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Gurwinder Dhillon
White कभी होता नहीं मुकम्मल सफर महुब्बत की राहों का कितने ही अशीक हो गये फना इस इश्क़ की राहों पर ©Gurwinder Dhillon #इश्क
Jaseem Ali
इश्क कभी सच्ची नहीं होती ♡💔__sad _brokenheart _love _प्यार _broken _😭😭 शेरो शायरी शायरी दर्द 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में
read moreAnuj Ray
तुम्हारा इश्क़ ही पूजा है मेरे मंदिर की, और तुम्हारे ख़्वाब हैं मेरी जन्नत का नज़ारा। सब गवारा है मुझे मेरे इश्क़ की खातिर, सारी दुनिया में मुझे एक मेरा महबूब ही प्यारा। ©Anuj Ray # तुम्हारा इश्क"
# तुम्हारा इश्क"
read moreJashanpreet kaur
White तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। ©Jashanpreet kaur #GoodMorning तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। Aaj Ka Panchang motivational shayari H
#GoodMorning तुम से मोहब्बत का इजहार कर बैठे सुना था इश्क गुना हैं जाने -अनजाने हम वो गुना कर बैठे। Aaj Ka Panchang motivational shayari H
read moreVk srivastav
White दर्द बस इश्क में नही मिलता ख़ूब हो जाए कोई खास यही काफी है मैं अपने ज़ख़्म किसी को नही दिखाता मगर आपको हो गया एहसास यही काफी है ©Vk srivastav दर्द बस इश्क में नही मिलता #शायरी # hindi shayari# motivational shayari# shayari on life#vksrivastav
दर्द बस इश्क में नही मिलता #शायरी # hindi shayari# motivational shayari# shayari on lifevksrivastav
read morerahulyadav_0ah
White थोड़ा थोड़ा करके बहुत ज्यादा करीब हो गया हु तुमसे ©rahulyadav_0ah इश्क
इश्क
read morePrabhat Singh
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे.!! जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे.!! मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा.!! शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे.!! ©Ammu हम जले तो सब चिराग समझ बैठे.!! जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे.!! मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा.!! शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे.!! हिंद
हम जले तो सब चिराग समझ बैठे.!! जब महके तो सब गुलाव समझ बैठे.!! मेरे लफ्जों का दर्द किसी ने नहीं देखा.!! शायरी पड़ी तो शायर समझ बैठे.!! हिंद
read moreBajinder Thakur
वह जो दिल के करीब थी उसके पत्थर भी फूल थे थाने जाकर पता लगा इश्क के भी असूल थे ©Bajinder Thakur इश्क
इश्क
read morenisha Kharatshinde
जगा अन् जगूद्या सध्या पन्नाशीही पार करणे खूप अवघड झालंय अन् आत्महत्या करणे अगदी सोपं झालंय पंचवीस वर्षाच्या नात्याला किंमत राहिली नाही दोन वर्षाच्या प्रेमासाठी कुणी आईचाही उरला नाही त्या रागापुढे सर्वच शून्य अहंकाराने डाव साधला वेदनांनी आवाज न करता भावनांचा गळा घोटला दुनियेचं हसू होईल अन् इज्जतीचा पंचनामा समजून घेऊ जग म्हणतं अन् पडद्याआडून जाहीरनामा इथं कुणी कुणाची निंदा करते स्तुती मात्र क्वचित तिरस्काराने एकमेकांच्या संपली माणुसकीही निश्र्चित अफवांवर पांघरुण घालणारे पडतात फसवणुकीत बळी माहेर आहेर संपलय आता जन्मत:च खुंटते कळी जगा अन् जगूद्या सर्वा या महामारीच्या परिस्थितीत अत्यल्प आयुष्य उरलय बदल करा मनस्थितीत ✍️ निशा खरात/शिंदे (काव्यनिश) ©nisha Kharatshinde जगा अन् जगू द्या
जगा अन् जगू द्या
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