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Richa Dhar
White मैंने उन्मुक्त प्रेम को बांधना चाहा किनारे तटबंध बनाये,बांध बनाये बहुत समझाया अंतर्मन को परंतु प्रेम तो नीर जैसा था रिस रहा था,न चाह कर भी न रोक सकी अगाध प्रेम को न बांध सकी और प्रवाह ने तोड़ दिये सारे बंधन ये हृदय बांध न सका तुम्हारा प्रेम और नेत्रों में छलक आया न चाह कर भी न छुपा सकी तुम्हारा प्रेम और तुम्हारे प्रेम के प्रवाह में खुद भी बहती चली गयी ..... ©Richa Dhar #love_shayari उन्मुक्त प्रेम
#love_shayari उन्मुक्त प्रेम #कविता
read moreKamlesh Kandpal
ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ये धरती, या ये आकाश सूर्य का अदभुत प्रकाश चंदा गोल,टीमटिमाते तारे बनाये ये सब,किसने सारे ठंडी, गर्मी औऱ ये बरसात लू के दिन,अमावस की रात पाने की खुशी, खोने का डर ये सोचता हूँ मै अक्सर जो आता है मुझे नजर ©Kamlesh Kandpal #प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
#प्रकृति का सौंदर्य हिंदी कविता
read morePriyanka Choudhary
White हिंदी में बिंदी भाए मात्रा देखत बुद्धि हेराए पंचमेल खिचड़ी समझ न आए और चले हिंदी को सरल, सहज एवं आसान बताए खाए रोटी हिंदी की और हिंदी कहत लजाए बच्चा पैदा होत ही अंग्रेजी गुण खिलाए जगह जगह पर पानी बदले, देश - देश में वाणी तो कैसे संभव हिंदी की विकास हमारी ©Priyanka Choudhary #hindi_diwas #हिंदी है हम#हिंदी कविता #हिंदी साहित्य
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read moreAkriti Tiwari
White क्या होता है एक वृक्ष का दर्द जब से जन्म हूं एक पैर पर खड़ा हूं , सहकार सारे आंधी तूफान और धूप इंसानों के काम आता हूं। अपने इच्छा से या मानव की इच्छा से उगाया जाता हूं, जरूरत पड़ती जब मेरी मानो को काटकर मेरी शाखों को कभी यज्ञ में तो कभी शमशानों में जलाया जाता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता हूं बचपन से लेकर बुढ़ापा तक मेरे साथ समय बीतता है, फिर भी मेरी जरूरत समझ नहीं पता है। बेजुबान हूं देखकर इंसानों की खुशी को अपना दर्द छुपा लेता हूं। इंसानों के हर जरूरत में काम आता है मिले समय तुम मुझ पर भी ध्यान देना, कमी होगी मेरी तो प्रकृति पर संकट गहराएगी। बारिश नहीं होगी तो फैसले बर्बाद हो जाएगी तो तुम भूखे मर जाओगे, उससे भी नहीं तो तुम्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ जाएगी करोगे मेरी देखभाल तो, प्रकृति में संकट नहीं आएगी l अंत में इंसानों के हर जरूरत में काम आऊंगा l ©Akriti Tiwari वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
वृक्ष के ऊपर कविता। प्रेरणादायी कविता हिंदी
read moreshinning shristi
White साल बदलता गया, तारीखें बदली कभी युद्ध हुआ, कभी मोमबत्तियां पिघली इन सबके बीच कुछ नहीं बदला तो औरतों के अंदर का डर... डर, अपने चरित्र को बचाने की समाज में बराबर का ओहदा पाने की खुदको सफल और संपन्न बनाने की डर, इस बात की, कहीं कोई बात न हो जाए घर – दफ्तर के बीच कहीं ज्यादा रात न हो जाए एक गलत कदम और सब कुछ बर्बाद न हो जाए डर कायम रहा... लेकिन वो नारी है, इतनी जल्दी कहां हारी है औरतें इतने पर रुकीं नहीं, वक्त के आगे झुकी नहीं चलती गई, अपने सपने बुनती गई साल बदलता गया, तारीखें बदली कभी युद्ध हुआ, कभी मोमबत्तियां पिघली इन सबके बीच कुछ नहीं बदला तो औरतों के अंदर का डर... ©shinning shristi औरतों के अंदर का डर #sad_poetry #poem #Women #womenlife #Trending #Kolkata #India #socialissues हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
औरतों के अंदर का डर #sad_poetry #poem #Women #womenlife #Trending #Kolkata #India #socialissues हिंदी कविता कविताएं कविता कोश
read moreParul (kiran)Yadav
" चल उड़ जा रे मन कही किसी पंछी की तरह , बहुत रंगीन दिखेगी दुनिया ऊंचे आसमान में पहुँचकर .. वहाँ कोई शोर न होगा , तेरी आजादी छीनने वाला कोई और न होगा ...... बस तेरी ख्वाइशें, तेरे ही इरादे पूरे कर लेना ऐ मन तू खुद से किये सारे वादें ..... चल उड़ जा रे मन कहीं .... ©Parul (kiran)Yadav #lovebirds #पंछी #मन #आजादी #मेरी_कलम_से✍️ #नोजोतोफेमिली कविता कोश कविताएं कविता हिंदी कविता प्यार पर कविता vineetapanchal Ashutosh M
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read moreraje
🍁एक चांद के दीदार का,था वादा साथ में👩❤️👨 कविताएं बारिश पर कविता कविता प्यार पर कविता हिंदी कविता
read moreBindu Sharma
White चलो आज आंसमा छू कर आते हैं, ख़ुद न पहुंच सके तो क्या, गुब्बारों को गगन की सैर कराते हैं ... चलो आज अपनी मां को अपना प्यार भरा पैगाम पहुंचाते हैं ©Bindu Sharma #गगन #गुब्बारे #आसमां