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Shashi Bhushan Mishra
कोई तो है जो सुन लेता है, सीप से मोती चुन लेता है, बेशक वो इन्कार न करता, मन ही मन में गुन लेता है, अपनी ही शर्तों पर चलकर, ख़ुद कपास को धुन लेता है, जीत गया जीवन की बाजी, खेत में भुट्टा भुन लेता है, भाग्य भरोसे नहीं बैठकर, फटी चादरें बुन लेता है, कठिनाई में बनकर रहबर, देकर दुआ सगुन लेता है, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ०प्र० ©Shashi Bhushan Mishra #कोई तो है जो#
Bhupendra Ganjam
White सताइश-गर है ज़ाहिद इस क़दर जिस बाग़-ए-रिज़वाँ का वो इक गुल-दस्ता है हम बे-ख़ुदों के ताक़-ए-निस्याँ का दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है ©Bhupendra Ganjam दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है #nojoto #nojotohindi #sad_quotes #vairl
दरीचा बे-सदा कोई नहीं है अगरचे बोलता कोई नहीं है nojoto #nojotohindi #sad_quotes #vairl
read moreKiran Chaudhary
कोई नई बात नहीं है। जब भी मुझे तुम्हारी सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तुम मुझे अकेला कर देते हो, ये कोई नई बात नहीं है। तुम्हारी खुशियों के आगे मैं हर बार हार जाती हूँ, ये कोई नई बात नहीं है, जब भी मुझे लगता है, कि हमारे बीच अब सबकुछ सही है, तुम मुझे गलत ठहरा देते हो, कोई नई बात नहीं है, मुझे बातें नहीं करनी शेयर, बस कुछ पल को रो लेने का मन है तुम्हारे सामने, सब कुछ ठीक है और ठीक हो जाएगा ये कहकर मुझे अकेला छोड़ देना कोई नई बात नहीं है।। ©Kiran Chaudhary कोई नई बात नहीं है।।
कोई नई बात नहीं है।। #Shayari
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही रिश्ते का फिर भी रिश्तों को निभाता है कोई इस तरह चाहता अब है मुझको सारी दुनिया को बताता है कोई सारे इल्ज़ाम हमारे लेकर मुझको बेदाग़ बताता है कोई हो न जाऊँ खुशी से मैं पागल जान ऐसे भी लुटाता है कोई अब तो रहता नशें में हूँ हरपल ज़ाम आँखों से पिलाता है कोई रात कटती न प्रखर करवट में याद ऐसे मुझे आता है कोई महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही
ग़ज़ल :- देख कर ख़ुद को छिपाता है कोई अपने ख़ुद अश्क़ बहाता है कोई दिल की आवाज़ सुनाता है कोई । वज़्म में अपनी बुलाता है कोई ।। नाम कोई भी नही #शायरी
read moreVinod Mishra