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Indian Kanoon In Hindi

कोर्ट केस जितने का राज यह बात कोई नहीं बताएगा | court case jitne ke upay

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Indian Kanoon In Hindi

कोर्ट केस जितने का राज यह बात कोई नहीं बताएगा | court case jitne ke upay

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Indian Kanoon In Hindi

कोर्ट केस जितने का राज यह बात कोई नहीं बताएगा | court case jitne ke upay

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Mukesh Poonia

#sad_qoute #उम्र #थका नहीं सकती #ठोकरे गिरा नहीं सकती #अगर #जिद हो जितने की तो #हार भी #हरा नहीं सकती शुभ विचार आज का विचार आज शुभ विचार सु

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White उम्र थका नहीं सकती ठोकरे गिरा नहीं सकती
अगर जिद हो जितने की तो हार भी हरा नहीं सकती
















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©Mukesh Poonia #sad_qoute #उम्र #थका नहीं सकती #ठोकरे गिरा नहीं सकती #अगर #जिद हो जितने की तो #हार भी #हरा नहीं सकती  शुभ विचार आज का विचार आज शुभ विचार सु

Heer

एक बार खुद को उसकी जगह रहकर देखिए सब समझ सकते है। जानना समझना जरूरी है। उसके बिना हम किसी को नहीं जान सकते और ना ही किसी को समझ सकते है। बा

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Sai Angel Shaayari

मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे।

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White मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे। लेकिन ये सब झूठ था। सभी नाम के थे। सभी खोखले हैं। अगर माँ-बाप न होते तो ये हमें पहचाने भी नहीं। ये केवल दिखावे और कामचलाऊ रिश्तेदारी निभाने के लिए हैं। इसका वश चले तो ये आपको खुश ही न रहने दे। ऐसे दोगले और छोड़ु लोगों से अच्छा है कुछ जानवर पाल लो और उसकी देखभाल करो। या इंतेज़ार करो कि कोई तो जीवन मे ऐसा व्यक्ति आएगा जो आपको समझे, आपसे सच मे प्रेम करे। आपके होने से उसका होना हो। और वे जरूर मिलेंगे। आप सब्र करना। ऐसे लोग एक बार मिलते हैं और आजीवन रह जाते हैं। फिलहाल आप अकेले रहो। उम्मीद मत पालो। अपना दायरा बना लो। अकेले रहो।

©Sai Angel Shaayari मुझे लगता था मेरे आस पास जितने भी लोग जैसे मेरे दोस्त, रिश्तेदार, पड़ोसी, कुछ और जाननेवाले हैं वो मेरे अपने हैं। सुख-दुःख में यही साथ देंगे।

gauranshi chauhan

#love_shayari shayari on lifeचेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है, चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है, दिखने मे जितने शांत

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White चेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है,
चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है,
दिखने मे जितने शांत लगते हो अंदर से उतने हि रावण हो,
बाते श्री राम जैसी और काम रावण जैसे करते हो, 
मुँह पर अपने बनते हो और पीठ पीछे दुश्मन हो,
दिन मे धर्म की बाते और रात मे नशा करते हो,
किसी के सगे नही सबकी बुराइयाँ करते हि हो,
नाम अच्छा है पर दीखते बिल्कुल असुर हि हो।।
....

©gauranshi chauhan #love_shayari  shayari on lifeचेहरे पर जितनी मासूमियत है दिल मे उतना हि जहर है,
चेहरा जितना भोला है दिल उतना हि काला है,
दिखने मे जितने शांत

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :- यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए । बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।। थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े  शीश चरणों में उनके झुका दीजिए  जख़्

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ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्म जितने सहे हैं तुम्हारे लिए 
फूल दामन में उतने ख़िला दीजिए 
बाप का फर्ज जो भूल पाये नही 
मान सम्मान उनका बढ़ा दीजिए
हैं बहन बेटियाँ सबकी साझीं यहाँ 
बात बेटों को इतनी बता दीजिए 
घर में आई बहू है हमारे नई 
आप नज़रे न उसको लगा दीजिए 
इस जहाँ में पिता परमेश्वर ही यहाँ ।
जाके चरणों में सब कुछ लुटा दीजिए 
मोल जिनका यहाँ पर चुका ना सको 
उनकी सेवा में जीवन बिता दीजिए 
साथ लाये थे क्या जो हुआ दुख तुम्हें
बात इतनी तो जग को बता दीजिए 
हैं दुवाएँ प्रखर साथ माँ बाप की 
आप राहों में रोड़े लगा दीजिए 
महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :-
यूँ न माँ बाप का दिल दुखा दीजिए ।
बृद्ध हैं तो उन्हें आसरा दीजिए ।।
थाम हाथों को जिनके हुए हो बड़े 
शीश चरणों में उनके झुका दीजिए 
जख़्

MAHENDRA SINGH PRAKHAR

विधा   कुण्डलिया :- तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष । जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।। उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

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White विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।
आज नहीं है हाथ , हमारे अब वह रेखा ।।
बन बैठे थे गैर , संग ले दूजे फेरे ।
आये हैं सब याद , दिलाने दिल को तेरे ।।

करता किसका मैं यहाँ , सुनो प्रेम स्वीकार।
सब ही तो दिखला रहे , झूठा हमसे प्यार ।।
झूठा हमसे प्यार , करे यह सारे अपने ।
और कहें नित आप , हमारे आये सपने ।।
दे दो कुछ उपहार , जान मैं तुमपे मरता ।
क्या बतलाऊँ आज , प्यार मैं कितना करता ।।

यारा कटती है नहीं , तुम बिन मेरी रात ।
अब करो मुलाकात तो , बन जाए फिर बात ।।
बन जाए फिर बात , रात रानी सी महके ।
दिल के वह जज्बात , चाँदनी पाकर लहके ।।
यह मृगनयनी रूप , बने हर रात सहारा ।
एक झलक जो आज , दिखा दे मुझको यारा ।।

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विधा   कुण्डलिया :-

तेरे मेरे प्रेम के , गुजरे कितने वर्ष ।
जितने तेरे साथ थे , उनमें ही था हर्ष ।।
उनमें ही था हर्ष , पलट कर जब भी देखा ।

Anuradha T Gautam 6280

लोग कहते हैं कि #अक्सर सही लोगों को #गलत और गलत लोगों को #सही लोग मिलते हैं पता नहीं वो जो भी हो पर इतना जरूर पता है कि सही लोग गलत लोगो

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