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#कहेंगे ना...
दुनियां की सबसे बड़ी त्रासदी है, बच्चों से उसका बचपन छीन लेना। ©#कहेंगे ना... childhood
childhood
read moreDear ma'am
बचपन में सबसे अधिक पूछा गया एक सवाल: बड़े होकर क्या बनना है? अब जाकर जवाब मिल रहा है, कि फिर से ही बच्चा बनना है। फर्क बस इतना है. एक बचपन का जमाना होता था, जब खुशियों का जमाना था चाहत होती चांद को पाने की, मगर अब दिल केवल भावना नाम की तितली का दीवाना है क्यों की दिल तो बच्चा है जी Happy Children’s Day! ©Dear ma'am #Childhood
Lili Dey
ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । କଅଁଳିଆ ହୃଦୟ କୁ ତାର ସଜାଡ଼ି ଶିଖିବ, ତମେ ଯେମିତି ଗଢିବ ସେ ସେମିତି ହେବ । ସବୁବେଳେ ଶିଖାଇବ ତାକୁ ଭଲ ବ୍ୟବହାର, ତାକୁ ସଦା କହିବ କରିବ ପାଇଁ ପରୋପକାର । ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । ଲକ୍ଷେ କାମ ଛାଡ଼ି ରଖିବ ତା ଉପରେ ନଜର, ହେଳା କରିଲେ ତା ପ୍ରତି ସେ ଶିଖିବ କେମିତି ସୁବିଚାର । ମାତା ପିତା ତା ପ୍ରତି ଧ୍ୟାନ ଦେଲେ ତା ଜୀବନ ହେବ ଯେ ସୁଖମୟ, ତମ ଠୁ ପାଇ ଭଲ ସଂସ୍କାର ସେ ଦୁନିଆ ରେ ଗଢ଼ିବ ତା ନିଜ ପରିଚୟ । ଟିକି ପିଲା ଟିକି ପିଲା ଟିକି ଯେ ତାର ମନ, ତମେ ଭଲସେ ନେବ ତାର ଯତନ । ©Lili Dey #Childhood
Ajita Bansal
White अहोई अष्टमी आई, चाँदनी रात सजी, माँ की आरती गूँजे, घर में खुशियाँ भरी। बच्चे प्यारे देखो, मिट्टी के बर्तन सजाए, माँ की मन्नतें लेकर, चाँद को न्यौता दिए। कड़वे को मीठा करने, व्रत का संकल्प लिया, भाई की लंबी उम्र के लिए, प्रेम भरा पल लिया। ज्योति की महक से, घर-आँगन जगमगाए, माँ अहोई की कृपा से, सब संकट टल जाए। इस पावन अवसर पर, सुख-शांति की हो बौछार, अहोई अष्टमी के दिन, हो सबका जीवन भव्य यार। ©Ajita Bansal #sad_quotes poem on ahoi ashtmi
#sad_quotes poem on ahoi ashtmi
read morePK
On my 26th, I am grateful to my friends for sending me some special wishes. I have felt great pleasure in the fact that they remembered it and were able to spare time for me. I can't thank each of them enough. As for myself, birth-day and new-year are a point where I can look back at what I have achieved vis-a-vis what I had intended at the start of cycle. If I see it from outside, I should be happy that I have spent another period in terms of work & also that I have reached an academic milestone. However, what bothers me all the time is the quality of how it has gone past. The search for a meaning of life is still on. One mustn't keep walking like everyone else without a sense of purpose. I sometimes feel lost when I think about it. I find myself wanting for words too. There seems to be a contest happening between different factors inside. One day I will be able to explain. Right now what's striking my mind are Faraz’s lines. (01-09-2024) . ©PK a note on my #birthday
a note on my #BirthDay
read moreमहज़
दर्द को शराब में मिला के पीते गए। फिर यूँ हुआ के हम मुस्कुराते गए। पुरानी तस्वीर जो आंखों में समाई! फिर यादों को धूएं में जलाते गए। अब तो हमें साज़िशें भी जानने लगीं! आंसुओं संग खुद को बहलाते गए। भाड़े के घर को अपना समझा है मैंने! खुद को वफ़ा के सागर में डुबाते गए। करने लगे जब ज़ख्मों ने मुझसे सवाल! खामोशी की चादर खुद पे ओढ़ाते गए। ख्वाहिश थी हमसे दूर जाने की उनको! फिर नजदीकियों पे कांटे बिछाते गए। जब से दिल में बसा लिया मैने उनको! फिर दिल मे यादों के दीये जलाते गए। ©महज़ #Childhood
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
White बहुत हौसलों से तेरी राहों पर चला ज़िन्दगी पर अब कदम जवाब दे रहे हैं, हो सके तो कुछ सुकून के पल दे दे नहीं तो तुझसे सीखे सबक मुझमे धुआँ हो रहे हैं... ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #poem hindi poetry on life
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