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Shailendra Anand
रचना दिनांक,,6,,,10,,,2024 वार,,,,, रविवार समय,,, ,,सुबह ्््पांच बजे ्््््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् छाया चित्र वीथिका में भावचित्र ््््् है शारदीय नवरात्र में चतुर्थ चतुर्थ भाव में, निश्चल सत्य अदृश्य शक्ति दिव्यता कोटीश्यं प्रमाणितं , ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र अतुलतेजस्वी, चतुर्थ दिवस मंगलमय चतुर्थ भाव भंगिमा इच्छा शक्ति से अर्जित,, मां कुष्मांडा शुभदास्तु सदा सुखी , पूर्णी धनक्षंरी अखरी नक्षत्री में,, एक पूजा एवं मंत्र शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन वन्दंनीय ्््भावचित्र है जगत आधार मातृशक्ति दें।।््् मां चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास जिले में स्थित योगिस्थ होकर कूण्डलिनी जागृत कर,, समाधिस्थ मनोतेज होकर ध्यान में मां शब्द में प्राणपण लफ्ज़ समर्पण भाव वंशानुगत से सजाया गया है।। मां की तरह ही आनंद जिंदगी में,, ,परिश्रम ही जिंदगी से जुड़ी हुई हमें अपने विचार से, अपनी दिशा में अग्रसर हो प्यारा सा जीवन, को लेकर खुश रहो जमाने में क्या रखा है।। मैं हर पल अनमोल विचार प्रवाह प्यार में,, मां शब्द साधक साधना तपस्या साधक के रूप में दिव्य चक्षु खुल कर देख रहा है,, ईश्वर सत्य है,, इन्सान जोश और हौसला बूलन्दियां से , प्राणपण समर्पण भाव ह अपन इन्सान और समय पर ख्यालात अच्छे हो परिश्रम से जन्मा विचार सच है,, देश धर्म संस्कृति में समकालीन परिदृश्य में,, मां का स्वरूप में माना कि तू मूझसे बेखबर है,,।। मां यशोधरा और उसके बाद का स्वरूप में प्रथम गुरु मातृ शक्ति हे मां दैवीय शक्ति कुष्मांडा देवी चतुर्थ दिवस शारदीय नवरात्रि पर्व मंगलमय हो,, यही मेरी कामना करते हैं।। ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 6,,,,10,,,,2024,, , ।। मां कुष्मांडा दैवीय शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमो नमः।। ©Shailendra Anand #navratri भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
#navratri भक्ति सागर कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShashi Bhushan Mishra
जज़्बातों की खाई में, फिसल गए चिकनाई में, उऋण नहीं हो पायेंगे, उम्र कटी भरपाई में, अपनापन का अंदेशा, फिसलन है इस काई में, प्रेम प्यार सब भूल गए, झूठी मान बड़ाई में, फैशन के युग में यारों, फर्क़ न चाचा ताई में, लालच लोभ बढ़े इतने, प्रेम न भाई भाई में, 'गुंजन' ये महसूस हुआ, सुख आनंद भलाई में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #सुख आनंद भलाई में#
#सुख आनंद भलाई में# #मोटिवेशनल
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रचना। दिनांक,,,5,,,10,,,2024 वार,,,, शनिवार समय,, सुबह ्््पांच बजे ््््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् छाया चित्र में शारदीय नवरात्र पर्व काल तृतीय दिवस पर ,, राष्ट्राभिनंदनमां चंद्रघंटा देवी का स्वरूप और प्रेम में,, अटूट आस्था निज विचार सचका स्वरूप श्वेत वस्त्र से ,, दीप प्रज्जवलित आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक में, ज्योति प्रकट मेंचंन्द्र शीतल सा जीवन प्रकाश में , अर्ध नारीश्वर रुप में शिवशक्ति स्वरुप का भाव श्रंगारित,, रुप सज्जा सौन्दर्य और यह सुखद अहसास ही, जिंदगी का आनंद है।। ईश्वर और धर्म में वैचारिक रूप से , जीवनयापन चक दे इंडिया छत्र चंवर धवंल श्वेत पूष्पित, वेणी गजं केश श्रंगार से कर्ण कुण्डल शोभित कर, मधुर मुस्कान मन्द अधर पर चंद्र दर्शन भगवती दुर्गा पूजा स्वयं ही अपने आप, भक्ति भाव सहित करती है।। सेवा में नजर आये वह बदल गया है,, समय बड़ा बलवान है और ईश्वर ने देवी शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन करते हैं।।्् ्््भावचित्र ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 05,,,,,10,,,2024 साफ ©Shailendra Anand #navratri भक्तिमय संगीत ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
