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Shivkumar barman
एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए सवाल की बौछार हूं मैं। जिंदगी के इस उलझन भरे सफर में, खुद से कभी दूर, कभी पासगार हूं मैं। आशा की किरणें हैं बिखरी हुई, फिर भी गहरे अंधेरों की साजगार हूं मैं। खुशियों की परतों के नीचे छिपा दर्द, हर हंसी में छुपा एक गहरा राज हूं मैं। सोचती हूं, क्या सच्चाई है मेरी? क्या सिर्फ एक कहानी की किरदार हूं मैं? एक उलझी हुई किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही गुनाहगार हूं मै। ©Shivkumar barman एक उलझी हुई #किरदार हूं मैं, शायद खुद की ही #गुनाहगार हूं मैं। मुद्दतों से #ढूंढती हूं खुद को, हर लम्हा एक नए #सवाल की बौछार हूं मैं। ज
Mohan raj
न कदापि भवतः आशा भग्नं भवतु।यावत् आशा जीवति तावत् भवतः कदापि हानिः न भवति। अपनी उम्मीद को कभी टूटने मत दो जब तक उम्मीद जिंदा है तुम हार नहीं सकते Never let your hope break as long as hope is alive you cannot lose धन्यवाद हर हर महादेव ©Mohan raj #Life Lessons न कदापि भवतः आशा भग्नं भवतु।यावत् आशा जीवति तावत् भवतः कदापि हानिः न भवति।
Life Lessons न कदापि भवतः आशा भग्नं भवतु।यावत् आशा जीवति तावत् भवतः कदापि हानिः न भवति।
read moreRakesh frnds4ever
White क्यों ये दुनिया रोने नहीं देती क्यों ये दुनिया सोने नहीं देती जब अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों के जूठे अपनेपन से क्यों ये दुनिया खुद को अपना होने नहीं देती,,, क्यों ये दुनिया रोने नहीं देती क्यों ये दुनिया सोने नहीं देती देती हैं,,,,, जुल्म नफरत जिल्लत ज़हालत ,,, क्रूरता दमन दहशत,,, दुख दर्द पीड़ा तकलीफ कष्ट,,,,अत्याचार परेशानी ,,,घिनौनापन और मक्कारी छीन लेती है,,,,, दया धर्म कर्म इच्छा आशा अभिलाषा ,,सुख सुविधा प्रसन्नता दिलासा,,, सादगी ताजगी प्यार दुलार,,, चैन सब्र करार इकरार,, स्नेह समर्पण त्याग सहयोग राग अनुराग ओर जीवन की परिभाषा,,,, क्यों क्यों क्यों ये दुनिया जीने नहीं देती क्यों ये दुनिया मरने नहीं देती.....२..... ©Rakesh frnds4ever #क्यों_ये_दुनिया_रोने_नहीं_देती #क्यों_ये_दुनिया_सोने_नहीं_देती जब #अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों
#क्यों_ये_दुनिया_रोने_नहीं_देती #क्यों_ये_दुनिया_सोने_नहीं_देती जब #अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों
read moreN S Yadav GoldMine
White {Bolo Ji Radhey Radhey} हर सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन कम कर देता है, लेकिन हर सूर्योदय हमें आशा भरा एक और दिन दे देता है, इसलिए सदैव बेहतर की उम्मीद करें !! जय श्री राधेकृष्ण जी।। ©N S Yadav GoldMine #good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} हर सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन कम कर देता है, लेकिन हर सूर्योदय हमें आशा भरा एक और दिन दे देता है,
#good_night {Bolo Ji Radhey Radhey} हर सूर्यास्त हमारे जीवन से एक दिन कम कर देता है, लेकिन हर सूर्योदय हमें आशा भरा एक और दिन दे देता है,
read moreMiMi Flix
"मोती हिरण और सूरज की दोस्ती: साहस और आशा" - जंगल के दिल में एक अनोखा हिरण है, मोती, जिसकी चमक से सभी प्रभावित हैं। लेकिन एक डर ने उसे सूरज
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।। बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक । कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।। करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार । सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।। जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख । पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।। आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च । रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।। आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार । वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।। युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम । आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।। धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय । आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय
read moreMiMi Flix
"रानी आदिति की वीरता: गौरवमयी विजय" - एक ऐसे देश में जहां वीरता और नियति का मिलन होता है, रानी आदिति अपने लोगों के लिए आशा की किरण बनकर खड़ी
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