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साँस लेती hui lash
White ये सूरज कितना भी गर्म हो, चांद से बढ़ के थोड़ी हैं । और मेरी जान,मेरा गुस्सा, तेरी मुस्कान से बढ़ के थोड़ी है । ये आसमान, ये हवा, ये हरियाली, भले मुझे सुकून देते है । पर मेरी जान, ये सब तेरी बाहों से बढ़ के थोड़ी है । जो दुनियां में खुली आंखों से देखता हू , मेरी जान वो दुनियां तुम्हारे ख्वाबों से बढ़ के थोड़ी है । तुम्हारे खूबसूरती को बताने के लिए इस जहान में कोई शब्द नहीं। मेरी जान ये फूल–परिंदे, शाम–सवेरा, सूरज–चांद, तुम्हारे खूबसूरती को बताने के लायक थोड़ी है । तुम्हारे जाने के बाद भले ही मैं मर जाऊ, मेरी उस मौत का कारण मेरी पागल तू थोड़ी है । वो अगर खुश है किसी और के साथ तो उसे खुश रहने दो । यारों मेरा दर्द उसकी खुशी से बढ़ के थोड़ी है । वो लोग जो जिंदगी को खूबसूरत बताते है , जरा कोई बताओ उनको ये जिंदगी मौत से खूबसूरत थोड़ी है । जो दर्द तुम अपने आशुओं मैं लिए फिरते हो अनजान, वो दर्द मेरी खामोशी से बढ़ के थोड़ी है । चलो मान लिया मैने ये दुनियां तुम्हारी है , पर याद रखना ये मुझसे बढ़ के थोड़ी है । ✍️✍️ ©साँस लेती hui lash #Deep #sayari #Love #truelove #Dard #joanelia #Poet #kavita #मोहब्बत #Dhoka sad urdu poetry poetry sad poetry love poetry in hindi urdu poe
Komal Singh
Galti humari hi thi love #Poetry #poetryinhindi #sadlove Shayari #viral wdeep poetry in urdu wlove poetry in hindi
read moreArpan Varu
Farhan Ahmad
White tum bhi-farhan kamaal krte ho, galti khud kar ke ilzaam Khuda pe lagate ho. ©Farhan Ahmad #good_night #Dard #Life #story #Failure #Motivational #Love #Nojoto #urdu #Shayari
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read moreसाँस लेती hui lash
White उम्र गुज़री है माँजते ख़ुद को साफ़ हैं पर चमक नहीं पाए डाल ने फूल की तरह पाला ख़ार थे ना महक नहीं पाए ©साँस लेती hui lash #Poet #sayari #Deep #Poetry urdu poetry deep poetry in urdu sad urdu poetry love poetry in english
_बेखबर
हमने भी देखें हैं बहारों के दिन हम पर भी था जवानी का खुमार हमारा भी धड़का था जोर से दिल हमने भी किया था इश्क- इजहार भली सी एक सांवली सी सूरत से हमें भी था कभी बे -इंतहा प्यार हम भी खुली आंख खाब देखते थे हमें भी होता था मोहब्बत पे एतबार किसी की एक नज़र पाने को हमारा दिल भी होता था बे-करार किसी को अपनी बाहों में भर कर हमें भी मिलता था सुकूं-ओ-करार हमने भी खायी थी वफा की कसमें हमें भी था अपने वादों से सरोकार फिर कुछ दरारें पड़ी दिलों में'बेखबर' ढ़ह गया मेरी मोहब्बत का घर-बार ©_बेखबर love poetry in hindi urdu poetry deep poetry in urdu poetry quotes sad poetry
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