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RAVI PRAKASH
White इतनी जल्दी दुनिया की कोई चीज नहीं बदलती जितनी जल्दी इंसान की नजरें और नियत बदल जाती हैं। ©RAVI PRAKASH #good_night इतनी जल्दी दुनिया की शायरी शायरी हिंदी में
#good_night इतनी जल्दी दुनिया की शायरी शायरी हिंदी में
read moreF M POETRY
White अपनी क़िस्मत को आजमाने की.. एक हसरत है तुम को पाने की.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #एक हसरत है तुमको पाने की.....
#एक हसरत है तुमको पाने की.....
read moreAshtvinayak
सीधी सरल नहीं हैं जिंदगी की राहें .. शायरी हिंदी हिंदी शायरी दोस्ती शायरी शायरी attitude
read moreSonal Panwar
इस जहां में अपना या पराया सब झूठा लगता ये संसार, फिर भी हर दिल खुश रहे यही चाह हो जीवन का सार, अनजानी राहों को मिल जाए खुशी के लक्ष्य का हार । ©Sonal Panwar राहों को मिल जाए खुशी के लक्ष्य का हार 👍💯💞✨ #Khushi हिंदी शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में
राहों को मिल जाए खुशी के लक्ष्य का हार 👍💯💞✨ #Khushi हिंदी शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में शायरी हिंदी में
read moreAttitude Life
White मेरे स्टाइल और एटीट्यूड की क्या बात करते हो, जो दिल में आता है, वो करके दिखाते हैं हम। न हार की परवाह, न जीत का गुरूर, बस अपने अंदाज़ में ज़िन्दगी जीते जाते हैं हम। ©Attitude Life मेरे स्टाइल और एटीट्यूड की क्या बात करते हो, जो दिल में आता है, वो करके दिखाते हैं हम। न हार की परवाह, न जीत का गुरूर, बस अपने अंदाज़ में ज़
मेरे स्टाइल और एटीट्यूड की क्या बात करते हो, जो दिल में आता है, वो करके दिखाते हैं हम। न हार की परवाह, न जीत का गुरूर, बस अपने अंदाज़ में ज़
read moreDeepak Gaudel
White उड़ना चाहता हूं बाज की तरह इसलिए तितलियों पर नजर नहीं रखता दस्तक देनी है कामयाबी के हर दरवाजे पर📈 इसलिए उन तितलियों के दरवाजे की पहरेदारी नहीं करता Instagram @_dpk09 ©Deepak Gaudel शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
शायरी हिंदी शायरी लव दोस्ती शायरी शेरो शायरी शायरी हिंदी में उड़ना चाहता हूं बाज की तरह
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
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