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Lalit Saxena
हमने ख़ुद को ज़िंदा जलते देखा है रोशन दिन आँखों में ढलते देखा है सांस-सांस पीर कसमसाती रहती मुर्दा सपने पांवपांव चलते देखा है उगते सूरज के जलवे देखे हर दिन उदास शाम को भी उतरते देखा है ख़्वाहिशें, सारे ही रंग उतार देती है उम्रदराज़ को भी, मचलते देखा है दरवाजे पर नहीं कोई दस्तक हुई हर सुब्ह उन्हें वैसे गुज़रते देखा है दिन बुरे हों, तो ये दरिया भी सूखे बुलंदियों को भी, बिखरते देखा है ©Lalit Saxena ग़ज़ल
ग़ज़ल
read moreguru
Unsplash मैं तेरे बाद भी तेरे जैसा ही खोजता हूँ , जो बेवफाई तो करे पर बेवफा न लगे ! इश्क़ रोज हजार करो लेकिन ध्यान रहे , किसी को पहले प्यार की बद्दुआ न लगे !! ©guru #traveling #love #बेवफाई #heartbroken लव सैड शायरी 'लव स्टोरीज'
#traveling love #बेवफाई #heartbroken लव सैड शायरी 'लव स्टोरीज'
read moreSethi Ji
White इस खूबसूरत चेहरे के पीछे ना जाने कितना ग़म छुपाते हो इश्क़ खुद करते हो और हमको समझाते हो क्या बताएं तुमको अपनी मोहब्बत की दास्तान तुम हर दिलजले आशिक से नज़रें लड़ाते हो अपनी जवानी से हर दीवाने दिल पर ज़ुल्म धाते हो खुद दर्द देते हो और खुद ही मुस्कराते हो खूबसूरती बस एक ढोंग हैं , प्यार दुनिया हैं सबसे बड़ा रोग हैं तुम भी अपने हसीन चेहरे के ऊपर बेवफाई का नकाब लगाते हो हम बादशाह हैं मोहब्बत के इस ज़ालिम खेल के और तुम अपनी बातों से हमको ही बनाते हो जुदा हो गए दो दिल मिलने वाले , ख़ुदा हो गए खुद को चाहने वाले फिर भी तुम रोज़ ख्वाबों में आ कर हमको सताते हो 💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝💝 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 ©Sethi Ji 🩷🩷 बेवफाई का नकाब 🩷🩷 🩷🩷 बेवफाई का ख्वाब 🩷🩷 #sad_quotes #Sethiji #22October #Trending
🩷🩷 बेवफाई का नकाब 🩷🩷 🩷🩷 बेवफाई का ख्वाब 🩷🩷 #sad_quotes #Sethiji #22October #Trending
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White जीना हैं अकेले फिर भी लोगों के पीछे दुख के मेले हैं किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों हम अब भी अकेले हैं जलते हैं अकेले ही यादों के दरिया में भी बुझती नहीं वो आग तफ़्दिशे जलन भी झेले हैं किसी के साथ होते हुए भी ना जाने क्यों मगर और भी अकेले हैं नसीब का लिखा वो ही जाने तक़दीर का दिया हुआ दर्द_ए _नसीब हम ने भी झेले है अब इस के बाद न जाने नसीब में क्या है ना आओ साथ हमारे जिंदगी में हमारे बहुत झमेले हैं ना याद आते अब वो लम्हे ना याद आते हो तुम कभी इस कदर मेरे सफ़र में ओ मुसाफ़िर कि अब तन्हाई इस कदर मेरी यादों में घुल गई कि ना अब कोई मिलता ना अब कभी बिछड़ता शायद अब हम अपने आप से भी नहीं मिलते कि अब हम अपने ध्यान से उतरे हुए से आसुओं के रेले हैं के ना अब कभी कहना मुझसे कि साथ चलने को तुम्हारे हम अपना सब कुछ छोड़ चलते हैं अब ना मिलेंगे हम ना वो हमारी मोहब्बत मिलेंगे तो सिर्फ हम और हमारी तन्हाई जिसको दिया तुमने और हमने वो जख्म सदियों से झेले है फिर ये खेल ना खेलो हमारे साथ समझ जरा ज़ख्मी हु और टूटे हुए इस कदर की फ़िर ना जुड़ सकू दोबारा जो खेल लोगों ने सदियों से खेले हैं मत आजमा ए ज़ालिम कि आवाज़ तक नहीं आएगी मेरे दर्द कि हम अब अकेले बहुत अकेले हैं ©Sonuzwrites #good_night ग़ज़ल ✍️
#good_night ग़ज़ल ✍️
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