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Kiran Pawara
मैं लिखता नहीं लिखना आता नहीं सोचते है लोग पागल है प्यार करना आता नहीं किस से कहे कलम टूट जाती है जब लिखता हू दर्द काग़ज़ पर और पिघल जाती है रूह जब करता हू इश्क़ इबादत से।। आपका हमदर्द ©Kiran Pawara #Books #writer quotes
Jayesh gulati
मैंने कभी लिखा था ख्वाब एक किताब में, तुम्हे देखा तो जाना ख्वाब पूरे भी होते है ।। ©Jayesh gulati #Books
Joel/Rooh
Beautiful words by Najwa Zebian. Voice : Joel #Poetry #brokenheart Love #Mytruelove
read moreWriter Ravi
उलझनो को सुलझा देती हैं किताबें भटके को मार्ग दिखाती हैं किताबें बदतर से बेहतर बनाती है किताबें तू किताबों को दोस्त बना तो सही मंजिल तक आसानी से पहुंचती हैं किताबें । ©Writer Ravi #Books
कृतांत अनन्त नीरज...
आकर्षण आपको सिर्फ आकर्षित कर सकता है नष्ट नही नष्ट तो आप तब होते है जब आप आकर्षण की ताकत को अपने "आत्म अनुशासन" की शक्ति से अधिक समझ लेते है... ©कृतांत अनन्त नीरज... #Books
Heer
किताबें बड़ी हसरत लिए बंद अलमारी के शीशों से झांकती किताबें, सोचती होगी पहले जिनसे रोज़ होती थी बातें, अब तो महीनों होती नही मुलाक़ातें। जो रातें गुजरती थी अक्सर साथ में, आज वो कटती है computer के साथ में, देख बड़ी बेचैन रहती हैं किताबें क्योंकि, उन्हें अब नींद में चलने की आदत हो गई है। जो किस्से कहानियां वो सुनाती थीं, battery जिनकी कभी न खत्म होती थी, वो झलक अब नजर कही आती नही, रिश्ते रह गए उजड़े उजड़े, घर हो गया अब खाली खाली। जुबां पर ज़ायका आता था जो एक अल्फाज़ निकलता था, अब उँगली click करने से बस एक झपकी गुज़रती है, बहुत कुछ तबाह हो गया और बचा है वो परदे पर खुलता चला जाता है। किताबों से जो काटी जाती थी राते सीने से लिपटे हुए गुजरते थी जो रातें, कभी गोदी में तो कभी घुटनों के बल बैठ पढ़ते थे, कभी अजीब सी सूरत बनाकर मुस्कुराया करते थे, सजदे में कभी छूते थे जबीं से, जाने कहा को गया वो सुकून Robot के इस जहान में। ©Heer #Books
its_sukh3337
ਇਨ੍ਹਾਂ ਕਿਤਾਬਾਂ ਨੇ ਪਹਿਲਾ ਮੈਂਨੂੰ ਬੋਲਣਾ ਸਿਖਾਇਆ ਫਿਰ ਸਾਂਤ ਰਹਿਣਾ ਅਤੇ ਹੁਣ ਏਹ ਸੁਣਨਾ ਸਿਖਾ ਰਹੀਆਂ ਨੇ ©its_sukh3337 #Books #booklover
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
daisykavi
எம் நூலகபணிக்கு நன்றி. எதிர்மறையான சில மனித மனங்களுக்கு மத்தியில் இல்லாமல், நேர்மறையான நூலக வாசனையில் பயணிப்பது ஒரு சிலாக்கியம்தான் ©daisykavi #Books
Aakansha shukla
शीर्षक:- किताब का नशा नशा, तुम किताब का कर लो । कुछ पढ़ लो या कुछ लिख लो। साहित्य पढ़ो, इतिहास पढ़ो, थोड़ा तुम गणित पढ़ लो। भूगोल पढ़ो, अर्थशास्त्र पढ़ो, थोड़ा तुम विज्ञान पढ़ लो। जो पढ़ने में मन ना लगे, लिखना तुम प्रारंभ कर लो। साहित्य लिखो, नया इतिहास लिखो, कभी अपने दिल की बात लिखो। समाज की बढ़ती कुरितिया लिखो, सफलता पाने का तुम मार्ग लिखो। ©Aakansha shukla #Books हिंदी कविता
#Books हिंदी कविता
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