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||स्वयं लेखन||
White उदास फिरता है अब वो बारिश का पानी, कागज़ की नाव की जगह मोबाइल ने लेली है जब से। ©||स्वयं लेखन|| उदास फिरता है अब वो बारिश का पानी, कागज़ की नाव की जगह मोबाइल ने लेली है जब से। #weather_today #thought #Life #Life_experience
उदास फिरता है अब वो बारिश का पानी, कागज़ की नाव की जगह मोबाइल ने लेली है जब से। #weather_today #thought Life #Life_experience #विचार
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सिलौटा में सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल बहराइच ।तहसील महसी के बौंडी स्थित सिलौटा के रामघाट पर बाढ़ प्रभावित क्षेत #वीडियो
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सिलौटा में सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल बहराइच ।तहसील महसी के बौंडी स्थित सिलौटा के रामघाट पर बाढ़ प्रभावित क्षेत #वीडियो
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सिलौटा में सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल बहराइच ।तहसील महसी के बौंडी स्थित सिलौटा के रामघाट पर बाढ़ प्रभावित क्षेत #वीडियो
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सिलौटा में सम्पन्न हुआ बाढ़ से बचाव व राहत कार्यों का मेगा मॉकड्रिल बहराइच ।तहसील महसी के बौंडी स्थित सिलौटा के रामघाट पर बाढ़ प्रभावित क्षेत #वीडियो
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
प्रदीप छन्द :-गीत नही किसी से कहना है अब , दिल की अपनी बात को । कौन समझता है अब मेरे , दिल के सुन जज्बात को ।। नही किसी से कहना है अब ... सुनकर सबकी बातें हमने , खायी दिल पे चोट है । किससे जाकर मैं अब पूछूँ , क्या मुझमें अब खोट है ।। कोई तो बतलाये मुझको , क्या ये जग की रीति है । बिन बादल क्यों देखा हमने , जीवन में बरसात को ।। नही किसी से कहना है अब.... राह दिखाओ जगदम्बें माँ , बीच भँवर में नाव है । एक तुम्हारे दर पे ही तो , पाते ही सब छाँव है ।। मुझे मातु कुछ भक्ति दिला दो , यही पास में गाँव है । तेरी सुधि में दौडा आया , क्या देखूँ दिन रात को ।। नही किसी से कहना है अब .... मैं भी अपनी माँ का प्यारा , राजा बेटा एक हूँ । जिसका हूँ मैं एक सहारा , देखो वही विवेक हूँ ।। कैसे उसका कर्ज उतारूँ , करता आज विचार हूँ । जिसके खून पसीने से मैं , किया नई शुरुआत को ।। जाकर उससे ही कहना अब..... नही किसी से कहना है अब , दिल की अपनी बात को । कौन समझता है अब मेरे , दिल के सुन जज्बात को ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR प्रदीप छन्द :-गीत नही किसी से कहना है अब , दिल की अपनी बात को । कौन समझता है अब मेरे , दिल के सुन जज्बात को ।। नही किसी से कहना है अब ... स
प्रदीप छन्द :-गीत नही किसी से कहना है अब , दिल की अपनी बात को । कौन समझता है अब मेरे , दिल के सुन जज्बात को ।। नही किसी से कहना है अब ... स #कविता
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