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Stories related to 2 pen kulanthai thittam

@rajgini

Day 2

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किताब मेरी, पन्ने भी मेरे, 
और सोच भी मेरी, फिर मैंने जो लिखें... 
वो ख्याल आपका क्यों..?

©@rajgini Day 2

DANVEER SINGH DUNIYA

#karwachouth 2

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White मैं उलझनों में फस गया हूं मुआयना ना कर
किस तरह से मैं जी रहा हूं ये वयान ना कर 
अब तो एकांत-वास  जीवन बना लिया मैंने 
तुझे मेरे साथ रहना है तो रह बहाना ना कर

©DANVEER SINGH DUNIYA #karwachouth 2

DANVEER SINGH DUNIYA

#Love 2

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प्यार मैंने फोटू डाला लाईक आया तभी
आज कैसे मन तुने बना लिया पवी
प्यार के लिए पूछा है बार- बार मैंने
 तेरा जवाब लौटकर आया ना कभी

©DANVEER SINGH DUNIYA #Love 2

DANVEER SINGH DUNIYA

sad 2

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अब तुम्हें कैसे बताएं तेरे जमीर को बेचकर खुद को बचा लूं इतना गिरा नहीं हूं
    सांसें बेशक बहुत तेज चल रही हो पागल अभी मरा नहीं हूं 
 तूं कहती है ना तकलीफ देने के सिवाय कुछ काम नहीं है
   सारे घाव दिखा दिये मैंने फिर भी तुझको मैं दिखा नही हूं

©DANVEER SINGH DUNIYA sad 2

Devid

stree 2

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CREATURE GIRL

##Design by pen 🖊️🖊️

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Ramya

Part-2

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Thenickstreamer

part 2

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Ramya

Part-2

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संगीत कुमार

#pen

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(मनुज कवि बन जाता है) 
जब अम्बर पिघल धरा पर आ न सके
अधरों पे मुसकान रूक जाये 
आँखों से अश्क बन बह जाये
और जब कलपित उर रो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

व्यथा जब अपना न किसी से कह सके
लज्जा से मन भर जाये 
काली रातों की अंधियारी में 
जब सारा भुवन सो जाये
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब मन भयभीत हो कुछ कहन सके
पीड़ित हो अपनो से जब
हाथों में कलम उठा लेते हैं 
शब्दों के सरिता में रम जाते हैं 
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

जब सामने अंधेरा छा जाये
अकेला बेसहारा मन होने लगे
तब नैनो के नीर स्याही से 
निज व्यथा को लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है

संघर्ष भरा जब जीवन हो
लोगों के बीच समर्पण हो
तब साहित्य में खो जाता है
अपनी भावना उकेर डालता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब भुलेबिसरे याद आये
उर में दर्द की कसक उठे
वेदना से मन काँप जाये
तब हाथो में कलम उठाता है
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब अपने प्रिय से न मिल सके 
यादों की व्यथा में खो जाये
साहित्य की सरिता में बह जाये
एक लेखनी लिख डाले
तो समझो मनुज कवि बन जाता है 

जब जीवन मे मनचाहा सफलता मिल न सके
मन गगन की उड़ान तो भरता है
अक्षर शब्द मिल कविताओ में परिणित हो जाता है 
मन की भावना खूबसूरती से निखारता है
		तो समझो मनुज कवि बन जाता है

©संगीत कुमार #pen
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