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नवनीत ठाकुर
मंजिल मंजिलों की तलाश में भटकते हैं दर-ब-दर, रास्तों की हर ठोकर का हमें हिसाब बाकी है। काँटों की चुभन से हम यूँ न डरें कभी, हर ज़ख्म पे मरहम का एक ख्वाब बाकी है। ख़्वाब ख़्वाबों का जाल है, पर हकीकत में धागे कमजोर, हर ख़्वाब पूरा करने की अब भी चाहत बाकी है। टूटते हैं रोज़, मगर चूर नहीं होते, हर रात में सवेरा लाने की आदत बाकी है। इश्क़ इश्क़ का ये सफर है, रास्ते भी अनजाने हैं, उसके मिलने की उम्मीद अब भी बाकी है। रूह की गहराईयों में जो उसकी याद बसी है, उसे साँसों में समाने की मोहब्बत बाकी है। जिंदगी जिंदगी की गलियों में हर मोड़ एक इम्तिहान है, हिम्मत से चलने की हममें ताकत बाकी है। आँधियाँ आएँगी, चलेंगी, थम जाएँगी, कदम बढ़ाने की हसरत बाकी है। तन्हाई तन्हाई की राहों में चुप्पी का कारवां संग है, इस खामोशी में एक साज सुनना बाकी है। किसी अजनबी की आवाज़ मिले कभी, इस तन्हा सफर का हमसफर बाकी है। ©नवनीत ठाकुर मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
मंज़िल की तलाश अभी बाकी है
read moreAnukaran
White चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! अभी कुछ सफर तय किया है, और भी कुछ बाकी है। ©Anukaran चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! अभी कुछ सफर तय किया है, और भी कुछ बाकी है।
चल अभी कुछ और हिसाब बाकी है, ऐ जिंदगी! अभी कुछ सफर तय किया है, और भी कुछ बाकी है।
read moreSk
White आज वो अपनी ज़ुल्फ़ों में फूल लगा कर आई है, ऐसा लगता है कोई हूर उतर आई है, किसी ने कहा बहुत खूबसूरत लग रही हो, मैंने कहा लगता है आज नहा कर आई है। ©Sk आज वो अपनी ज़ुल्फ़ों में फूल लगा कर आई है, ऐसा लगता है कोई हूर उतर आई है, किसी ने कहा बहुत खूबसूरत लग रही हो, मैंने कहा लगता है आज नहा कर आई ह
आज वो अपनी ज़ुल्फ़ों में फूल लगा कर आई है, ऐसा लगता है कोई हूर उतर आई है, किसी ने कहा बहुत खूबसूरत लग रही हो, मैंने कहा लगता है आज नहा कर आई ह
read moreA. Singh
(रावण अभी तो जिंदा है....) ------------------------------- खुशियाँ क्यूँ मनाते हो, हर डाल पे वो परिंदा है रावण अभी तो जिंदा है l जिस गली में सीता जाए है, उस गली में रावण आये है, पर करें न कोई निंदा है, रावण अभी तो जिंदा है l कभी द्रोपती, कभी मैं सीता कभी निर्भया कभी मोमिता बनकर धरती पर आयी हूँ, हैवानो की इस दुनियाँ में नहि खुद को बचा मैं पायी हूँ l मिट न सकेगा रावण ये चाहे इसको लाख मिटालो तुम, कभी आ न सकेंगे राम यहाँ चाहे दीपक लाख जलालो तुम l अच्छाइयों का कर लो प्रवेश, छोड़ दो रावण का तुम वेश तब मने दशहरा उम्दा है l रावण अभी तो जिंदा है l Archana singh.... ✍🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻 ©A. Singh रावण अभी तो जिंदा है l.... ✍🏻
रावण अभी तो जिंदा है l.... ✍🏻
read moreAnmol Singh (AS)
White मैं अकेला हूं शायद, सफ़र में अब साथ मेरे कोई नहीं है ।। किस तरफ़ जा रहा हूं मैं, फिकर भी इस बात की कोई नहीं है ।। निकम्मा, आवारा, खुदगर्ज जो कहना है कहो, पर याद रहे किस्मत मेरी अभी सोई नहीं है ।। गुमनाम मंजिल की तलाश में, खो गया हूँ शायद, मिलेगी नई राह, ये उम्मीद अभी तक मैंने खोई नहीं है।। मतलब की इस दुनिया में, थोड़ा दर्द हुआ है मुझे भी, पर बस जरा सी नम हैं, आंखे मेरी अभी रोई नही है।। ©Anmol Singh (AS) नम है अभी, आंखें मेरी रोई नहीं है . . . . . . .
नम है अभी, आंखें मेरी रोई नहीं है . . . . . . .
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