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गुरु देव[Alone Shayar]

भागो गे कब तक.. || 90s_80s Love story #status shayari #Youtubeshorts #New #trendingshorts #BreakUp Sethi Ji gudiya udass Afzal khan Rit

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s गोल्डी

हाथ थामना जरूरी है. फर्क नही पड़ता कि आगे तुम चलो या मैं... साथ होना जरूरी है. फर्क नही पड़ता कि तुम मुझे सम्भालो या मैं तुम्हे.. चलो बदल दो

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हाथ थामना जरूरी है.
फर्क नही पड़ता कि आगे तुम चलो या मैं...

साथ होना जरूरी है.
फर्क नही पड़ता कि तुम मुझे सम्भालो या मैं तुम्हे..

चलो बदल दो वो कहानी जिसमे.
मजबूत हाथ ही कोमल आँखों से आँसू पोंछते रहे अभी तक...

दर्द बँट जाना चाहिए.
फर्क नही पड़ता गले तुम मुझे लगाओ या मैं तुम्हें..
❤️☺️

©s गोल्डी हाथ थामना जरूरी है.
फर्क नही पड़ता कि आगे तुम चलो या मैं...

साथ होना जरूरी है.
फर्क नही पड़ता कि तुम मुझे सम्भालो या मैं तुम्हे..

चलो बदल दो

धाकड़ है हरियाणा

#सुप्रीम कोर्ट के आरक्षण में वर्गीकरण के फैसले को लागू किया नायाब सैनी ने #अब दो भागो में बटा SC समाज

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन्

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गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्
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