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Rajesh kohli
नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी सबका भला करे जय माता दी 🙏🌹 ©Rajesh kohli 10/10/24
10/10/24 #Bhakti
read moreUNCLE彡RAVAN
एक चश्मा मेरा, और एक चश्मा समाज का, मंज़र अलग-अलग हैं दोनों के राज का। मेरी नज़रों में तो ख़्वाबों का जहाँ है, और समाज की नज़र में तो बस वो सज़ा है। मैं देखता हूँ उम्मीदें और आसमान की बुलंदियाँ, वो देखते हैं दायरे, बंदिशें और उनकी क़ैदियाँ। मैं देखूं तो मुहब्बत है, बेबाक सी हवा है, वो देखें तो रवायतें हैं, जो हर सांस पर सजा है। शायद कोई फ़र्क नहीं, चश्मों के रंग से है, या शायद सोच की हदें, जो समझ से परे है। क्या कभी दोनों की नज़रें एक जैसी हो सकेंगी, या रह जाएगी ये चश्मों की जंग, हमेशा अधूरी... ©UNCLE彡RAVAN #fog
vedant vivek
White अंधेरे को हराने अंधेरा नहीं रोशनी आएगी ... दर्द के गुनाहों पर पर्दा डालने खुशियां ही आएंगी.. सुबह की रोशनी में मुझे देखने वालों को क्या पता मेरी सच्चाई... रात की गहराईयों से पूछना कभी वो चीख चीख कर मेरे दर्द का हाल सुनाएंगी।।। ©vedant vivek #Light
Sumit...!!
Sumit... सफलता बलिदान मांगती है, रिश्तो का,समय का, सुख भरी नींद का.!! 🖤💯 . ©Sumit...!! #fog गम भरी शायरी शायरी दर्द
#fog गम भरी शायरी शायरी दर्द
read moreshreya singh bhardwaj
दुनिया में कैसे कैसे लोग होते है, बोलते है दुख शेयर करने से बोझ हल्का होता हैl यहा तो लोग ऐसे है सारा दिल का हाल लेकर बोझ हल्का क्या और बोझ दे देते है । खुद पर और भगवान पर भरोसा रखिए... बात आप और ऊपर वाले तक ही रहेगा.. ©shreya singh bhardwaj #fog
Bir Bahadur Singh
जिंदगी प्यासी हुई और पानी बिन है सुन, उसपे किस्मत दे रही बस ओस की बूंद, बस ओस की बूंद... ख्वाब है सजे हुए, कागज़ पर बने हुए, रंग हुआ खार है, पतझड़ ही अब बहार है। इन्हीं मोतियों में से कुछ अपने लिए चुन, किस्मत जो अब दे रही बस ओस की बूंद, बस ओस की बूंद। नाव है पतवार है और माझी भी इस पार है, मगर खेवनहार आज दिख रहा लाचार है। कहां से निकले कहां को जाए पूछ रही चप्पू की धुन, किस्मत ने जो दे रखा है बस ओस की बूंद, बस ओस की बूंद.... - वीरा अनजान(तुम्हारा शायर) , ©Bir Bahadur Singh #fog
Jishant ansari
ये लोग जो तुम पर शेर सुनाया करते हैं मतलब कबूतर से खत भिजवाया करते हैं शब्दो में कहाँ बयानगी है तेरे इश्क़ की ये हम है कि खुदको समझाया करते हैं जब महफ़िलो में होता ज़िक्र तुम्हारा बस कुछ शायर है जो इतराया करते हैं यू तो ग़ालिब सा गुमान रखते हैं शायर इन निग़ाहों में झांकने से घबराया करते हैं ©Jishant ansari #Light