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Anjali Singhal
"एहसासों का उधार है हम पर, बस वही चुकाने में लगे हैं। चुका देते कब का ये उधार...हम प्यार देकर, पर वो ब्याज की दर्द-ए-दर बढ़ाने में लगे हैं। #Shayari #ehsaas #AnjaliSinghal
read moreseema patidar
कोई पूछे तुमसे कौन हूं मैं? तुम कह देना कोई खास नहीं एक दोस्त है पक्का कच्चा सा एक झूठ है आधा सच्चा सा जज्बात को ढके एक पर्दा बस एक बहाना कोई अच्छा सा जीवन का ऐसा साथी जो पास होकर भी पास नहीं..... कोई पूछे तुमसे कौन हूं मैं ? तुम कह देना कोई खास नहीं .......। ©seema patidar कोई पूछे तुमसे.....
कोई पूछे तुमसे..... #Quotes
read moreNurul Shabd
#Chauhan Ajay Singh
ग़ज़ल ये कहने में मुझको ज़माने लगे हैं कि तुमसे ये दिल हम लगाने लगे हैं, मुहब्बत से मुझको जो दिल से लगाओ, जमाने की नज़र #SAD
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित स्वरचित एवं मौलिक ©Devesh Dixit #जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द
#जीन_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, द #Poetry
read moreDevesh Dixit
जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, देखो बढ़ने लगे हैं अब। नज़रअंदाज़ किया उनको, जिसने भी कांँटे बोए हैं। क्या कहें अब हम उनको, वे खुद ही कर्मों पर रोए हैं। उन्हें उनके हाल पर छोड़, सपने बुनने लगे हैं अब। उन सपनों को अपने जोड़, देखो जीने लगे हैं अब। क्यों करनी है उनकी चिंता, उनसे क्या सरोकार है अब। नकाब के पीछे है जो चेहरा, उन पर कहाँ एतबार है अब। आशाओं को जो हटाया, देखो जीने लगे हैं अब। स्वयं को फिर सुदृढ़ पाया, और संवरने लगे हैं अब। ..................................... देवेश दीक्षित ©Devesh Dixit #जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़,
#जीने_लगें_हैं_अब #nojotohindi #nojotohindipoetry जीने लगें हैं अब सारे गमों को पीछे छोड़, देखो जीने लगे हैं अब। लोगों की फ़िक्रों को छोड़, #Poetry #sandiprohila
read moreRajesh Sharma
White जीवन में अंधेरा लगे तो नारायण पर छोड़ दो उजाला निश्चित होगा ©Rajesh Sharma जीवन में अंधेरा लगे तो
जीवन में अंधेरा लगे तो #मोटिवेशनल
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