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Attitude Life
White नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बनाता हूँ। ©Attitude Life नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बना
नफरतों के बाजार में प्यार का सिक्का चलता है, और मेरे एटीट्यूड का हर शख्स दीवाना बनता है। दुनिया पीछे रहे या साथ चले, मैं अपने रास्ते खुद बना #Zindagi #Motivation #शायरी #selfrespect #Attitudeshayari
read moreMohanbhai आनंद
White अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु फिसलते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,से,फिर क्यूं बिखरते हो बैताब इस दिलमे, बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ? फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हाल ए दिल हक़ीक़त में फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद #good_night अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़
#good_night अपना कहकर आप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात में, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे , हिसाब मांगती है अश्कों का, गोरे गाल पर रोज़
read moreMohanbhai आनंद
White अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकात हे, फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फिर क्यु बरसते हो खुले आसमान में,चांद से मिलाकर आंखें, हुस्नकी नज़ाकत,फिर क्यूं चुराया करते हो बैताब इस दिलमे बहुत तमन्नाएं बसी है, उम्मीदों का बाजार खुला फिर क्यूं रखते हो खाक और मीट्टीमे, कुछ भी फर्क कहां है? फिक्र ज़िंदगीमे बेफिजूल ,फिर क्यूं करते हैं आसान कहां है ?फरमाएं इश्क़ मिज़ाज, हकीकी मैं हाल ए दिल फिर क्यूं मचलते हो ©Mohanbhai आनंद #GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि
#GoodMorning अपना कहकरआप,फिर ग़ैर समझते हो गैराना ताल्लुकातमे फिर क्यु उलझते हौ बेहाल आखे हिसाब मांगती है अश्कों का गोरे गाल पर रोज़ फि
read moreRavishankar Nishad
गांव में जब बाजार होते तब सभी दुकानदार जगह चेंज करने के बाद एक दूसरे बहस करते हैं यह आम बात है यह सभी जगह होते हैं हमारे गांव तरफ आगे सबको म #वीडियो
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी जिंदगी एक रेस है लुत्फ हरदम उठाना है संसाधनों में उलझे ना साधारण जीवन बनाना है कीमत कभी कम ना हो अपनी जो हो पास में खुशी खुशी उसे अपनाना है लाचार ना हो कभी अभावो को भरने में,नोक झोंक कर मूल्य अपना नही गिराना है दुनिया तो बाजार है आकर्षण का जरूरते कम कर अपना खुद का बजूद बनाना है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #love_shayari दुनियाँ बाजार है,आकर्षण का #nojotohindi
#love_shayari दुनियाँ बाजार है,आकर्षण का #nojotohindi #कविता
read moreParasram Arora
White दुनिया के इस वृहद बाजार मे बहुत सारी चीज़े आती है बिकने के लिये. तुम शायद ये भूल गए की तुम भी खडे हो इसी बाज़ार मे और अब लगता नही की तुम बचा पाओगे खुदको खरीददारों की नजर से ©Parasram Arora बाजार
बाजार #कविता
read moreDr.Prabhakar Singh
maine बनती बिगड़ती kai kahani देखी है नए बाजार में बिकती चीज purani देखी है kisi से क्या kahu यार मैंने उसी बाजार me बिकती अपनी मोहब्बत ki आखरी nisani देखी है ©Dr.Prabhakar Singh नए बाजार में बिकती चीज पुरानी देखी है
नए बाजार में बिकती चीज पुरानी देखी है #Shayari
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीबी को मेरी । रोक कर रस्ता खड़ी है हर तरफ़ ।।३ दिख रही है आदमी में बुज़दिली । इसलिए तो खुदकुशी है हर तरफ़ ।।४ अब भरोसे का नही है आदमी । ये खबर भी तो छपी है हर तरफ़ ।।५ मानकर बातें सभी दिलदार की । जान की बाजी लगी है हर तरफ़ ।।६ दो निवालों के लिए है भागता । तिलमिलाती ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।७ उसके गदराये बदन को देखकर । बोली ऊँची ही लगी है हर तरफ़ ।।८ जान की कीमत नही बाजार में । गोश्त की कीमत बढ़ी है हर तरफ़ ।।९ किसलिए मायूस होना दुनिया से । हौसला रख ज़िन्दगी है हर तरफ़ ।।१० ज़िन्दगी में अब यही बाकी प्रखर । आज आँखों में नमी है हर तरफ़ ।।११ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब
ग़ज़ल :- आप आये हैं खुशी है हर तरफ़ । आज घर में रोशनी है हर तरफ़ ।।१ इस जहाँ की भीड़ से आगे निकल । भूल जा तू बेबसी है हर तरफ़ ।।२ देख तो ले बदनसीब #शायरी
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