Find the Latest Status about जाने के लिए from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, जाने के लिए.
Anuj Ray
दिल भर गया था हमसे ,तो साफ-साफ कह देते, यूं मूंछ छिपाके जाने की क्या ज़रूरत थी ©Anuj Ray # मुंह छुपा के जाने की"
# मुंह छुपा के जाने की" #लव
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए....!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम्हें पाने के लिए..
तुम्हें पाने के लिए.. #Shayari
read moreANSARI ANSARI
White जवानी मे खुन पसीना बहा था परिवार के हर खुशी के लिए। जीवन भर की कमाई लुटा देता है इन्सान बुढ़ापे मे दो वक़्त रोटी के लिए। नासमझ है ओ बुढ़ापे मे ठुकरा देते है मा बाप को दौलत के लिए। ©ANSARI ANSARI दौलत के लिए।
दौलत के लिए। #विचार
read moreseema patidar
White मेरे जाने के बाद ............ बोलती और सोचती बहुत ज्यादा थी पर बातो में गहराई थी उसके जिद्दी तो बहुत ज्यादा थी पर दिल की साफ थी किसी रिश्ते के लिए इतनी खास तो नही थी पर रिश्ते निभाना बखूबी से जानती थी उसकी उदासी तो नही देख पाया कोई पर दूसरो को उदास देख परेशान हो जाती थी मासूमियत और सादगी भरा जीवन था उसका पर समझदार उससे ज्यादा थी उसके लिए तोहफे तो दूर खास दिन भी नहीं याद रखे गए पर सबके लिए उपहारों और खास दिन को हमेशा याद रखती थी perfect तो नही समझा गया उसे कभी पर parfect बनकर चली जरूर गई सबके जैसी थी पर सबसे न्यारी थी सच में वह स्त्री बहुत प्यारी थी। ©seema patidar मेरे जाने के बाद......
मेरे जाने के बाद...... #Life
read morepriyanshu
White पल पल तरसे जिस पल के लिए वो पल भी आया कुछ पल के लिए सोचा रोक लू इस पल को कुछ पल के लिए कमबख्त वो पल भी रुका कुछ पल के ही लिए ©priyanshu अपने प्यार के लिए
अपने प्यार के लिए #Life
read moreAshish Singh
Vikas Sahni
White आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ भी रही है वह। होकर नाराज़ नभ देख रही है और मैं उसकी आँखों में देखते-देखते दस बजे सजे पुस्तक-पन्नों के शब्दाें को फेसबुक; व्हाट्सएप; इंस्टाग्रामादि पर सजा रहा हूँ, "प्रसन्न बच्चों की आवाज़ें सर्वत्र गूँज रही हैं; सभी के लिए यह दिवा मेहमान है, पतंगों से सजा आसमान है, जिसकी ओर कविता का भी ध्यान है और उसकी ओर मेरा ध्यान है। लाल-पीली; हरी-नीली-पतंगें युद्ध-खेल खेल रही हैं अनंत आसमानी पानी और बादलों के बगीचे में मैंने देखा उन्हें कविता की आँखों से भरी पड़ी प्रत्येक छत है, प्रत्येक पतंग प्रतिस्पर्धा में रत है, कई किन्हीं इशारों पर नाच रही हैं, कई मुक्ति पाने-जाने के लिए छटपटा रहीं हैं, पिन्नी वाली फटी फटफटा रही हैं, कई मुक्त हुए जा रही हैं पश्चिम से पूर्व की ओर मस्ती में ठुमका लगाते हुए जा रही हैं अपने लक्ष्य की ओर तो कई कैदी बने रो रही हैं पक्के धागे के पिंजरे में, जिस प्रकार पक्षी (पतंग) अपने अंग-अंग को पटकते हैं पिजरे में बड़ी बेरहमी से फिर कविता की आँखों की नमी से पूछा मैंने कि क्या हुआ इससे आगे, क्या टूट गये वे सारे धागे? कविता ने कहा, "टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी पतंगों के धागे, टूट ही जायेंगे कभी-न-कभी भिन्न-भिन्न रंगों के धागे। है आवश्यक अभी कि काश टूट जाते बुराई के धागे!!" . ...✍️विकास साहनी ©Vikas Sahni #पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
#पतंगों_के_प्रति आज कविता जुल्मत-ए-सुबह से जग रही है पर सुंदर नहीं लग रही है न नहाने-खाने के कारण स्वतंत्रता के पुराने गाने गाने के कारण चिढ
read moreVinod Chaure
White हर कर्ज मोहब्बत का अदा करेगा कोन जब हम नहीं होगे तो वफा करेगा कौन या रब मेरे महबूब को तू रखना सलामत वर्ना मेरे जिने की दुआ करेगा कौन? ©Vinod Chaure #sad_shayari दोस्तों के लिए शायरी
#sad_shayari दोस्तों के लिए शायरी
read more