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New निकलूं मैं डाल के Quotes, Status, Photo, Video

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Bhanu Priya

#तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं, तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं, तू सुंदर कहे मैं तेरा नाम लिख दूं, तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दू

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तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं,
तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं,
तू सुंदर कहे मैं तो तेरा नाम लिख दूं,
तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दूं।

©Bhanu Priya #तू खुशबू कहे तो मैं गुलाब लिख दूं,
तू पंखुड़ी कहे तो मैं डाल लिख दूं,
तू सुंदर कहे मैं तेरा नाम लिख दूं,
तू सुकून कहे तो मैं मुस्कान लिख दू

Uttam Bajpai

शायरी लवआंखें हैं कि मैं खाने के दरवाजे खुले हैं।

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Anita Mohan

मैं

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ਸੀਰਿਯਸ jatt

सुनो मैं अपने बेटे को सिखाऊंगा के ये साली औरत जात भरोसे के क़ाबिल नहीं!

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Pawan Kumar Jain

मैं पवन जैन अपने एक गीत के साथ..गीत के बोल हैं........ "प्रिय कभी तो आकर देखो.. उस मोलसरी के पेड़ तले!"

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Fuck off nojoto

आखो से पढी जाती है हया की कहानी । चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता। प्रज्ञा Anupriya jhanvi Singh shehzadi Riti sonkar

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आखो से पढी जाती है हया की कहानी ,
चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता ....

©Arshu.... Ready to quit
  आखो से पढी जाती है हया की कहानी ।
चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता। प्रज्ञा  Anupriya  jhanvi Singh  shehzadi  Riti sonkar

Fuck off nojoto

आखो से पढी जाती है हया की कहानी । चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता। प्रज्ञा Anupriya jhanvi Singh shehzadi Riti sonkar

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आखो से पढी जाती है हया की कहानी ,
चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता ....

©Arshu.... Ready to quit आखो से पढी जाती है हया की कहानी ।
चेहरे पर पर्दा डाल के कोई परदानशीन नही होता। प्रज्ञा  Anupriya  jhanvi Singh  shehzadi  Riti sonkar

हिमांशु Kulshreshtha

मैं...

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इन सर्द रास्तों पर
कहीं ठहरा हुआ हूँ मैं
एक खौफनाक अंधेरा है
पूरी शिद्दत से गिरफ्त में लिए मुझे
रिमझिम बरसती बूंदे जिस्म से फिसलते हुए
बहा ले जा रही है
मेरे भीतर का कतरा कतरा दुख
हथेलियों में समेट रहा हूँ
बारिशें पर ये टिकती नहीं
सर्द हवाएँ अंदर तक
कुरेद रही है मुझे
मैं बस ख़ामोश हूँ… इतना खामोश
अपने अंदर के शोर को
साफ साफ सुन पा रहा हूँ मैं …
मैं तय कर लेना चाहता हूँ ये सफर
मिटाना चाहता हूँ
जिंदगी की पगडंडियों से
गुजरती तुम्हारी यादें
भूलना चाहता हूॅं
तुम्हारी खनकती हँसी
खुद को…
यक़ीन दिलाना चाहता हूॅं
तुम नहीं हो अब ….
तुम नहीं हो ….नहीं हो तुम
इन भीगी हुई हथेलियों के बीच
गुनगुनी छुअन बन कर
सुनसान सड़क पर
रफ्तार से गुजरते शोर के दरमियाँ
मेरे साथ नहीं हो तुम
मेरी अँगुलियों से फिसलती बूंद सी तुम.

©हिमांशु Kulshreshtha मैं...

हिमांशु Kulshreshtha

मैं....

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White मै ही रहा मन से दग्ध
और देह से शापित
दर्द उगता है दिल में
तेरी यादों के जालों से
घिरा रहता हूँ मैं
अकुलाता उमड़ते ज्वार सा

©हिमांशु Kulshreshtha मैं....

Shalini Pandey

मैं

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White इच्छायें शून्य होती जा रही हैं 
बस ये जिम्मेदारियां ही है जो जीने के लिए 
मजबूर करती जा रही हैं ...

©Shalini Pandey मैं
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