Find the Latest Status about nakhre jassi gill mp3 from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, nakhre jassi gill mp3.
aditi the writer
White जब तक था जीवन में उजाला, रत्न टाटा ने दीप जलाया। सेवा, समर्पण, मानवता का, हर पल संदेश सुनाया। नफे-नुकसान से ऊपर उठकर, जीवन का मार्ग दिखलाया। देश को जोड़े सपनों से, हर दिल में आशा जगाया। गरीबों का सहारा बने, शिक्षा-स्वास्थ्य को दान दिया। हर कठिनाई में साथ खड़े, अपना सब कुछ अर्पण किया। सादगी में जीने वाला, सपनों को आकार दिया। उनके विचारों का अमर दीप, हर युग को रोशन किया। अब नहीं हैं हमारे बीच, पर यादों में वे सदा रहेंगे। रत्न टाटा का वो उजाला, हर दिल में अमर रहेंगे। ©aditi the writer #Ratan_Tata आगाज़ vineetapanchal jassi gill Niaz (Harf) shraddha.meera
#Ratan_Tata आगाज़ vineetapanchal jassi gill Niaz (Harf) shraddha.meera
read moreaditi the writer
White खामोशी तन्हा रात की, आसमां पे चाँद की सौगात सी, सितारे थमे हुए, झील से गहरे, तन्हाई के पहलू में सपने खामोश हैं। हवा भी धीमे से चलती है, जैसे किसी राज़ की गवाही देती है, रात की चादर ओढ़े दिलों के दर्द, जिन्हें बयां करने को कोई पास नहीं। चुपचाप चलती हैं घड़ियाँ यहाँ, हर टिक-टिक में सिमटी हैं कहानियाँ, खामोशी की ये अनकही जुबां, सुनाती है दिल की धड़कनों का बयां। तन्हा है ये रात, पर प्यारी भी, जैसे किसी अपने से मुलाकात की तैयारी भी, अंधेरों में छिपे कुछ उजाले से पल, जो सिर्फ खामोशी में ही मिलते हैं कल। ©aditi the writer #Khamoshi आगाज़ shraddha.meera account deactivated AK Haryanvi jassi gill
#Khamoshi आगाज़ shraddha.meera account deactivated AK Haryanvi jassi gill
read moreaditi the writer
White आँसू भी बहते हैं बिना आवाज़ के, जैसे दरिया की लहरें किनारे चूमती हैं। दर्द का ये आलम है, कि हर दिल में एक चुप्पी सी रहती है। जिंदगी की राहों में जो खोया, वो कभी वापस नहीं आता। दर्द का ये आसमान ऐसा, जो चाहे भी तो सिमट नहीं पाता। ©aditi the writer #sad_quotes vineetapanchal Kumar Shaurya आगाज़ Niaz (Harf) jassi gill
#sad_quotes vineetapanchal Kumar Shaurya आगाज़ Niaz (Harf) jassi gill
read moreaditi the writer
White अचानक झेंप कर हँसने लगा मैं बहुत रोने की कोशिश कर रहा था भँवर में फिर हमें कुछ मश्ग़ले थे वो बेचारा तो साहिल पर रहा था लरज़ते काँपते हाथों से बूढ़ा चिलम में फिर कोई दुख भर रहा था अचानक लौ उठी और जल गया मैं बुझी किरनों को यकजा कर रहा था गिला क्या था अगर सब साथ होते वो बस तन्हा सफ़र से डर रहा था ग़लत था रोकना अश्कों को यूँ भी कि बुनियादों में पानी मर रहा था ©aditi the writer #Poetry y vineetapanchal Kumar Shaurya jassi gill Niaz (Harf) आगाज़
Poetry y vineetapanchal Kumar Shaurya jassi gill Niaz (Harf) आगाज़
read more