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Mahesh Patel
White सहेली..... रात को तुम्हारी यादें सोने नहीं देती.. और दिन में हम भूल नहीं पाते.. लाला.... ©Mahesh Patel सहेली... रात दिन... लाला...
सहेली... रात दिन... लाला...
read moreANJANA MALI
White हर सुहागन को, दिल से दुआ, सदा सुहागन रहे। ना आए गम जिंदगी में कभी चांद तारे आंचल में, यूं ही चमकते रहे। 💕❤️🙏 ©ANJANA MALI #karwachouth सुहागन का दिन
#karwachouth सुहागन का दिन
read morevijaykatara@
"आज नवरात्रि का तीसरा दिन है आज का दिन कुंवारी लड़कियों के लिए खास माना जाता है कयुंकी आज के दिन ही माता जी ने कुवारी लडकिया के हाथों से प्रसाद ग्रहण किया था ऐसा माना जाता है। " ©katara vijay khemabhai #navratri के तीसरे दिन
#navratri के तीसरे दिन
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White एक दिन जो कभी गुजार पाऊँ तुम्हारे साथ.. किसी झील के करीब दूर से आता देख तुम्हें इंतजार की पीढ़ा भूल हाथ उठा कर बुला लूँ तुम्हें नज़दीक तुम्हारे हाथ बढाने और मेरा हाथ थाम देखते रहें एक दूसरे की आँखों में ख़ामोश रहें होंठ बातें आँखों से कर लें हम जी लें उन चंद पलों में एक पूरा जीवन इस क़दर ख़ामोशी दिल की धड़कन सुन पाएं एक दूजे की हम ख्वाहिश छू लेने की एक भीगे से चुम्बन की महज ख्वाहिश, अधूरी, अनुत्तरित ©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन..
एक दिन..
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White एक दिन शायद … खत्म होगा इंतजार… बहु प्रतीक्षित इंतजार.!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha एक दिन...
एक दिन...
read morevsfsaifkhawaza
White सूरज ढल जाता है ऐसे ही दिन गुजर जाता है ©vsfsaifkhawaza दिन #vsfsaifkhawaza
दिन #vsfsaifkhawaza
read moreParasram Arora
White वो दिन ज्यादा दूर नही ज़ब न मौसम बदलेगा न आदमी की नियत या गंदी आदते बदलेंगी लेकिन ये पृत्वी अपने अक्ष पर वैसे ही घूमती ठेगी जैसे अब तक युगो से घूमती रहीं है ©Parasram Arora वो दिन
वो दिन
read moreDinesh Sharma Jind Haryana
सात फेरों के बाद आठवां फेरा भी होना चाहिए पति पत्नी व्हाट्सएप फेसबुक इंस्टाग्राम की बजाय एक दूसरे को ज्यादा समय दें ©Dinesh Sharma Jind Haryana # आठवां फेरा
# आठवां फेरा
read moreMohan Sardarshahari
White यह दिन भी रंग बदलता है मुझे रोज आगाह करता है सुबह सुर्ख लाल जैसे बाल के गाल छिपे हों आंचल लाल। दोपहर में सफेद जैसे पुरुषार्थी का भेष तपकर करता सजीवों का पोषण देता श्रम का संदेश। बरसात से पहले बन जाता शांत जैसे योगी फिर मचाता शोर लुटाता खजाना जैसे कोई भोगी। सायं शांत सा समा जाता काली रात आगोश याद करते हुए जैसे बीते समय के रंग और मांग रहा हो फिर सुबह का जोश यह दिन भी रंग बदलता है मुझे रोज आगाह करता है ।। ©Mohan Sardarshahari दिन के रंग
दिन के रंग
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