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Poet Kuldeep Singh Ruhela
White #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे में यार फंस जाता हूं तेरी महफिल में आके अपनी चाहत के किस्से सबको सुनाता हूं ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
#love_shayari #कभी खामोश रहता हूं कभी में गुनगुनाता हूं तेरी चाहत के समंदर में हमेशा में डूब जाता हूं में बदनसीब हूं तेरी चाहत के नशे मे
read morePhalak Rakesh
White करो फर्ज़ की वो तुम थे जिसने इश्क किया फिर हम ने तुम को छोड़ दीया फर्ज़ करो - फ़लक राकेश ❤️ ©Phalak Rakesh नींदों ने ही खाब तोड़ दीया फर्ज़ करो खुशबूओ ने बाग छोड़ दीया फर्ज़ करो करो फर्ज़ की वो तुम थे जिसने इश्क किया फिर हम ने तुम को छोड़ दीया
नींदों ने ही खाब तोड़ दीया फर्ज़ करो खुशबूओ ने बाग छोड़ दीया फर्ज़ करो करो फर्ज़ की वो तुम थे जिसने इश्क किया फिर हम ने तुम को छोड़ दीया
read moreRaj kishor Manjhi
Rudradeep
White सच्चाइयों से मुंह मोड़ना गवारा नहीं है हमें जीने के लिए फिर भी बहाना सीखा है जिस महफ़िल में मिलती हैं सदा तन्हाईयां उस महफ़िल से भी दिल को लगाना सीखा है ©Rudradeep #महफिल #हम #तन्हाई
MoHiTRoCk F44
दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे पर्दा जो हमारे दरमियां था वो हटाना पड़ा मुझे रुसवाईयों के खौफ से महफिल में यारो आज फिर उस बेवफा से हाथ मिलाना पड़ा मुझे ©MoHiTRoCk F44 दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे पर्दा जो हमारे दरमियां था वो हटाना पड़ा मुझे रुसवाईयों के खौफ से महफिल में यारो आज फिर उस बेवफा से
दुनियाँ को अपना चेहरा दिखाना पड़ा मुझे पर्दा जो हमारे दरमियां था वो हटाना पड़ा मुझे रुसवाईयों के खौफ से महफिल में यारो आज फिर उस बेवफा से
read morePoet Kuldeep Singh Ruhela
गुमनाम शायर रोज महफिल सजती है यहां तरानों की रोज जाम हमसे पिया नही जाता हैं तेरी याद तो रोज आती है हमको पर हमसे पी कर झूठ बोला नही जाता हैं! kd motivation kd ki dayri ©Poet Kuldeep Singh Ruhela #said गुमनाम शायर रोज महफिल सजती है यहां तरानों की रोज जाम हमसे पिया नही जाता हैं तेरी याद तो रोज आती है हमको पर हमसे पी कर झूठ बोला नह
#said गुमनाम शायर रोज महफिल सजती है यहां तरानों की रोज जाम हमसे पिया नही जाता हैं तेरी याद तो रोज आती है हमको पर हमसे पी कर झूठ बोला नह
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