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Shivkumar barman

एक खूबसूरत #रिश्ते में एक #विश्वास का #स्थान होता है , जिसे समझ और सम्मान की उन #बुनियाद पर ही टिकी होती है। इस प्रकार का रिश्ता दो व्

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एक खूबसूरत रिश्ते में 
एक विश्वास का स्थान होता है ,
जिसे समझ और सम्मान की
उन बुनियाद पर ही टिकी होती है।

इस प्रकार का रिश्ता दो व्यक्तियों के बीच
गहरे संबंध और आपसी समझ को दर्शाता है।

 इसमें संवाद का 
एक महत्वपूर्ण स्थान होता है,
 जहाँ दोनों पक्ष अपने विचार और
भावनाओं को स्पष्ट रूप से साझा करते हैं।

खूबसूरत रिश्ते में समर्थन
और प्रेरणा का आदान-प्रदान होता है।
दोनों व्यक्ति एक दूसरे के
 उस विकास को प्रोत्साहित करते हैं 

और मुश्किल समय में
वो एक दूसरे का सहारा बनते हैं।
 छोटी-छोटी खुशियों को मिल-जुलकर 
मनाने से वो रिश्ता और भी मजबूत होता है।

©Shivkumar barman एक खूबसूरत #रिश्ते  में 
एक #विश्वास  का #स्थान  होता है ,
जिसे समझ और सम्मान की
उन #बुनियाद  पर ही टिकी होती है।

इस प्रकार का रिश्ता दो व्

Sunita Pathania

Jitendra Giri Hindu

neelu

#sad_quotes #yesterday I #Saw a few episodes of the #Mahabharat series and today all I can say is विजय भव .....कल्याण हो.. Thank God...

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White Yesterday I saw a few episodes 
of the Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

©neelu #sad_quotes #Yesterday I #saw a few episodes 
of the #Mahabharat series 
and today all I can say is
विजय भव .....कल्याण हो..
Thank God...

Avinash Jha

कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था,
दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था।
धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन,
सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन।

व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया,
भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया।
मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ,
किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ?

पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना,
पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना?
जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए,
आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए।

"हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई,
जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई।
क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा,
जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?"

अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल,
धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल।
कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से,
"जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है।

हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो,
धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो।
यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है,
तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है।

©Avinash Jha #संशय
#Mythology  #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun

Ravendra

अपराध-नियंत्रण तथा आमजन में सुरक्षा की भावना जाग्रत करने हेतु अपर पुलिस अधीक्षक नगर द्वारा नगर क्षेत्र में पैदल भ्रमण किया गया* पुलिस अधीक्

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Short And Sweet Blog

आज किसी अपने से संवाद हुआ, खुद की कहीं कभी कोई बात का जिक्र हुआ। मुझे तो याद नहीं था , कब,कैसे, कहां कहीं । बात छोटी है,पर सोचने पर गहरी है।

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siddhartha singh

mahabharat

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