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Parasram Arora
White शबनमी ताज़ी सुबह उसे आज फिर से अच्छी लगने लगी हैँ लगता हैँ आज उसे शायद जीने की कोई नई वजह मिल गई हो ©Parasram Arora जीने की नई वजह
जीने की नई वजह
read moreनवनीत ठाकुर
White "आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोने की तरह निखर क्यों नहीं जाते।" "तूफानों से बचने की सोचते हो हमेशा, फिर क्यों नहीं कर देते साहस और उभर क्यों नहीं जाते।" "जो लम्हे खामोश हैं, उन्हें जीने की जिद क्या है, फिर अपनी ज़िंदगी की किताब में उतर क्यों नहीं जाते।" "ख्वाबों की दुनिया में जीने की चाह रखते हो, फिर हकीकत की राह पर निकल क्यों नहीं जाते।" ©Navneet Thakur #"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
#"आसमान में उड़ने की ख्वाहिश तो सबको है, फिर ज़मीन की सच्चाई से डर क्यों नहीं जाते।" "जमाने भर के लिए रखते हो जलन दिल में, आग में कूद कर सोन
read moreमिहिर
White जब देखता हूं तुम्हें क्या मैं तुम्हे ही देखता हूं !! या जब तुम कहते हो कुछ क्या मैं तुम्हे ही सुनता हूं ना....….... सच है ये की तुम में भी खुद को ही ढूंढता हूं सच है ये की तुम से भी वही सुनना है जो है मेरे ही मन की आवाज है सच हैं ये की अन्दर और बाहर भी खुद से खुद को ही ढूंढने की कश्मकश है खुद से खुद को ही मिल पाने की आरज़ू है ! ©मिहिर #आरज़ू
Poet Zabir
White कोई मसला नही है तेरे बैगर जीने की आदत पड़ चुकी है ©Poet Zabir #sad_qoute कोई मसला नही है तेरे बैगर जीने की आदत पड़ चुकी है
#sad_qoute कोई मसला नही है तेरे बैगर जीने की आदत पड़ चुकी है
read moreरिपुदमन झा 'पिनाकी'
White मैं दुआओं में हमेशा के लिए ज़िन्दा रहूँ। बददुआ न लूँ किसी की मैं न शर्मिन्दा रहूंँ। काम हों सबकी भलाई के मेरे हाथों सदा- नेक नगरी का हमेशा नेक बाशिन्दा रहूँ। दिल दुखाऊँ ना किसी का तीखी कड़वी बात से। मैं कभी खेलूँ नहीं मजबूर के जज़्बात से। साथ दूँ मैं हर क़दम सबका, मदद सबकी करूँ- मैं न घबराऊँ कभी बिगड़े हुए हालात से। मैं कभी नीचे न गिर जाऊँ मेरे किरदार से। पेश आऊँ मैं सभी से हर घड़ी बस प्यार से याद कर मुझको करें निन्दा मेरी ना लोग सब- अलविदा जब लूँ कभी मैं दुनिया के बाजार से। आरज़ू है ज़िन्दगी भर नेकियांँ करता रहूँ। ग़मज़दा लोगों की झोली खुशियों से भरता रहूँ। मैं ख़रा उतरूँ सभी की ख़ाहिशों उम्मीद पर- रौशनी बन ज़िन्दगी में सबकी मैं जलता रहूँ। रिपुदमन झा 'पिनाकी' धनबाद (झारखण्ड) स्वरचित एवं मौलिक ©रिपुदमन झा 'पिनाकी' #आरज़ू
Ramnik
White कुछ लोग यूंही अकेले छोड़ चले जाते है, पर जाने से पहले जीने के बहाने लाख छोड़ जाते है। ©Ramnik #जीने की वजह
#जीने की वजह
read moreJanvi Meshram
एक बार हारने के बाद खुद का होसला नहीं छोडना चाहिए lक्युकी हारणे के बाद ही जीतने मे मजा आता है l ©Janvi Meshram जीने का होसला l
जीने का होसला l
read moreKiran Chaudhary
White दिल की धड़कन बनकर तुम साथ रहते हो, हर वक्त तुमसे मिलने की चाहत रहती है, कैसे बताएं तुम्हें कि तुम क्या हो हमारे लिए, जीने की वजह सिर्फ तुम्हारा प्यार ही है। ©Kiran Chaudhary जीने की वजह सिर्फ तुम्हारा प्यार ही है।
जीने की वजह सिर्फ तुम्हारा प्यार ही है।
read moreShashi Bhushan Mishra
जीने की तैय्यारी में, कटती उम्र उधारी में, लेन-देन कारोबारी, गिनती हो संसारी में, बँटे हुए कुनबे अपने, पाण्डे,मिश्र,तिवारी में, हाथी,घोड़ा,ऊँट नहीं, पैदल पाँव सवारी में, मजदूरी की है ताकत, उड़िया,बंग,बिहारी में, जोते बिना बुआई हो, ऊरद, मूँग,खेसारी में, है मिसाल दोस्ती की, कृष्ण सुदामा यारी में, सुने पुकार द्रौपदी की, कृष्ण समाए साड़ी में, भव बाधा काटे गुंजन, रखो आस बनवारी में, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज ©Shashi Bhushan Mishra #जीने की तैय्यारी में#
#जीने की तैय्यारी में#
read moresumeet raj
White न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की ©sumeet raj #GoodMorning #न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की #sumeetraj #sumeetworld
#GoodMorning #न जी भर के देखा न कुछ बात की बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की #sumeetraj #sumeetworld
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