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love you zindagi
ऐसा क्या देखा उसने क्या कुछ था मुझमें..! @वकील साहब ✍️ ©love you zindagi #Love #नज़र #उसने #मुझमें #fitrat
loyal_lyrics
Poet Maddy
हम बैठे थे महफ़िल में पढने ग़ज़ल, सामने से उसने हमें इशारा कर दिया........ अदाओं से अपनी घायल करके हमें, उसने नुकसान सारा हमारा कर दिया........ ©Poet Maddy हम बैठे थे महफ़िल में पढने ग़ज़ल, सामने से उसने हमें इशारा कर दिया........ #Sot#Gathering#Gazal#Signal#Front#wound#Expression#Harm
हम बैठे थे महफ़िल में पढने ग़ज़ल, सामने से उसने हमें इशारा कर दिया........ #sot#GATHERING#gazal#Signal#front#wound#expression#Harm
read moreSarvesh kumar kashyap
manshisingh@gmail.com
उसने कहाँ था ज़िंदगी भर खुश रखूँगा क्या पता था वही मेरे उदासियों की वजह बन जाएगा ©manshisingh@gmail.com उसने कहाँ था ज़िंदगी भी साथ निभायेगे
उसने कहाँ था ज़िंदगी भी साथ निभायेगे
read morePoet Maddy
हम शायरों की महफ़िल में पहुंचे ही थे कि, उसने हमको देखकर इक इशारा कर दिया......... उसकी तबस्सुम देख हम भूल गए अल्फ़ाज़, उस ज़ालिम ने काम खराब हमारा कर दिया........ ©Poet Maddy हम शायरों की महफ़िल में पहुंचे ही थे कि, उसने हमको देखकर इक इशारा कर दिया......... #Reach#Gathering#Poets#Gesture#BeautifulEyes#Forget#Words#
हम शायरों की महफ़िल में पहुंचे ही थे कि, उसने हमको देखकर इक इशारा कर दिया......... #Reach#GATHERING#poets#Gesture#BeautifulEyes#Forget#words#
read morePoet Maddy
हम महफ़िल में पहुंचे ही थे कि, उसने हमको यूं इशारा कर दिया.......... हमारे ग़ज़ल पढ़ने से पहले ही, उसने काम खराब सारा कर दिया........ ©Poet Maddy हम महफ़िल में पहुंचे ही थे कि, उसने हमको यूं इशारा कर दिया.......... #Reach#Gathering#Signal#Read#Gazal#Spoil#Work..........
Dr Garima tyagi(अक्षरश : हिंदी साहित्य dg)
https://youtube.com/shorts/RFrxyABRtTE?si=cySIZHsp_CDu6Ciw #HappyTeachersday nojoto #nojotohindi #Quotes #Quote Love Poetry #poem Motiva
read moreSelf Made Shayar
जिसे तुमने मजाक मजाक में बता दिया, उसने कभी बड़ी शिद्दत से मोहब्बत जताया होगा ।
read moreNitu Singh जज़्बातदिलके
White जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे सप्ताह गुजरे न विश्वास की सिंचाई न गलतियों की निराई न जुबानी जहर को पौधों से छुटाया था उसने फिर सहसा एक दिन खींच ले गयीं अभिलाषाएं उसे फसल की ओर चींखने लगा जोर जोर से निखोलने लगा सुषुप्त पड़ चुके प्रेम बीज को मढ़ने लगा आरोप उसके प्रेमत्व पर क्योंकि आज, वर्तमान पर मुरझा सा नीरस पुष्प ही पाया था उसने काश! झांक पाता सहस्त्रों बार किये उन वादों की ओर जिन्हें हर गलती के बाद दोहराया था उसने ©Nitu Singh जज़्बातदिलके जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
जीवन की रूप रेखा को कुछ यूं स्वप्नाया था उसने सुगंध उठेगा कल सबेरा मेरा यही विचारकर प्रेम बीज को अतीत की भूमि में दबाया था उसने दिन गुजरे स
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