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New सड़क तुम अब आई हो गाँव जब सारा गाँव शहर जा चुक़ा है - कवि महेश चंद्र पुनेठा Quotes, Status, Photo, Video

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Stories related to सड़क तुम अब आई हो गाँव जब सारा गाँव शहर जा चुक़ा है - कवि महेश चंद्र पुनेठा

Dhaneshdwivediwriter

#traveling दस साल बाद मौत नजर आई दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए जब उसने कहा अब तुम मुझे भूल जाओ, घरवाले नहीं मानेंगे। #

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Unsplash दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।















।

©Dhaneshdwivediwriter #traveling दस साल बाद मौत नजर आई
दम घुटने लगा और पैर लड़खड़ाए
जब उसने कहा 
अब तुम मुझे भूल जाओ,
घरवाले नहीं मानेंगे।

#

Nurul Shabd

Mithilesh Kumar Jha

#इस पार प्रिये मधु है तुम हो...

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F M POETRY

#जब छत पे तुम....

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White जब छत पे तुम आ जाते हो ज़ुल्फ़ों को बिखेरे..

चाँद आता है दीदार ही करने को तुम्हारे..


यूसुफ़ आर खान....

©F M POETRY #जब छत पे तुम....

Satish Kumar Meena

सड़क

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Shailendra Anand

#Sad_Status भक्ति सागर ्््भावचित्र मन से मन की शब्द यात्रा सुन्दरता है मनमोहक चंद्र दर्शन ्् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद

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White ््दिनांक ््18,,10,,2024,,
वार ्््शुक्रवार ््
समय ्््सुबह ्् दस ्् बजे

्््निजविचार ्््
्््््शीर्षक ््््
्््भावचित्र ््
््््दिल से दिल में अनजानी अनचाही मन की शब्द यात्रा ्््

चंद़ में एक शीतल हवाओ का झरोखे में,
 तुझको चाहा दिल से तुम्हे खोज रहे है ,
किसी भी किरदार में मैं नजर आती नहीं,
 मेरे दिल में।।
ना कोई अंदेशा ना कोई संदेश ये रिश्ता अनमोल है,
 समझता नहीं है ये दिल।।
माना कि तुम मेरे अंदर एक सूर की मधुरम वो किरण हो
 जो सुन्दरत्तम की नायाब मूरत दिखती नहीं हो,
 सिर्फ सिर्फ एकमेव नियती में महसूस होती हो ।।
वो प्यारा नजारा देखने वाले दिल मानता नहीं है,,
तेरी भोली भाली सूरत हंसीं दिल को ना जाने क्या कह रही हैं,।।
यह दिल का समन्दर किसी अनजाने तूफान का आगाज करने वाला है,
वो शख्स है जिसने वो लफ्जो से भावना से मन से कोई निर्णय स्वप्रयास से जन्मा विचार,,
 दिल से दिल में क्या कह दिया पता नहीं चलता है।।
 जो समय के गर्भ छुपा हुआ है आयना नजरिया बदल नहीं सकता है,,
अगर मगर ख्याल नहीं है भविष्य अपना काम कर रहा है,
 और हम दिलों से दिमाग में यह तन मन को शांति का दिलासा देते हैं।।
यह शीर्षक चंद्र दर्शन शीतल जल से स्नान अंजलि हवा से पावन पर्व,
 हो शरद पूर्णिमा के अवसान और कार्तिक कृष्ण पक्ष एकम में दिल का दीप प्रज्जवलित ,,
आत्मज्योतिनवपिण्डसाधक आनंद लें और माँ बगलामुखी साधना तपस्या खुद से खूद में सवाल उठता।।
 मां सरस्वती और काली लक्ष्मी पूजा दीपावली का आगाज है,,
 दिल से दिल में पूर्णतया विकसित हो रहा है।।
 देवदिवाली तक निर्गुण निराकार रूप में एक स्वर में प्रेम गान हैं ,,
इस दिल का दिल से मिलन समारोह है आपका आपके लिये विचार सच है।
।््कवि शैलेंद्र आनंद ्
18,,,10,,,,2024,,,

©Shailendra Anand #Sad_Status  भक्ति सागर
्््भावचित्र मन से मन की शब्द यात्रा  सुन्दरता है मनमोहक चंद्र दर्शन ््
्््््कवि शैलेंद्र आनंद

rakesh

अब इसकी भी खेती हो रही है

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Praveen Jain "पल्लव"

#international_Justice_day जब न्याय का सूरज ही अंधकार की ओर जा रहा हो #nojotohhindi

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White पल्लव की डायरी
आधे अधूरे फ़ैसले
अन्याय का पोषण कर रहे है
सियासतों के दबाकर केस,
अराजकता को हवा दे रहे है
दुरुपयोग कितना बढ़ गया कानूनों का
व्यवस्थाये होती तार तार है
टूट रहा सब्र का पैमाना माननीयो से
कायम मिशाल नही कर पा रहे है
मनमानियां सिर उठा चुकी है
न्याय और नैतिकता के अभाव में
देश गर्त की ओर जा रहा है
रहनुमाओं के भेष में छ्ल बल बढ़ गया है
सजा इन्हें कौन दे अब
जब न्याय का सूरज ही 
अंधकार की ओर जा रहा हो
                                        प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #international_Justice_day जब न्याय का सूरज ही अंधकार की ओर जा रहा हो
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