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Monika Suman
कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर लूँ , दो किनारो की तरह हम , हमारे लिए तो बस एक दुसरे का नजारा होता है .... चलो एक रात , एक एक कर तारो को ज़मी पर उतारते हैं , ये दरिया कहीं न कहीं जाकर तो सिमटता होगा , जहाँ हर बूँद छोड़ देती होगी सागर होने की उम्मीद , सोचो उस रात कैसे ठहरे हुए पानी में चांद इतराता होता है ... ©Monika Suman कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर
कितने कम में मेरा भी गुजारा होता है , याद जैसा कुछ याद भी नहीं बस उसके नाम का सहारा होता है , वो पास से गुजरे तो थोड़ा छु के उसे महसूस भी कर
read moreShiv Narayan Saxena
बीते दिन बरसात के, फूले कास निहार। बड़ी रात के नाम से, दिवस हुए लाचार।। धीरे-धीरे झॉंक कर, कोहरा कर अनुमान। बीते दिन बरसात के, धुंध नयी मेहमान।। सेवानिवृत्त करैं सभी, विगत ज्यों वर्षा-बात। आज चुनौती हैं नयी, उनको क्या यह ज्ञात।। बीता मौसम मेंह का, प्रकृति न अब उमसाय। आया मौसम शौकिया, सब का मन हर्षाय।। मिलन अश्रु नहिं नयन मॉं, बीत गयी बरसात। अली कली और तितलियॉं, करें मिलन की बात।। ©Shiv Narayan Saxena #बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
#बारिशें बीते दिन बरसात के..... hindi poetry on life
read moreRakesh frnds4ever
White सूने सूने रस्ते सारे सूनी सुनी गलियां सारी सूनेपन में गुजरे हर पल हर क्षण जिंदगानी हमारी ,,,,, सुनसान सड़कों/जगहों/रास्तों से इक जीवित लाश बने हुए शरीर ओर इसके अंदर की आत्मा अकेले तन्हा भटकती फिरती है सन्नाटों के खामोश खौफनाक सायों के साथ,,... ©Rakesh frnds4ever #सूने_सूने_रस्ते सारे #सूनी_सुनी #गलियां सारी #सूनेपन में गुजरे हर पल हर क्षण जिंदगानी हमारी ,,,,, #सुनसानरास्ते सड़कों/जगहों/रास्तों
#सूने_सूने_रस्ते सारे #सूनी_सुनी #गलियां सारी #सूनेपन में गुजरे हर पल हर क्षण जिंदगानी हमारी ,,,,, #सुनसानरास्ते सड़कों/जगहों/रास्तों
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White महीनो गुजरे......................... लेकिन आदतें नही सुधरी... हमारी....! बो दर्द देना नही भूलती....! और हम मोहब्बत करना.......💕 ©Rameshkumar Mehra Mehra # महीनों गुजरे,लेकिन आदतें नही सुधरी,हमारी,बोल दर्द देना नही भूलती,और हम मोहब्बत करना..💕
# महीनों गुजरे,लेकिन आदतें नही सुधरी,हमारी,बोल दर्द देना नही भूलती,और हम मोहब्बत करना..💕
read moreAnuradha T Gautam 6280
Bhupendra Rawat
White मैं गुजरे हुए लम्हों की तस्वीर लेकर आया हूँ जिंदा रहने की एक तदबीर लेकर आया हूँ तूने कहा है, अलविदा गुजरे लम्हों को मैं उन लम्हों की तक़रीर लेकर आया हूँ ©Bhupendra Rawat #sad_quotes मैं गुजरे हुए लम्हों की तस्वीर लेकर आया हूँ जिंदा रहने की एक तदबीर लेकर आया हूँ तूने कहा है, अलविदा गुजरे लम्हों को मैं उन लम्
#sad_quotes मैं गुजरे हुए लम्हों की तस्वीर लेकर आया हूँ जिंदा रहने की एक तदबीर लेकर आया हूँ तूने कहा है, अलविदा गुजरे लम्हों को मैं उन लम्
read moreSantosh Narwar Aligarh (9058141336)
लौट आते वो लम्हें बीते हुए neelu Noor Hindustani Shilpa Yadav Sunita Pathania Neel KRISHNA
read moreRimpi chaube
White विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... बीते कल से बेहतर आज समाज ऐसे है।। ©Rimpi chaube #समाज_ऐसे_है☺️ विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... ब
समाज_ऐसे_है☺️ विभिन्नता से ओत–प्रोत प्रकृति के जैसे है। हर देश में समाज मानवीय संवेदनाओं के रेशे है। जोड़कर रखते है इंसान को इंसान से.... ब
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्री कृष्ण जी के लिए, हमारे कर्म हो, केवल भगवान के लिए ही हमारा मन हो, भगवान के लिए हमारी वाणी हो, जो भी समय हमारा ऐसे बीते, वही जीवन मे समय का सदुपयोग हैं।। ©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्री कृष्ण जी के लिए, हमारे कर्म हो, केवल भगवान के लिए ही हमारा मन हो, भगवान
#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} भगवान श्री कृष्ण जी के लिए, हमारे कर्म हो, केवल भगवान के लिए ही हमारा मन हो, भगवान
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे सप्ताह गुजरे न विश्वास की सिंचाई न गलतियों की निराई न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं अभिलाषाएं उसे फसल की ओर चींखने लगा जोर जोर से निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा नीरस पुष्प ही पाया था उसने काश! झांक पाता सहस्त्रों बार किये उन वादों की ओर जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने ©Nitu Singh जज़्बातदिलके जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
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