Find the Latest Status about खायला काळ भुईला भार from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, खायला काळ भुईला भार.
Srinivas
आज का पसीना और परिश्रम कल के भार को हल्का नहीं करेगा, लेकिन यह आपको और भी कठिन चुनौतियों का सामना करने की ताकत और सहनशक्ति प्रदान करेगा। ©Srinivas आज का पसीना और परिश्रम कल के भार को हल्का नहीं करेगा, लेकिन यह आपको और भी कठिन चुनौतियों का सामना करने की ताकत और सहनशक्ति प्रदान करेगा।
आज का पसीना और परिश्रम कल के भार को हल्का नहीं करेगा, लेकिन यह आपको और भी कठिन चुनौतियों का सामना करने की ताकत और सहनशक्ति प्रदान करेगा।
read moreरघुराम
White लहक लहक कर बोला करती हो उपवन मे चंपा चमेली खिलाया करती हो बहक बहक मन उङ उङ जाता लवो पर मुस्कान दिखलाया करती हो मीठी मठी मधुर अधर वाणी तुम्हारी दिल मे भरे प्यार को दर्शाया करती हो भॅवरे गुन गुनाते मॅडराते पास तुम्हारे भॅवरो से प्यार नही दर्शाया करती हो सम्पूर्ण यौवन भर सीने पर रखकर तन पे अपने ईठलाया करती हो।। ©रघुराम #love_shayari योवन भार
#love_shayari योवन भार
read moreAnjali Singhal
"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता
read moreAnjali Singhal
"हे प्रभु! पीर हरो इस सारे संसार की, शीश हमारे है धरी पाप की गठरी भार की। रोम-रोम में तू ही बसा पर कभी कोशिश न की मिलान की, पूरी उम्र चिंता
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White ।। जिस काले गोले से होता है , इस ब्रह्मांड का विनाश है, वह काला गोला महादेव के बस एक सूक्ष्म अंश के वो समान है ।। आदि ना ही अंत जिनका, कंठ समुद्र समान है गले मैं अजय बासुकी, बाल गरुण समान है रूप मानो ऐसा जिसके मुट्ठी में ब्रह्मांड है एक रूप ऐसा जहा ब्रह्मांडधारि पुष्प पे सवार है, जिनका तप सहस्त्र सूर्यो के समान है जिनका मन पूर्ण चंद्र सा महान है, जिनके नेत्र में है बस्ता,वो अंतिम खंड इस समाज का ऐसा ना समझो कि, भैरव बस नाम वो विनाश का । आदियोगी, सर्वयोगी, पूर्णयोगी, महानयोगी । बह रहे हैं गंगाधारी, नदियों के बहाव में चल रहे हैं चंद्रधारी, हिमालय की हवाओं में जिनको महसूस हो रहे जो वो " मां " नाम की पुकार में सहला रहे हैं छाती मेरी ममता के आवास में, रो रहे हैं भोलेनाथ जी भूख की पुकार में ।। लड़ रहे हैं रूद्र बनके, उग रहे हैं पुष्प बनके हंस रहे हैं चंद्र बनके, जल रहे हैं कोयला बनके, हर रहे हैं मां बनके, और मुझे डांट रहे हैं पितृ बनके । ।। जिनके हाथ में है भार मेरे हाथ का, जिनकी आंखों में है तेज मेरी आंख का, जिनकी बुद्धि है शोध मेरे ज्ञान का, महादेव कहो या शिव संपूर्ण अर्थ बस यही काल का ।। ॐ हर हर महादेव ॐ ©बेजुबान शायर shivkumar #Shiva #om_namah_shivay #हरहरमहादेव #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #कविता95 #कविता #omnamahshivaya हर हर महादेव भक्ति सागर भक्त
#Shiva #om_namah_shivay #हरहरमहादेव #हिन्दीकविता #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर #कविता95 #कविता #omnamahshivaya हर हर महादेव भक्ति सागर भक्त
read more