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Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी कुकर्मो अधर्मी ने पापाचार से मानवता की धारा कलंकित कर डाली है हैवानियत की हदे बढ़ा दी है नवरात्रि पर नव माता की आराधना करते वही अश्लीलता औऱ नज़रो से शील नारी और स्त्री का भंग करते है हर नारी देवी है शक्तिस्वरूपा है नर को हर रूप में संबल देती मगर आज उसी को हवस का शिकार बनाते फिर यह कैसा दुर्गा काली का सम्मान है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #navratri फिर यह कैसा, दुर्गा काली का सम्मान है #nojotohindi
#navratri फिर यह कैसा, दुर्गा काली का सम्मान है #nojotohindi #कविता
read morePriya Gour
किसी भी रिश्ते में उपहारों का लेन-देन जरुरी नहीं है, पर रिश्तों में प्रेम रुपी खाद और सम्मान रुपी जल जरुरी है। ©Priya Gour ❤🌸 #4Oct 9:51 #सम्मान #प्रेम
Shiv Narayan Saxena
पितरों से पहचान है पितरों से सम्मान तन मन धन सब हम पे कर देते कुर्बान कूकुर कागा को सदा दिलवाते हैं मान भूल क्षमा करिए दया हे पितर भगवान ©Shiv Narayan Saxena पितरों से सम्मान.....
पितरों से सम्मान..... #Poetry
read moreVishalkumar "Vishal"
जब तक भाषा का सम्मान नहीं करोगे तब भाषाएं तुमको परेशान करती रहेगी। ©Vishalkumar "Vishal" हर भाषा का सम्मान करो ।
हर भाषा का सम्मान करो । #शायरी
read moreAshvani Kumar
सम्मान की बात आए तो गुस्सा यहां के लौड़ों के सर पर है, अपने पे उतर आएं तो कर देते हालात बद से बद्तर है, हमारा भौकाल कितना कट्टर है, की आओ कभी कानपुर तुमको बताएं की कैसा UP78 है।। ©Ashvani Kumar सम्मान
सम्मान #Shayari
read moreDR. LAVKESH GANDHI
White शिक्षक एक चरित्रहीन व्यक्ति को जब समाज या विभाग सम्मानित या महिमामंडित करता है तब उस समाज या विभाग का पतन निश्चित होता है | ©DR. LAVKESH GANDHI #teachers_day # # शिक्षक का सम्मान #
teachers_day # # शिक्षक का सम्मान #
read moreDeven(बदनसीब सुख़नवर)
White घर से निकला हूँ लेकर,मैं यादों की सन्दूक, अपने देश की रक्षा खातिर,मैंने थामा है बन्दूक। याद मुझें हैं अब भी गलियां सारी,अपने प्यारे गाँव की, भूला नही अम्बिया की छईयां,ना ही कोयल की कूक। बात बात पर मुझे डाँटने वाले,माँ बाबूजी तुम सुन लो, सरहद पे खड़ा,ये लाल तुम्हारा,अब नही करेगा चूक। हाँ ये सच है यहाँ रसोई में,खाने का स्वाद अलग है, पर माँ तेरी रोटी याद करूँ,तो मेरी बढ़ जाती है भूख। अश्कों के संग बह जाता है,सारा रुतबा और रसूख, अच्छा नही,यादों से कह दो,वर्दीवाले संग ये सुलूक, किस स्याही से लिखते हो,खत में रूबरू दिखते हो, बातें पढ़के तुम्हारी उठे इस दिल में,एक तीखी सी हूक। मैं सीमा का रखवाला,रहता उन यादों की जद में, बनके घातक असलहा,जो मुझपे वार करें अचूक। या आऊँगा सही सलामत या तिरंगे में लिपटकर, ये तो तय मैं लौटूंगा दुश्मनों के सारें बंकर फूँक। हर कसम मैं अपनी,आखिरी साँस तक निभाऊंगा, वादा याद रखो तुम,दिल में मत रखना कोई शुकूक। ©Deven(बदनसीब सुख़नवर) #kargil_vijay_diwas सारें भारतीय सैनिकों के सम्मान में....
#kargil_vijay_diwas सारें भारतीय सैनिकों के सम्मान में....
read moreRamnik
White जब रिश्तों में सम्मान मांगना पड़े या लड़ना पड़े तो समय आ गया है ऐसे रिश्तों को छोड़ने का, खुद को सम्मान देने का। ©Ramnik #सम्मान
Kavya Suryavanshi
White शब्द पुरुष - मेरा गुस्सा बोहोत खराब है, मैं डरता हूं कभी तुम पर हाथ ना उठा दूं ! स्त्री - क्या तुम्हारा गुस्सा शिव जी के तांडव से भी ज्यादा है ? पुरुष - नहीं उनके गुस्से के आगे मेरी क्या औकात ! स्त्री - तो क्या तुमने कभी सुना है कि पूरी दुनिया को एक पल मे समाप्त करने की क्षमता रखने वाले शिव ने कभी अपनी अर्धांगिनी पर हाथ उठाया ? शिव जी ने तो अपनी पत्नी के गुस्सा होने पर( प्रचंड रूप) में आने पर उनके कदमों में लेटकर उन्हें शांत किया है, लड़कर नहीं ! अर्थात - स्त्री का सम्मान सदैव सर्वोपरि है ! ©Kavya #स्त्री का सम्मान