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Anuj Ray
White शिकवे के ढंग ऐसे हैं" मेरे हुजूर , गुले गुलज़ार मेरी जान ए तमन्ना , आपका ही बोल वाला है रूबरू देख के इस तरह ,नज़र अंदाज़ करने का ढंग बड़ा निराला है। इरादा ठीक नहीं लगता,ज़रूर कहीं न कहीं कुछ तो दाल में काला है। अगर हुजूर के शिकवे ऐसे हैं, तो शिकायत का अंदाज़ जान लेबा होगा। ©Anuj Ray # शिकवे के ढंग ऐसे हैं"
# शिकवे के ढंग ऐसे हैं" #शायरी
read moreArun Mahra
प्यार वो नहीं है जो साथ चलते प्यार वो है जो दिल से साथ हमेशा के लिए निभाते हैं ©Arun Mahra सच्चा प्यार वो है जो हमेशा के लिए साथ निभाते हैं और साथ हमेशा के लिए रहते हैं
सच्चा प्यार वो है जो हमेशा के लिए साथ निभाते हैं और साथ हमेशा के लिए रहते हैं #Life
read moreRuchi Jaiswal
मेहंदी लगे हाथ सावन के महीने में भोले बाबा के नाम.... ©Ruchi Jaiswal मेहंदी लगे हाथ सावन के महीने में भोले बाबा के नाम....
मेहंदी लगे हाथ सावन के महीने में भोले बाबा के नाम.... #Love
read more#Chauhan Ajay Singh
ग़ज़ल ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं कि तुमसे ये दिल हम लगाने लगे हैं, मुहब्बत से मुझको जो दिल से लगाओ, जमाने की नज़र #SAD
read moreAnuj Ray
White आशा के फूल महकते हैं" दिल की लगी सुलग जाए, पड़ जाए रात भर,आंखों आंखों में जगना। एक दूजे की 'सदा' सुनाई पड़ते ही, दिल में "आशा के फूल महकते हैं"। नहीं दुनिया से मतलब जिनका कोई, परवाने तो बस ,शमां की आग में जलते हैं। ईमान मोहब्बत बन जाए,दो जान जान में मिल जाएं,आशा के फूल महकते हैं। ©Anuj Ray # आशा के फूल महकते हैं"
# आशा के फूल महकते हैं" #शायरी
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द
#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द #Poetry
read moreDalip Kumar 'Deep'
शायरी लव☁️Happy Sawan☁️🌿☕☕🌿🌺 सावन सुहाना लगे🌺 कुछ नहीं बस तेरी यादों के वसीले हैं😊
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, #Poetry #sandiprohila
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