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samandar Speaks
White फ़लक पे चढ़ के भी ज़मीं से वास्ता रखिए, ख़ुदा मिले न मिले दिल में रास्ता रखिए। नसीब आए न आए सब्र साथ में रखिए, हर एक मोड़ पे रौशनी से वास्ता रखिए। ना ग़ुरूर हो कोई उल्फ़ते जहां के राहों में वफ़ा की मिट्टी से ज़र्रे को अपना बना रखिए। ख़ुशी के पल भी गर ग़मो के साथ हो आएं, मुस्कुराहटों के ताज को फिर भी सजा रखिए। जो पा लिए उसे ही बस अपना समझ लीजिए, ख़ुदा के हुक्म को दिल से हर पल दबा रखिए। हर एक सांस का बस यहां, एहतराम ए वफ़ा कीजे खुदाई के वसूलों से चारगों को जला रखिए ज़माना कैसा भी हो ,राह पर निशान दिखेंगे इंसानियत का अलम, दिल में थमा रखिए। राजीव ©samandar Speaks #sad_quotes Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Poonam bagadia "punit" Samima Khatun
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White मैं किसान हूँ मैं किसान हूँ, धरती का बेटा, मेरे खून से सींचा हर खेत का टुकड़ा। सूरज की तपिश, चाँदनी की छांव, हर मौसम सहा,बदहाली में गुजारी हर शाम सुबह की पहली किरणों से लेकर रात तक, मेरे पसीने से उपजा जीवन का चमत्कार। पर मेरी झोली में, क्यों सूनापन है, मेरे हक़ के आसमान में अंधेरा घना है। बारिश कभी बनती मेरी दुश्मन, सूखा कभी तोड़ देता मेरा मन। फसलें लहलहाती हैं, पर खुशी नहीं, बाज़ार के भावों में मेरी हस्ती नहीं। कर्ज का बोझ बढ़ता जाता है, मेरे सपनों को धुंधला बनाता है। कभी घर की छत गिर जाती है, कभी बच्चों की शिक्षा छूट जाती है। मैं वो हूँ, जो हर किसी का पेट भरता, पर मेरा ही जीवन क्यों तन्हा सा रहता? मेरे श्रम का मोल कब समझेगी ये दुनिया, मेरी पीड़ा कब महसूस करेगी ये धरती और गगन? मैं किसान हूँ, पर हार नहीं मानूँगा, अपने बच्चों को ये जालिम दौर दिखाऊँगा। फिर उगेगी उम्मीद की हरियाली, जब हर दिल में जागेगी मेरी कहानी। ©samandar Speaks #love_shayari Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia Poonam bagadia "punit" Samima Khatun
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White त्रिपुरारी, तांडव-नायक, महाकाल का नाम, विनाश का नायक वह, सृष्टि का महाधाम। त्रिशूल धरे जो त्रिपुर बंधन तोड़ चला, मृत्यु से परे वह, स्वयं काल से लड़ा। गर्जना से उसकी कंपित हो ये ब्रह्मांड, शिव का हुंकार है, जगत का वह हुंकार तीन नेत्रों में ज्वाला, भस्म-अंग पर शान, कालजयी महादेव का जग में गूंजे गान। त्रिपुरासुर की माया जब सिर उठाए, महाकाल ने क्रोध में तांडव रचाए। त्रिशूल के प्रहार से भस्म हुआ अभिमान, विनाश में ही निर्माण का छुपा हुआ विज्ञान। हर हर भोले! गूंज उठे हैं कण-कण, महाकाल की महिमा से कंपित है जीवन। त्रिपुरारी, विनाशक, सृष्टि के आधार, तेरा ही जयघोष है, सदा हमारा शृंगार। ©samandar Speaks #Shiva Radhey Ray Samima Khatun Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey
#Shiva Radhey Ray Samima Khatun Mukesh Poonia Satyaprem Upadhyay Internet Jockey
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White चलो देखो चलो देखो, उस आदमी को, जो हर सुबह सूरज संग जागता है, सपनों की गठरी कंधे पर लादे, हर शाम ख्वाबों के साथ हारता है। चूल्हा जलाने की दौड़ में, अपने अरमान जलाता है, रोटी की हर गोलाई में, जिंदगी का गोल घुमाता है। उसके पांव में छाले हैं, पर कदमों में थकान नहीं, आंखों में उम्मीद बाकी है, चाहे हाथों में सामान नहीं। हर दर से वो लौट आता है, पर खुदा से शिकवा नहीं करता, गम के बादलों को चीर कर, अपने हिस्से की धूप बुनता। दुनिया जिसे नाकामी कहती है, वो उसे सब्र कह जाता है, हर दिन की छोटी जीतों में, अपनी पूरी जिंदगी लगा जाता है। चलो देखो, उस आदमी को, जो हार के भी मुस्कुराता है, ज़िंदगी के इस संग्राम में, हर पल खुद को आज़माता है। उसके संघर्ष में एक दर्शन है, हर दर्द का एक पैगाम है, कि गिरकर भी चलना सीख लो, क्योंकि यही तो असल इम्तिहान है। राजीव ©samandar Speaks #Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
#Sad_Status Siddharth singh Anant अंजान Mukesh Poonia Samima Khatun
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White गाँव के ओ गली, जवन छूट गइल, मन के कोना में, कहीं लुट गइल। पिआसल पनिहार, कुवा बोलावत, सपना के डेरा, कहीं टूट गइल। खलिहान के गाना, अब ना सुनाला, ओ बिसरे सुरवा, कहे छूट गइल। माटी के खुशबू, जियरा जुड़ावे, समय के संग-संग, कहीं रूठ गइल। अमराई के छांव, जियरा सहलावे, मगर उ बहार, अब तो रूठ गइल। चउपाल के बात, जे मन हरसावे, शहर के होड़ में, पीछे कहीं छूट गइल। बचपन के किस्सा, पकेला सहेजे, अधूरा सनेह, कहीं टूट गइल। राजीव ©samandar Speaks #good_night Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
#good_night Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
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White ये धड़कते पत्थर हैं, कोई दिल नहीं, छुपे दर्द के किस्से, कोई सिल नहीं। खुशबुओं की चादर में, जो बहार लिपटी, हर कांटे ने कहा, यहां फूल नहीं। चमकती रोशनी में, साये खो गए, अंधेरों ने पुकारा, यहां दिल नहीं। ख्वाबों की रवानी में, जो बहा पानी, हकीकत ने कहा, ये मुकम्मल नहीं। तू फलक पर चमके, ज़मीं भूल जाए, मगर याद रहे, ये हासिल नहीं। हर सांस में समंदर की गहराई है, मगर साहिल पे कोई कश्ती सलामत नहीं। हर आह ग़ज़ल है, हर आंसू शेर, मगर सुनने को कोई महफ़िल नहीं। राजीव ©samandar Speaks #love_shayari Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
#love_shayari Samima Khatun Radhey Ray Satyaprem Upadhyay Internet Jockey Mukesh Poonia
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