,s का हद से ज्यादा सनेह भी कभी आपके लिए किस प्रकार अचानक अभिशाप मैं परवर्तित हो जाता है ।
read moreRavendra
अपराध-नियंत्रण तथा आमजन में सुरक्षा की भावना जाग्रत करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा नगर क्षेत्र में पैदल भ्रमण किया गया* पुलिस अधीक्
read moreRakesh frnds4ever
White मुख से जो शब्द निकलते हैं उनको तो सभी अपने अपने हिसाब से सुन लेते हैं क्योंकि शब्दों के अर्थ हर कोई अपनी अपनी समझ के हिसाब से लगता है,, किस व्यक्ति ने कहे है किस जगह कहे हैं किस विषय पर कहे हैं किसलिए कहे हैं क्यों कहे हैं,, इन आधारों पर हर कोई हर प्रकार से अलग अलग अर्थ मतलब निकाल कर सुनता तो है पर उनके अर्थों को समझता कोई नहीं,,, और दिल से जो शब्द निकलते हैं उनको समझना तो दूर किसी को सुनाई तक नहीं देते हैं,, ©Rakesh frnds4ever #मुख से जो शब्द निकलते हैं उनको तो सभी अपने अपने हिसाब से सुन लेते हैं क्योंकि #शब्दोंकेअर्थ हर कोई अपनी अपनी #समझ के हिसाब से लगता ह
#मुख से जो शब्द निकलते हैं उनको तो सभी अपने अपने हिसाब से सुन लेते हैं क्योंकि #शब्दोंकेअर्थ हर कोई अपनी अपनी #समझ के हिसाब से लगता ह
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प्रकार से नाश नही हो सकता, तो यह बोलना गलत है, आत्म हत्या ये तो देह या शरीर को खत्म करना बोला जाना चाहिए? जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प
#sad_shayari {Bolo Ji Radhey Radhey} आत्म हत्या शब्द का उच्चारण या बोला जाना गलत है, जब आत्मा को कोई भी जला, गला, सुखा, मिटा या किसी भी प
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके द्वारा पूर्व में, संचित कर्म समय आने पर, आपके प्राबर्द्ध की वर्षा की बरसात करके नाना प्रकार के फल जरूर देते हैं, सब कुछ सोच समझ कर करना चाहिए।। (यह समझने में थोड़ा परेशानी हो सकती हैं)।। जय श्री राधेकृष्ण जी। ©N S Yadav GoldMine #good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके
#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} शरीर की सुंदरता, कुल, शील, विधा, और यत्न पूर्वक की गई, सेवा, ये कोई भी किसी काम में नहीं आते, पर आपके
read moreankita
महाभारत लेखन की कथा: पुराणों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने भगवान ब्रह्मा से एक योग्य लेखक की मांग की, जो उनकी महाभारत की रचना को लिपिबद्ध
read moreperson
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके छह प्रकार के विकार उत्पन्न होते है। इनको छह रीपु भी कहते है। यथा काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, मात्सर्य स्वार्थ , ईर्ष्या , क्रोध , अहंकार , घमंड, अभिमान , गुस्सा , लालची स्वभाव , नास्तिक व्यवहार , असत्य ,झूठ , अपशब्द , दुष्टता, यह सब नरक के द्वार खोलते हैं और इन्हीं सबसे मनुष्य की पतन होती हैं ©person इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
इस कलयुग में मनुष्य ही असुर हैं और आसुरी भी मन के भाव और भावनाएं दूषित हो तो नकारात्मक सोच और विकार ग्रसित कर देती हैं मन के विकार मनके
read moreKarishmagujjar प्रेरणादायक विचार
पुरा लेख Caption में पढ़ें ©Karishmagujjarquote प्रेम, भक्ति, और ज्ञान का संदेश देता हुआ, यह जन्माष्टमी महोत्सव का पर्व जिससे अनेक बुराई का अंत होकर सत्य की विजय होती है। ठीक उसी तरह अग
प्रेम, भक्ति, और ज्ञान का संदेश देता हुआ, यह जन्माष्टमी महोत्सव का पर्व जिससे अनेक बुराई का अंत होकर सत्य की विजय होती है। ठीक उसी तरह अग
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