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AwadheshPSRathore_7773
White सभ्य समाज मे मनुष्य बिना रिश्तों के रह नहीं सकता इसलिए रिश्ते बनाता है और रिश्ते ही उम्मीद देते हैं । लेकिन जब रिश्तों में वफा न हो,उम्मीदें पूरी न हों,तो दर्द होता हैं लेकिन जब मनुष्य का ज्ञान बढ़ते जाता है। तब उसे अपना फर्ज तो याद रहता हैं लेकिन उम्मीदें मर जाती हैं यह निर्मल और पवित्र ह्दय की निशानी है एक बार अगर ह्दय निर्मल और पवित्र हो गया तब समझो वह व्यक्ति सारी दुनिया को उस उदार मन से देखता है जहाँ उसे संसार के किसी भी प्राणी मे कोई गुण दोष नहीं दिखाई देता है सब प्राणियों के अंदर उसे प्रभु और प्रभु के अंदर ही सारी दुनिया समाहित दिखती है उसे एसा अगर किसी को प्राप्त हो जाए तो समझे वह व्यक्ति महानिर्वाण की महादशा को प्राप्त होने वाला है चैतन्य महाप्रभु से यह अवस्था रामकृष्ण परमहंस को प्राप्त हुई और रामकृष्ण परमहंस से यह दिव्य स्वरूप स्वामी विवेकानंद को प्राप्त हुई थी औऱ देखिये इतिहास उठाकर की तीनों दिव्य विभूतियों ने किस तरह अपनी तरह से इस अखिल विश्व को एक नई दिशा दी है। प्रणाम सादर वंदन नमन अभिनंदन तीनो महाविद्या महाविद्यालय के संत ह्रदय संस्थापक गुरुजी को ©AwadheshPSRathore_7773 #KrishnaJanmashtami पर मेरे सभी nojotos viewers को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें और बधाईयाँ तथा देर से पोस्ट डालने के लिए क्षमाप्र
#KrishnaJanmashtami पर मेरे सभी nojotos viewers को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें और बधाईयाँ तथा देर से पोस्ट डालने के लिए क्षमाप्र #राधा #भक्ति
read morePrakash writer05
मेरा #गांव अब उदास रहता है.. ✍️ लड़के जितने भी थे मेरे गांव में। जो बैठते थे दोपहर को आम की छांव में। बड़ी रौनक हुआ करती थी जिनसे घर में #मोटिवेशनल
read more@..kajal..@
Ankur
बांके-बिहारी मंदिर, वृंदावन का जन-सैलाब #vrindavan #bankebihari #JAI_SHREE_KRISHNA #nojolove भक्ति सागर
read moreकाव्यात्मक अंकुर
वृंदावन बहरुन यावा पाऊस फुलावे हे अंगण मुसळधार नको फक्त सुंदर दिसावे वृंदावन ©काव्यात्मक अंकुर #वृंदावन #अंकुर #काव्यात्मकअंकुर🌱 #पाऊस #expression #marathi #मराठीचारोळी #marathicharolya #rain #Nature मराठी कविता निसर्ग कविता मराठी मैत
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read moreभारद्वाज
White पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श करती थी? आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था? शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता, लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता था। वाल्मीकियों के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं! आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था? भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी? किसने आपके कपड़े धोये? डोली अपने कंधे पर कौन मीलो-मीलो दूर से लाता था और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी कि आपकी बिटिया को छू भी दे। किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ महीने में आपकी आत्मा तृप्त हो जाती थी? कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था? कौन फसल लाता था? कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं? जाट समाज से होली थाम एव मकान निर्माण से ईंट रखवाना। जीवन से लेकर मरण तक सब सबको कभी न कभी स्पर्श करते थे। . . . *और कहते है कि छुआछूत था।* *यह छुआछूत की बीमारी अंग्रेजों ने देश को तोड़ने के लिए एक साजिश के तहत डाली थी।* *जातियां थी, पर उनके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका कभी कोई उल्लेख नहीं करता।* *अगर जातिवाद होता तो राम कभी सबरी के झूठे बेर ना खाते,* *बाल्मीकि के द्वारा रचित रामायण कोई नहीं पढता,* *कृष्ण कभी सुदामा के पैर ना धोते!* जाति में मत टूटिये, धर्म से जुड़िये.. देश जोड़िये.. सभी को अवगत कराएं! *सभी जातियाँ सम्माननीय हैं...* * एक भारत, श्रेष्ठ भारत।*. ©भारद्वाज #love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर
#love_shayari #पुराने जमाने में जब हॉस्पिटल नहीं होते थे.. तो बच्चे की नाभि कौन काटता था, मतलब पिता से भी पहले कौनसी जाति बच्चे को स्पर्श कर #Life
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