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Mukesh kolasariya

#कन्या # to be strong #विचार

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White कोमल कन्या 

छोटे छोटे हाथ हैं जिसके घर घर पूजी जाती हैं 
वक़्त पे बेटी, बहु, माँ, और बहन कहलाती हैं जो
 फूल सा कोमल तन और मन उसका जानते है सभी इसको 
वक़्त के माहौल को देखकर , खुद को और उसके विचारों को बदलो 
हर वक़्त नहीं साथ रहेगा कोई  समझा उसे हर बार दो 
भले बुरे का भेद बताओ,  रानी लक्ष्मी सा आत्मबल उसमे तैयार करो

©Mukesh kolasariya #कन्या # to be strong

Ravendra

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 हेतु 23 से 25 अगस्त व 30 एवं #वीडियो

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Ravendra

दिन भर दौड़ती रही पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी की गाड़ियांउत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस #वीडियो

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Ravendra

उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ द्वारा आयोजित आरक्षी नागरिक पुलिस के पदों पर सीधी भर्ती-2023 हेतु 23 से 25 अगस्त व 30 एवं #वीडियो

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MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत :-  धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव । नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।। धरती माँ के सीने पर अब... यहीं तो जन् #कविता

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गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्में वीर अनेक, आल्हा उदल और मलखान ।
भूल गये हो तुम सब शायद, वीर शिवा जी औ चौहान ।।
धर्म और धरती माँ पर जो, दिए प्राण का है बलिदान ।
देख रहा मैं क्रूर काल को , जिसका होता बुरा प्रभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

वही डगर फिर से चुन लो सब , जो दिखलाये थे रसखान ।
जिसको जी कर मीरा जी ने , पाया जग में था सम्मान ।।
इसी धरा पर राम नाम का , हनुमत करते थे गुणगान ।
नहीं हुई है अब भी देरी , जला हृदय में प्रेम अलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

निर्मल पावन गंगा कहती , यह है परशुराम का धाम ।
रूष्ट नहीं कर देना उनको , झुककर कर लो उन्हें प्रणाम ।।
अधिक बिलंब उचित क्यों करना , बढ़कर लो अब तुम संज्ञान ।
ईर्ष्या द्वेष मिटाओ जग से , पनपे हृदय प्रेम के भाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब.....

नीर नदी का सूख रहा है , आज जमा ले अपना पाँव ।
गली-गली कन्या है पीडित, भूखे ग्वाले घूमें गाँव ।।
झुलस रहें हैं राही पथ के , बता मिले कब शीतल छाँव ।
धीरे-धीरे प्रकृति सौन्दर्य  , में दिखता क्यों हमें अभाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब....

धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- 
धरती माँ के सीने पर अब , नहीं लगाओ फिर से घाव ।
नही लौट वो फिर आयेंगे , करने धरती पर बदलाव ।।
धरती माँ के सीने पर अब...

यहीं तो जन्
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