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Rakesh frnds4ever
White क्यों ये दुनिया रोने नहीं देती क्यों ये दुनिया सोने नहीं देती जब अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों के जूठे अपनेपन से क्यों ये दुनिया खुद को अपना होने नहीं देती,,, क्यों ये दुनिया रोने नहीं देती क्यों ये दुनिया सोने नहीं देती देती हैं,,,,, जुल्म नफरत जिल्लत ज़हालत ,,, क्रूरता दमन दहशत,,, दुख दर्द पीड़ा तकलीफ कष्ट,,,,अत्याचार परेशानी ,,,घिनौनापन और मक्कारी छीन लेती है,,,,, दया धर्म कर्म इच्छा आशा अभिलाषा ,,सुख सुविधा प्रसन्नता दिलासा,,, सादगी ताजगी प्यार दुलार,,, चैन सब्र करार इकरार,, स्नेह समर्पण त्याग सहयोग राग अनुराग ओर जीवन की परिभाषा,,,, क्यों क्यों क्यों ये दुनिया जीने नहीं देती क्यों ये दुनिया मरने नहीं देती.....२..... ©Rakesh frnds4ever #क्यों_ये_दुनिया_रोने_नहीं_देती #क्यों_ये_दुनिया_सोने_नहीं_देती जब #अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों
#क्यों_ये_दुनिया_रोने_नहीं_देती #क्यों_ये_दुनिया_सोने_नहीं_देती जब #अपना यहां कोई नहीं तो क्यों ये किसी को अपना होने नहीं देती जूठे अपनों
read moreIG @kavi_neetesh
कात्यायनी मैया, शरणागत को चरणों में ले लो, हे मातारानी दुनिया में, तेरी कृपा बड़ी महान् है। आदिशक्ति का छठा रूप हो तुम, शक्ति स्वरूपा, महिषासुर मर्दनी रूप में, जग में तेरी पहचान है। कात्यायनी मां……. ब्रह्मा, विष्णु, महेश के आग्रह पर हे देवी महारानी, आदिशक्ति दुर्गा भवानी का दिया, रूप यह वरदान है। कात्यायन ऋषी आश्रम गई थी, आप बेटी बनकर, धर्म ग्रंथों में हे मां, ऐसा ही तेरा अमर निशान है। कात्यायनी मां……….. पीताम्बर परिधान तुमको, बहुत भाता है देवी माता, पंचमेवा तेरे भोग का भवानी, मन पसंद सामान है। द्वापर में ब्रजमंडल की, अधिष्ठात्री देवी रही थी मां, त्रेता युग में रामावतार में, श्रीहरि की रही शान है। कात्यायनी मां………….. मैया, महिषासुर वध करके, दिया तुमने सुंदर उपहार, तीनों लोक में बजा डंका, आज भी वही सम्मान है। चार भुजाओं वाली देवी, तुम सारे जग की जननी हो, अस्ताचल की शोभा मैया, तू सबके मन का अरमान है। कात्यायनी मां ………….. ©IG @kavi_neetesh कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन
कात्यायनी माता अराधना (माता रानी के षष्टम रूप की अराधना) “आप सभी मित्रों एवं साथियों तथा प्यारे बच्चों को शारदीय नवरात्रि के परम पावन
read moreHeer
प्रेम को समझना हर किसी के बस की बात नहीं..... सच्चा प्रेम किसे कहते है ये सिखाने ही तो राधा कृष्ण मनुष्य रूप में धरा पर अवतरित हुए थे। हम म
read moreAnjali Singhal
"ख़ूबसूरती की क्या होती है परिभाषा, इसका तो पता नहीं! पर हाँ... उन्हें चाहने में दिल ख़ूबसूरत हो गया हमारा, इतना तो है यकीं!!" AnjaliSingh
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