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Alka Rajput
White 1.) आज के कलियुग के इस दोर में इंसान को सही ज्योतिष या गुरु भी नही मिल पाते जिनसे वे अपना सही मर्गदर्शन जान सके । या अपनी समस्या बता सके , उसका उपाय जान सके ॥ 2.) अगर आप भी अपनी किसी परेशानी से जूझ रहे हो तो आप अपनी परेशानी हमारे साथ मसेनजर में अपनी समस्या बता सकते हे ओर उसका उपाय जान सकते हे ॥ 3.) आपकी कुंडली देखकर आपको समस्या बता दी जाएगी ओर उसका उपाय भी बता दिया जाएगा ॥ 4.) जिनकी समस्या जायज हो वही मेसिज करे टाइमपास वाले लोग दूर रहे ॥ 97727 99009 whatsaap ya call kare ©Alka Rajput #sad_dp 1.) आज के कलियुग के इस दोर में इंसान को सही ज्योतिष या गुरु भी नही मिल पाते जिनसे वे अपना सही मर्गदर्शन जान सके । या अपनी समस्या बता
#sad_dp 1.) आज के कलियुग के इस दोर में इंसान को सही ज्योतिष या गुरु भी नही मिल पाते जिनसे वे अपना सही मर्गदर्शन जान सके । या अपनी समस्या बता
read moreKalpana Srivastava
White कभी मैंने भी मांगा था टूटते तारे से तुम्हारा साथ, देखो न मैंने तो ये सोचा ही नहीं था कि जो खुद टूट गया हो वो हमें क्या खाख़ साथ रखेगा। ©Kalpana Srivastava #साथ
Himanshu Prajapati
हम बस अभी सोच रहे हैं तब ऐसा हालत है, अगर हमारे साथ होगा तो फिर कैसा हालत होगा..? ©Himanshu Prajapati #Funny हम बस अभी सोच रहे हैं तब ऐसा हालत है, अगर हमारे साथ होगा तो फिर कैसा हालत होगा..? #hpstrange #36gyan
#Funny हम बस अभी सोच रहे हैं तब ऐसा हालत है, अगर हमारे साथ होगा तो फिर कैसा हालत होगा..? #hpstrange #36gyan
read moreTHE VIKRANT RAJLIWAL SHOW
"Vikrant Rajliwal Show: Bacchon Ki Mazedaar Duniya Ka Double Maza!" "दोस्तों, स्वागत है विक्रांत राजलीवाल शो में, जहां बच्चों की मजेदार द
read moresumeet raj
White उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए ©sumeet raj #Sad_Status #उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए #sumeetraj #sumeetworld
#Sad_Status #उजाले अपनी यादों के हमारे साथ रहने दो न जाने किस गली में ज़िंदगी की शाम हो जाए #sumeetraj #sumeetworld
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White लोगों को लगता है की , हम उन्हे अहमियत देते है तो वो हमारे साथ कुछ भी करे , हमे कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन हम भी तो एक इंसान ही है ना , हमे भी तो तकलीफ होती है हम चाहते है की हमें भी कोई , यु प्यार करे वक्त दे और इज्जत करे जैसे की हम सामने वाले की करते है लेकिन वो अपने हिसाब से हमें कुछ भी सोच लेता है और ऐसा treat करेगा जैसा हम सह नही सकते इसलिए हमे किसी से भी उतनी ही , उम्मीदें रखनी ही नही चाहिए हमे खुद को यु अकेला ही , खुश रखने की कोशिश भी करनी चाहिए ©बेजुबान शायर shivkumar #Thinking #Thinking #Nojoto #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर143 #कविता95 Sethi Ji Kshitija Jyotilata Parida Anupriya shiza मोटिवेशनल कव
#Thinking #Thinking #बेजुबानशायर143 #बेजुबानशायर143 #कविता95 Sethi Ji Kshitija Jyotilata Parida Anupriya shiza मोटिवेशनल कव
read moreChandrawati Murlidhar Gaur Sharma
White आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे साझा कर दूं, क्योंकि हो सकता है कि आपने भी ऐसा किया हो। जब हम बचपन में अंधेरे से डरते थे, और हमें रात को किसी काम से बाहर भेजा जाता था, या फिर किसी पड़ोसी के घर पर खेलते-खेलते देर हो जाती थी और अंधेरा छा जाने के कारण डर लगने लगता था, लेकिन घर भी तो जाना था। तो हम अपने ताऊजी, मां, काकी, या दादी से कहते थे कि "घर छोड़ कर आ जाओ।" और वे कहते, "हां, चलो छोड़ आते हैं।" जब घर का मोड़ आता तो वे कहते, "अब चल जा," लेकिन डर तो लग रहा होता था। तो हम कहते, "आप यहीं रुकना," और वे बोलते, "मैं यहीं हूँ, तेरा नाम बोलते रहूंगा।" जब तक वे हमारा नाम लेते रहते थे और जब तक हम घर नहीं पहुंच जाते थे, हमें यह विश्वास होता था कि वे हमारे साथ ही हैं, भले ही वे घर लौट चुके होते। लेकिन जब तक हमारा दरवाजा नहीं खुलता था, तब तक डर लगता था कि कोई हमें पीछे से पकड़ न ले। और जैसे ही दरवाज़ा खुलता, हम फटाफट घर के अंदर भाग जाते थे। फिर, जब घर के अंधेरे में चबूतरे से पानी लाने के लिए कहा जाता था, तो हम बच्चों में डर के कारण यह कहते, "नहीं, पहले तू जा, पहले तू जा।" एक-दूसरे को "डरपोक" भी कहते थे, लेकिन सभी डरते थे। पर जाना तो उसी को होता था, जिसे मम्मी-पापा कहते थे। वह डर के मारे कहता, "आप चलो मेरे साथ," और वे कहते, "नहीं, तुम जाओ, तुम तो मेरे बहादुर बच्चे हो। मैं तुम्हारा नाम पुकारूंगा।" और फिर जब वह पानी लेकर आता, तो वे कहते, "देखो, डर नहीं लगा न?" लेकिन सच कहूं तो डर जरूर लगता था। पर यही ट्रिक हम दूसरे पर आजमाते थे। आज देखो, हम और हमारे बच्चे क्या डरेंगे, वे तो डर को ही डरा देंगे! 😂 बातें बहुत ज्यादा हो गई हैं, कुछ को फालतू भी लग सकती हैं, लेकिन हमारे बचपन में हर घर में हर बच्चे के साथ यही होता था। अब आपकी प्रतिक्रिया देने की बारी है। क्या आपके साथ भी यही हुआ ChatGPT can make ©Chandrawati Murlidhar Gaur Sharma कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
कैप्शन में पढ़े 🤳 आज़ मैंने एक बच्चे को बाहर जाते हुए और पीछे मुड़-मुड़ कर देखते हुए देखा, तो मुझे अपने बचपन की बात याद आई। मैंने सोचा, इसे
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