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Stories related to bits of paper poem lyrics

Ajeet Singh

##my song lyrics

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शुभम मिश्र बेलौरा

#good_night paper leak

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White सरकार बनी बेचारी है -२
पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं,
सरकार बनी बेचारी है-२
Term बदलकर मंत्री जी फिर से सत्ता में आए,
कोई अच्छा काम नहीं बस पेपर रद्द कराए।
भर्ती के खातिर पहले हम रोते और चिल्लाते,  
उसे बचाने के खातिर सड़कों पर लाठी खाते। 
100 दिन के एजेंडे की दिखती कैसी तैयारी है,
पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं,
सरकार बनी बेचारी है -२
56 इंच के सीने वाले कैसे चुप्पी साधे हैं, 
अपनी कुर्सी बची रहे बाकी सब राधे राधे है। 
कुछ तो बोलो मुंह को खोलो इटली अब मत जाओ जी,
युवा सड़क पर चीख रहा है थोड़ा शर्म तो खाओ जी। 
देश के चोरी में शामिल दिखती अब चौकीदारी है,
पेपर लीक कराने वाले ठेके सब सरकारी हैं,
सरकार बनी बेचारी है -२

©शुभम मिश्र बेलौरा #good_night paper leak

Ajita Bansal

#Sad_Status poem of the day

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White दर्द ने सिखाया खुद से मिलना,
राहों में खो जाने से पहले,
ख़ुद को जानना ज़रूरी है,
तब जाकर कोई सही रास्ता लगे।

हर ख्वाब का पीछा करते हुए,
सपनों में खो जाते हैं हम,
लेकिन जब वो टूटते हैं,
तब महसूस होता है, हम कहाँ थे, कहाँ हम।

अक्सर दूसरों की नज़र से ही जीते हैं हम,
पर सच्ची पहचान तो अंदर से आती है।
जो खुद को समझे, वही खुद को पा सकता है,
बाकी सब तो बस एक छलावा होता है।

अब मेरी आँखों में बस एक सवाल है,
क्या मैं सचमुच खुद से प्यार करता हूँ?
जब तक ये सवाल हल नहीं होगा,
ख़ुद के ही हाल में, ख़ुद से जूझता रहूँगा।

©Ajita Bansal #Sad_Status poem of the day

Raghav Trivedi

reading-burning-paperreading-burning-paper wsad song

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Mahantesh

kannada song lyrics like

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Mahantesh Mane

Janapada song lyrics

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Tafizul Sambalpuri

#paper

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ମୁଁ କିଛି ଲେଖେ ବୋଲି 
ସମସ୍ତେ ଭାବନ୍ତି
ମୁଁ ଖୁବ୍ କାନ୍ଦେ ବୋଲି 
ସମସ୍ତେ କହନ୍ତି 
ହେଲେ ଏ ସମସ୍ତ ଶବ୍ଦତ ତୁମର
ଏ ଲୁହ ମଧ୍ୟ ତୁମର
ମୁଁ କେବଳ ତାକୁ ସଂଗ୍ରହ କରିଛି
ମୋ ହୃଦୟର ସାଧା କାଗଜରେ 
ମୋ ଚକ୍ଷୁ କରୋଡରେ
ତୁମକୁ ଓ ତୁମ ଅଥୟ ଭାବନାକୁ
ବାରମ୍ବାର ପଢ଼ିବା ପରେ 
ସେଥିରେ ଥିବା ସମସ୍ତ ପ୍ରଶ୍ନକୁ
ତର୍ଜମା ପରେ ଉତ୍ତର ରଖିଛି
ଏଠି ମୋର ବୋଲି କିଛି ନାହିଁ 
ସବୁତକ କେବଳ ତୁମର
ମୁଁ କ'ଣ ମୋ ପାଇଁ କିଛି ଲେଖିପାରେ
ମୁଁ ମୋ ପାଇଁ ନା ହସିପାରେ
ମୁଁ ମୋ ପାଇଁ ନା କାନ୍ଦିପାରେ
ହଁ ମୁଁ ମତେ ଏଇତ ଚିହ୍ନଟ କରିଛି 
ତୁମର ଗୁଡ଼ାଏ ଜଟିଳ ପ୍ରଶ୍ନ ମଧ୍ୟରୁ 
ଓହ୍ଲେଇ ଦେଉଛି ସମସ୍ତ ଆଶଙ୍କାକୁ
ମୋ ଶରୀରରୁ ଗୋଟି ଗୋଟି କରି
ଯାହା ତୁମକୁ ଆଶଙ୍କିତ କରୁଛି 
ଦେଖ ମୁଁ ଏବେ ଗୋଟିଏ ସାଦା କାଗଜ
ଯେଉଁଥିରେ ଲେଖା ହେବ ଏମିତି 
ଅସଂଖ୍ୟ କାହାଣୀ, କବିତା ଓ ଗଳ୍ପ 
ଯାହା ସବୁତକ କେବଳ ତୁମର ।।

©Tafizul Sambalpuri #paper

Heer

Feel the lyrics ❤️

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Ajita Bansal

#Thinking poem of the day

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Rohtash Hans

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