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FAKIR SAAB(ek fakir)
White ऐसी चिंगारियां छोड़ गए है लोग किताबों में के सारी दुनिया जल रही है अब तक ©FAKIR SAAB(ek fakir) #hindi_diwas किताबें
#hindi_diwas किताबें
read moreMehfuza
White बहुत बड़ी दुनिया है तेरे, मेरा कोई नहीं सिवाय तेरे। बहुत सी किताबें हैं तेरे पास, मेरे पास तेरी यादों के सिवा कुछ नहीं। तेरी यादें मेरे दिल की किताब हैं, जिसे मैं हर पल पढ़ता हूं। मेरी दुनिया तेरे बिना खाली है, जैसे किताब के बिना लाइब्रेरी। एक किताब की तरह, जहां पन्ने हैं पर कहानी नहीं। जहां लाइनें हैं पर मतलब नहीं। तेरी यादें मेरी जिन्दगी की रोशनी हैं, तेरे मेरे चमकते मुस्तक़बिल की तरह। बहुत से लोग तेरे पास आते होंगे, लेकिन मेरा दिल तेरे लिए ही धड़कता है। तेरी यादें मेरे जिन्दगी की सबसे बड़ी कमाई हैं, जिसे मैं कभी नहीं खोना चाहता। - Mehfuza Sultana ©Mehfuza #GoodNight बहुत बड़ी दुनिया है तेरे, मेरा कोई नहीं सिवाय तेरे। बहुत सी किताबें हैं तेरे पास, मेरे पास तेरी यादों के सिवा कुछ नहीं। तेरी यादे
#GoodNight बहुत बड़ी दुनिया है तेरे, मेरा कोई नहीं सिवाय तेरे। बहुत सी किताबें हैं तेरे पास, मेरे पास तेरी यादों के सिवा कुछ नहीं। तेरी यादे
read moreSawan Sharma
White जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हुई जिन्हें सहलाते हुए रात मुझे नींद आ गई थी जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। बाहर निकल कर कमरे से तेरे हाथ की चाय मिले चीनी हो उसमें थोड़ी थोड़ी प्रेम की मिठास हो संवरने लगे जाने को ऑफिस मैं देखु तुझे संवरते हुए दराज़ से निकाले तू झुमके मैं पहना दु अपने हाथों से जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। मैं सारा दिन घर रहकर प्रेम की किताबें लिखू शाम को घर आते ही चाय तुझे तैयार मिले थकान मिटाने दिन भर की घर आते ही गले लगे फ़िर हम दोनों साथ बैठकर वो प्यार से बनी चाय पीये जीवन की कुछ इच्छाओं में एक इच्छा ये भी है। ©Sawan Sharma जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हु
जब सवेरा हो, तो दिखे चेहरा तेरा तस्वीर में नहीं, अपने पास में तेरी आवाज़ जाए सबसे पहले कानो में जागू तो मिले उंगलियां तेरे बालो में उलझी हु
read moreharikesh
White किताबें, भौतिक, रसायन, गणित और भी पढ़ ली हमने हां एक मुहब्बत की किताब पढ़ाना भूल गए || नशा, तंबाकू, गांजा,भांग,शराब और भी कर लिए हमने एक तेरी आंखों का नशा करना भूल गए || ✍️Harikesh.. ©harikesh किताबें, भौतिक, रसायन, गणित और भी पढ़ ली हमने हां एक मुहब्बत की किताब पढ़ाना भूल गए || नशा, तंबाकू, गांजा,भांग,शराब और भी कर लिए हमने एक
किताबें, भौतिक, रसायन, गणित और भी पढ़ ली हमने हां एक मुहब्बत की किताब पढ़ाना भूल गए || नशा, तंबाकू, गांजा,भांग,शराब और भी कर लिए हमने एक
read moreRamkishor Azad
White सब वक्त का खेल हैं कल हम कहा थे और आज हम कहा पर हैं, जब वक्त याद आता है तो लगता है कि असल जिंदगी वहीं जी हैं! शिक्षकों की डांट मां बाप का गुस्सा और दोस्तों का प्यार आज भी याद है,, शिक्षकों की नकल दोस्तों का हुड़दंग और किताबों से प्यार अब न मिल रहा हैं!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #teachers_day #वक्त #खेल #सपने #शायरी #rsazad #Student #किताबें #treanding #Love Diksha Singh mumbai color work Sethi Ji Hisamuddeen Kha
#teachers_day #वक्त #खेल #सपने #शायरी #rsazad #Student #किताबें #treanding Love Diksha Singh mumbai color work Sethi Ji Hisamuddeen Kha
read moreRamkishor Azad
White सब वक्त खेल हैं कल हम कहा थे और आज हम कहा पर हैं, जब वक्त याद आता है तो लगता है कि असल जिंदगी वहीं जी हैं! शिक्षकों की डांट मां बाप का गुस्सा और दोस्तों का प्यार आज भी याद है,, शिक्षकों की नकल दोस्तों का हुड़दंग और किताबों से प्यार अब न मिल रहा हैं!! डीयर आर एस आज़ाद... ©Ramkishor Azad #teachers_day #वक्त #खेल #सपने #शायरी #rsazad #Student #किताबें #treanding #Love Diksha Singh mumbai color work Sethi Ji Hisamuddeen Kha
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read moreNiaz (Harf)
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं मगर, टूटे आईनों में सूझते हैं। रोटी के टुकड़ों में बंटा है सारा वजूद, हर ख्वाहिश पर लगता है जैसे कोई सूद। आंखों में आंसू, दिल में हसरतें दबती हैं, हर सुबह उम्मीदें फिर से मरती हैं। नहीं हैं किताबें, ना खेलों की बात, बस मेहनत में बीतता है बचपन का हर रात। वो टूटी हुई झोपड़ी, वो सूना सा चूल्हा, दौलत के आगे सब कुछ यहाँ बेमानी सा लगता है। कभी उम्मीदें होती हैं, कभी दिल तंग होता है, गरीबी में हर इंसान का सपना अधूरा सा रहता है। इस अंधेरी रात में बस एक ख्वाब है रोशनी का, शायद कभी खत्म हो ये दर्द गरीबी का। ©Niaz (Harf) गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
गरीबी फटे हुए कपड़ों में लिपटी ज़िन्दगी की कहानी, हर सांस में बसी है दर्द की निशानी। पेट की आग बुझाने को दिन रात जूझते हैं, ख्वाब तो हैं म
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