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Parasram Arora
White नींद मे भी एक मां भीतर से जागी हुई होती है. हर पल उसे लगता है कही पास मे सोया बच्चा जाग न गया हो ©Parasram Arora सोई हुई माँ
सोई हुई माँ
read moreRakesh frnds4ever
White कहना सुनना आखिर कब तक !!??!! सहना सहना आखिर कब तक!!??!! क्रूरताओं और अत्याचारों के बीच में चीखती मेरी खामोशियां,, आखिर कब तक!!??!! प्रताड़नाओं की मार के आगे दबती सुबकती मेरी सिसकियां,,,, आखिर कब तक!!??!! कहना सुनना आखिर कब तक !?! रोना धोना आखिर कब तक!?! सहना सहना आखिर कब तक!?! जीवन संघर्ष का युद्ध कब तक?!? प्राणों का ये ताना बाना कब तक?!? कब तक आखिर कब तक मैं ही क्यों आखिर कब तक!!???!!!!?? ©Rakesh frnds4ever #कहना_सुनना आखिर कब तक #सहना सहना आखिर कब तक,,,,,, #क्रूरताओं और #अत्याचारों के बीच में चीखती मेरी #खामोशियाँ आखिर कब तक, प्रताड़नाओं
#कहना_सुनना आखिर कब तक #सहना सहना आखिर कब तक,,,,,, #क्रूरताओं और #अत्याचारों के बीच में चीखती मेरी #खामोशियाँ आखिर कब तक, प्रताड़नाओं
read moreShashi Bhushan Mishra
ख़्वाहिश कब लेती मंज़ूरी, रहती मन की बात अधूरी, भाग्य साथ देता तो होती, मनोकामनाएं सब पूरी, दीदावर मिल जाए सच्चा, नर्गिस कभी न हो बेनूरी, लोग मुकर जाते वादे से, रहती होगी कुछ मज़बूरी, मनचाहा मिल जाए कैसे, क़िस्मत के हाथों में छूरी, हरपा हुआ नहीं फल देता, छल प्रपंच से रखना दूरी, जीवन सफ़ल बना देता है, 'गुंजन' श्रद्धा और सबूरी, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#
#ख़्वाहिश कब लेती मंजूरी#
read moreParasram Arora
White इस दुनिया का हर देश और प्रत्येक आदमी आश्वत है कि जल्द आयेगी वो घडी ज़ब दूनिया मे एक क्रन्तिकारी परिवर्तन होता हुआ दिखेगा इस घड़ी की प्रतीक्षा हर युग मे की गई लेकिन कुछ भी बदलता हुआ हमें दिखा नही है आज तक ©Parasram Arora कब आएगी वो घड़ी
कब आएगी वो घड़ी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White ढ़लती हुई साँझ के साथ हम विदा लें फ़िर… मिलने के वादे के साथ.. ©हिमांशु Kulshreshtha ढलती हुई...
ढलती हुई...
read moreShashi Bhushan Mishra
कब तलक मेला चलेगा, फिर अकेलापन खलेगा, दिवस का अवसान होगा, सूर्य अस्ताचल ढ़लेगा, ख़त्म होंगे बाग से फल, वृक्ष भी कबतक फलेगा, बढ़ेगा उत्ताप जिस दिन, बर्फ पर्वत पर गलेगा, मोह में जिसके पड़े तुम, वही आकर फिर छलेगा, फूँक कर तुम छाछ पीना, तप्त हो यदि मुँह जलेगा, लाख करलो कोशिशें तुम, लिखा विधि का ना टलेगा, चूकना अवसर न 'गुंजन', हाथ फिर कबतक मलेगा, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #कब तलक मेला चलेगा#
#कब तलक मेला चलेगा#
read morePankaj Pahwa
खनक रहा था उसका सिक्कों से भरा खिसा, और वो कर बैठा था गुमान, खनक रहा था उसका सिक्कों से भरा खिसा, और वो कर बैठा था गुमान, और उधर सैलाब बस आने ही को था, और वो चढ़ बैठा था मचान, #8 नवंबर 2016 नोटबंदी ©Pankaj Pahwa #नोटबंदी