#navratri भक्तिमय संगीत ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
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रचना दिनांक26,,,,4,,,10,,,,2024 वार,,,,,,,,, शुक्रवार समय,,,, दोपहर तीन बजे ््््निज विचार ््् ्््शीर्षक ््् ््भाव चित्र ््मैं छाया चित्र है शारदीय नवरात्र में मां के व्दितीय स्वरूप में मां का ब़म्ह चारिणी यानी आचरण में विचरण में,, देवत्व कलाओं में पारंगत विदूषीयो के सतत प्रवाह, मंत्र शक्ति दिव्यता कोटीश्यं नमन करते हैं।। प्रमाणितं ब़म्हकर्मसाक्ष्य श्रीविश्वामित्र अतुलतेजस्वी, चतुर्थ भाव भंगिमा इच्छा शक्ति से अर्जित किया गया,, मां गायत्री का स्वरूप और संरचना प्रयोग आराध्य देवी में , सम्पूर्ण जीवन में, बीजशक्ति मंत्र शक्ति अखण्ड दिव्य चक्षु संवरचना निर्राकारंओकारं आत्मज्योतिनवपिण्ड धर्मश्रंखला में , महान् कार्य मां गायत्री मंत्र शक्ति सजृन धरा पर अवतरित मंत्र शक्ति से अर्जित किया गया ।। ईश्वरीय वरदान से जन्मा विचार सच में अखिल विश्व में , गायत्री मंत्र जाप करने वाली शक्ति पात में , अनंत परिपूर्ण शब्दयोग ही सुन्दर छबि मनोमय प्यारी सी , मुस्कान होंठ पर रख दिया अमिट प्रेम शब्द से , जन्मा विचार ही मां शब्द का स्वरूप सौंदर्य ही आनंद है ।। जो धरती पर साकार लोक में भ़मण करते हुए जीवन में मां का ब़म्हचारिणींतृतीयं स्कंद षष्ठी तिथि पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ,, क्योंकि धड़कनों में गुंथी हुई धुन पर जनमानस में , एकात्मकता समरुपता से सजाया गया है ।। मां चामुण्डा देवी गन्धर्व नगरी मध्यप्रदेश देवास में, खुशहाली और उसके भाव भंगिमा दीप प्रज्जवलित, आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद से सजाया गया है ।। तुलजा भवानीविराजितं से जन्मा आत्म मंथन चिन्तन में, साधक साधना तपस्या में लीन रहते भक्ति से सजाया गया है।। मां महाकाली देवीय चमत्कारों से भरा हुआ, क्षैत्रपाल भैरव और बटुकभैरव क्षैत्रपाल, हनुमंत कपीसा क्षैत्रपालाय नमः ।। यही सच्चाई देखकर सहसा जगत में , बिन ज्ञान सब कुछ अधुरा है ।। जीवन सार सार्थक निर्णय स्वप्रयास ही सुन्दर छबि को, परखना सदगुरू बिना सब अधुरा है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् 4,,,,,10,,,,2024,,,, ©Shailendra Anand #navratri भक्ति में लीन हैं ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
#navratri भक्ति में लीन हैं ्््कवि््शैलेन्द़ आनंद
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक ्््0,,3,,,,10,,,2024,, वार,,,, गुरुवार समय,,,,सुबह,,,, पांच,,, बजे ्््््भावचित्र ्््् ्््निज विचार ््् ्््््््छाया चित्र में नीली रोशनी में चमक आ गई, चमचमाती अन्य प्रकाश की किरणों का एक बड़ा सा अनोखा उपकरण सा प्रतीत होती्््् मेरे जीवन की नई तकनीक और अपनी रूह की नई पाठशाला कार्यशाला है,,,,्् जिसमें जीना और मरना कोई रिश्ता भी इन्सानी मानस से कोई मायना नहीं रखता है।। यह विचार विज्ञान में सतत् प्रयास शोध में क्या पाया और क्या खोया इस सुधबुध में रहता हूं, मैं उस आनंद में पागल दिवाना हूं ,शैलेंद्र आनंद जो एक एक नई विज्ञान की टेक्नोलॉजी और सांइस सेविज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में,दुनिया की सबसे बड़ी सांइस की प्रयोगात्मक परीक्षा परिणाम और समीक्षा में त्वरित रूप है जीवित है।। साध्य में गणना और सारणी आवर्त प्रवृत रसविज्ञान से, स्वादेन्द्रिय से घटक पदार्थ और उर्जा शक्ति का, मुल्य आंकलन मुंल्याकन ही किसी विषय पर एक प्रारम्भिक चरण व्यवस्था है।। जो स्पर्श चिकित्सा शल्य चिकित्सा से उपचार करना लाजिमी है,, जो जलचिकित्सा में बायोलॉजी केमिस्ट्री और, मैथ्स ऐंड ओवरऑल सांइस मैथर्ड पर सजग है।। आज के लिए क्या है कल पर क्या करेंगे इस पर ध्यान केंद्रित कर देख रहे हैं,, ताकि जीवन का कमंयोग आधार क्या है, जो सकारात्मक सोच पर निर्भर जीवन रक्षक प्रणाली पर , जिंदगी में, मानसिक रूप से संबल प्रदान करने वाला होना चाहिये।। हम तरंग में ध्वनि में स्वर में प्रेम में स्वर चिकित्सा संगीत सुनाते हुए भी ,, इन्सानी मानस में शास्त्र में उपचार करना ही ,, वास्तविक जीवन में एक सुंदर वातावरण का संसार जगत है।। यह विज्ञान ही चल,अचल, तंत्र,मंत्र, यंत्र, मात्रा में शुन्य में ही विज्ञान सार में यह मात्र एक अनुठी विचार श्रंखला है,, अनवरत चलने वाली अग्नि परीक्षा प्रेम श्रद्धा प्यार समर्पण जीवन शैली, अपनी दिशा में एक एक नवसंस्कार है।। ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््् 03,,10,,,2024,,, ©Shailendra Anand #GoodNight मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
#GoodNight मोटिवेशनल कोट्स ऑफ़ द डे ्््््कवि शैलेंद्र आनंद
read moreShailendra Anand
White रचना दिनांक,,, 02,,, अक्टूबर,,,,2024,,,, वार। ,,, बुधवार,,,, समय काल सुबह पांच बजे,,,, ््््निजविचार ््् ्््््शीर्षक ््् ््््छाया चित्र में दिखाया गया है आज चेहरे पर जिंदगी को बेहतर समझना जरूरी है ््् रहा सवाल इन्सान का जो मानवता पर जिंदगी में जन्म दिवस और सर्व पितृ पक्ष मोक्ष अमावस्या की उपस्थिति होना आज के दिन 00,,,2 ,,,, 0,,,अक्टूम्बर,,,0,,,2024,,, अपने आप में महत्वपूर्ण भूमिका में आ गया है ््््् ्््््भावचित्र ््््् मानवता का पूजारी एवं लोकतंत्र का प्रहरी का जन्म दिवस सर्वश्री लाल बहादुर शास्त्री जी और राष्ट्र पिता महात्मा गांधी जी का जन्म दिवस 0 2 देश की विभुतियों का जन्म चरित्र सत्य और अहिंसा के रूप में पूज्य से पूज्यनीय बना दिया गया है ।। देश की दो ऐसी शख्सियत को परखना समझना आज के परिवेश माहौल में ्् देश में अवाम में खुशहाली और सपना पूरा करना और देश में धर्म और जाति सम्प्रदाय पर जिंदगी में , जाति और धर्म से प्रेम को बाटना और काटने का, दूर्लभ कृत्य को परखना समझना बहुत जरूरी है।। महात्माओ का जीवन दर्शन मार्गदर्शन करें , जनसेवा ही मानव सेवा में नज़र आ रही प्राणपण लफ्ज़ और उसकी उत्पत्ति में ,, अवतार जन्म मृत्यु सत्य असत्य पर जिंदगी का आयना मजमा लगा हुआ,, सर्व धर्म समभाव निष्ठ का स्वरूप सर्व पितृ अमावस्या में , आंखें डालकर देख रहा आज का वास्ता उसका वर्तमान समय का परिवार , राष्ट्रभक्त संस्कारित परिवार शास्त्री और महात्मा गांधी का परिवार , और सकलराष्ट्र ही सुन्दर मेरा परिवार जिंदगी है।। चित्र में भाव सुझाव श्रद्धा सूमन हर्ष और उल्लास और,, खादी ग्रामोद्योग और खादी का वास्ता राजतंत्र के खिलाफ , जन आंदोलन का वास्ता हैवान और शैतान को समझना ही सच्चा गांधी दर्शन है।। यही सब धर्मों में समरुपता और जन्म दिवस और स्वतंत्रता सेनानीयों का स्वरूप ही लोकनायक गांधीजी का अलख जगाने वाले अच्छे लगते है कथन सच्चाई और ईमानदारी कर्म सिपाही महापुरुष को पढ़कर अभ्यास कर नवपीढी में , का दोहन शोषण हीसूविचार का प्रणेता ही आनंद है ।। यही आज का दौर है और महामना श्री शास्त्रीजी और महात्मा गांधीजी का मौलिक सिद्धांत का स्मरण समर्पण भाव देवत्व प्राप्त कलात्मक अभिव्यक्ति श्रद्धांजलि अर्पित सर्व पितृ मोक्ष कारकं अमावस्या पर गंगा स्नान अंजलि तर्पण विधि करहु अजपा श्रैष्ठ अस्थि कलश में जल प्रवाहित करें जनसेवा ही मानव सेवा है।। ््््भावचित्र ््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ््् ,,02,, अक्टूबर 2024,,, ©Shailendra Anand #gandhi_jayanti अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद
#gandhi_jayanti अनमोल विचारक कवि शैलेंद्र आनंद
read moreRameshkumar Mehra Mehra
White आनंद बहां नही................ जहां धन मिलता है..! आनंद बहां है...!! जहां मन मिलते है...!!! और परमानंद बहां है....!!!! जहां तन मिलते है... ©Rameshkumar Mehra Mehra # आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है....
# आनंद बहां नही,जहां धन मिलते है,आनंद बहां है,जहां मन मिलते है,और परमानन्द बहां है,जहां तन मिलते है.... #Quotes
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बायो में लिंक है....आनंद आयेगा सुनकर.... #शायरी
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