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theABHAYSINGH_BIPIN
तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी है। अब तो करवटों में कटती हैं रातें मेरी, तुमने सपनों में आकर रातें आधी की हैं। बेसब्र भटक रहा था मैं दर-ब-दर, मेरी टूटती उम्मीदों को राहत दी है। उदासियों में बीत रहा था दिन मेरा, मेरे सूखे होठों को हंसी दी है। पूरा बचपन जो अंधेरों में कटा मेरा, तूने आकर मेरे जीवन को रोशनी दी है। ©theABHAYSINGH_BIPIN #boat तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी ह
#boat तुमने मुझे छू क्या लिया नजरों से, मेरे सपनों को एक पैगाम दी है। सोचता हूं मैं फुरसत में काम टालकर, वर्षों से दबी जज़्बात को हवा दी ह
read moreAnjali Singhal
"रू-ब-रू तुमसे हुए हैं जब से। ख़्वाब-ओ-ख़्याल में खोए हैं तब से।।" #AnjaliSinghal #Shayari #shayaristatus #status #statusvideo #Video vir
read moreनवनीत ठाकुर
एक बार प्रण कर लिया जो धारण, हर मुश्किल हो फिर बस साधारण। फूंक दो जुनून में वो जान, हर राह बने खुद-ब-खुद आसान। ©नवनीत ठाकुर एक बार प्रण कर लिया जो धारण, हर मुश्किल हो फिर बस साधारण। फूंक दो जुनून में वो जान, हर राह बने खुद-ब-खुद आसान।
एक बार प्रण कर लिया जो धारण, हर मुश्किल हो फिर बस साधारण। फूंक दो जुनून में वो जान, हर राह बने खुद-ब-खुद आसान।
read moreनवनीत ठाकुर
कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही। ©नवनीत ठाकुर कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही।
कभी करीब आ, तुझे परखू तो सही, ये दाग गहरे हैं, मगर मिटे तो नहीं। ज़ख्म खुद-ब-खुद भर जाएंगे यकीनन, बस एक बार तू मरहम कर तो सही।
read moreसंस्कृत लेखिका तरुणा शर्मा तरु
आप सभी को हमारी और हमारे क्रिशु की और से दशहरा पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं, . . शीर्षक दशहरा पर्व . .
read moreRakesh frnds4ever
White अ:- क्या हाल है !!?!!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, जिंदगी भी जी का जंजाल है, बवाल ही बवाल हैं, शरीर केवल हाड़ मांस का कंकाल है....) ब:- क्या चल रहा है आज कल!!!??!! मैं:- ,,,,,,,कुछ नहीं,,,,, ((सब थम गया है, ये धरती ,अंबर ,पहाड़, हवाएं, नदी झरने ताल पोखर,,, ये शरीर , इसकी नलिकाएं, अवनालिकाएं, धमनियां, रक्त प्रवाह, हाड़ मांस गुर्दे दिल फेफड़े ,,,सब का सब___ जैसे जर गया है,,, दिल दिमाग मन चित सब _____जैसे जम गया है,,, ((घूटन में दम तोड़ती, तड़पती बस टूटी फूटी सांसे चल रही हैं....))) ©Rakesh frnds4ever #हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरी
#हाल_बेहाल अ:- #क्या हाल है!??!! मैं:- ,,,,,,,,,ठीक,,,, (हाल बेहाल हैं, सवाल ही सवाल है, #जिंदगी भी जी का #जंजाल है,बवाल ही बवाल हैं, शरी
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