Find the Latest Status about 'mahabharat भोपाल' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'mahabharat भोपाल'.
Mohammad Ibraheem Sultan Mirza
दुआ 🤲 भोपाल इज्तिमा मे🤲 आमीन 🤲 #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा islamic_vi
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा के आख़िरी दिन का खूबसूरत नज़ारा, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा दुआ 🤲 के बाद का खूबसूरत नज़ारा, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर तक, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर तक, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर तक, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तिमा 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर तक, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा
read moreMohammad Ibraheem Sultan Mirza
भोपाल इज्तेमा 29 नवंबर 2024 से 2 दिसंबर तक, #bhopalijtema2024 #bhopalijtema #mohammad_ibraheem_sultan_mirza #मौहम्मद_इब्राहीम_सुल्तान_मिर्जा
read moreAvinash Jha
कुरुक्षेत्र की धरा पर, रण का उन्माद था, दोनों ओर खड़े, अपनों का संवाद था। धनुष उठाए वीर अर्जुन, किंतु व्याकुल मन, सामने खड़ा कुल-परिवार, और प्रियजन। व्यूह में थे गुरु द्रोण, आशीष जिनसे पाया, भीष्म पितामह खड़े, जिन्होंने धर्म सिखाया। मातुल शकुनि, सखा दुर्योधन का दंभ, किंतु कौरवों के संग, सत्य का कहाँ था पंथ? पांडवों के साथ थे, धर्म का साथ निभाना, पर अपनों को हानि पहुँचा, क्या धर्म कहलाना? जिनसे बचपन के सुखद क्षण बिताए, आज उन्हीं पर बाण चलाने को उठाए। "हे कृष्ण! यह कैसी विकट घड़ी आई, जब अपनों को मारने की आज्ञा मुझे दिलाई। क्या सत्य-असत्य का भेद इतना गहरा, जो मुझे अपनों का ही रक्त बहाए कह रहा?" अर्जुन के मन में यह विषाद का सवाल, धर्म और कर्तव्य का बना था जंजाल। कृष्ण मुस्काए, बोले प्रेम और करुणा से, "जो सत्य का संग दे, वही विजय का आस है। हे पार्थ, कर्म करो, न फल की सोच रखो, धर्म की रेखा पर, अपना मनोबल सखो। यह युद्ध नहीं, यह धर्म का निर्णय है, तुम्हारा उद्देश्य बस सत्य का उद्गम है। ©Avinash Jha #संशय #Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
#संशय Mythology #aeastheticthoughtes #Mahabharat #gita #Krishna #arjun
read more