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F M POETRY

#फिर लगातार देखना है उसे...

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Unsplash आख़री बार देखना है उसे..
फिर लगातार देखना है उसे..

वो दवाएं बहुत बताता है..
होके बीमाऱ देखना है उसे..


🙏🙏🙏

©F M POETRY #फिर लगातार देखना है उसे...

Shashi Bhushan Mishra

#चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#

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चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है,  
सफ़र तन्हा है कोई टोकने वाला नहीं है,  

जुवाँ खामोश भी रखूँ तो कागज़ बोलता है,  
डरें क्यों अब यहाँ कोई भौंकने वाला नहीं है,  

उन्हें गुमान उनकी हर रज़ा मक़बूल होगी,  
फ़लक पर कोई कीचड़ फेंकने वाला नहीं है,  

मैं तन्हा हूँ मुकम्मल साथ मेरी शायरी है,  
बुझा चूल्हा है  रोटी सेंकने वाला नहीं है,  

वो बन ठनकर निकलते हैं बड़ी मसरूफियत से,  
है दर्द-ए-दिल बहुत कोई देखने वाला नहीं है,  

जो मन में आता है बेखौफ़ बोलता हूँ अब,  
शुक्र है अब मेरे मुँह पर कोई ताला नहीं है,  

वही लिखता हूँ जो महसूस मैं करता हूँ 'गुंजन',  
हमारे दिल में नफ़रत का कोई जाला नहीं है,  
      ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
               प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #चलो अच्छा है कोई रोकने वाला नहीं है#

cldeewana

#sad_shayari कोई जख्म देकर हंसता है

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cldeewana

#love_shayari फिर अमृत पान खीर खाया है

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Shashi Bhushan Mishra

#कोई तो है जो#

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कोई तो है जो सुन लेता है,
सीप से मोती  चुन लेता है,

बेशक वो इन्कार न करता,
मन ही मन में  गुन लेता है,

अपनी ही शर्तों पर चलकर,
ख़ुद कपास को धुन लेता है,

जीत गया जीवन की बाजी,
खेत में  भुट्टा  भुन  लेता है,

भाग्य  भरोसे नहीं बैठकर,
फटी  चादरें   बुन  लेता है,

कठिनाई में बनकर रहबर,
देकर दुआ  सगुन  लेता है,
 -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
      प्रयागराज उ०प्र०

©Shashi Bhushan Mishra #कोई तो है जो#

Ravinder Kumar

#Exploration बहुत शानदार लाइन तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर

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तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर जरें में रहता है, फिर ज़मीन पर कहीं मस्जिद कहीं मंदिर क्यों है.. जब रहने वाले दुनिया के हर बन्दे तेरे हैं, फिर कोई दोस्त तो कोई दुश्मन क्यों है तू ही लिखता है हर किसी का मुकद्दर, फिर कोई बदनसीब, और कोई मुकद्दर का सिकंदर क्यों है ....!

@motivate_line

©Ravinder Kumar #Exploration बहुत शानदार लाइन

तेरी इस दुनिया में ये मंज़र क्यों है.. कहीं अपनापन तो कहीं पीठ पीछे खंजर क्यों है.. सुना है तू इस संसार के हर
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