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Ashvani Kumar
जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता, खुद ही आये हँसी तो वही ठीक है, यूं ही ऐसे हँसाना नहीं चाहता, जीतना चाहता हूं सभी से मगर, मैं किसी को हराना नहीं चाहता, भावनाओं को परिणाम मिल जायेगा, और रिश्ते को इक नाम मिल जायेगा, मेरी चोटों को होंठों से छू दो प्रीये , मेरी पीढ़ा को आराम मिल जायेगा।। ©Ashvani Kumar आराम मिल जायेगा
आराम मिल जायेगा #Shayari
read moreSaurabh Raj Sauri
White राधा त मिल गे मिथे पर मि, रुक्मणि थे खोज्याणु छौँ मि मौत समणी देखी की बि ,अफु थै घौणा घौ लगाणु छौँ कि प्रीत पूरी होंदी नी यख बल, मिल लुखु मा सूणी मि मायादार थै याद रैखी की भी ब्योली खोज्याणु छौँ ©Saurabh Raj Sauri राधा त मिल गे
राधा त मिल गे #Shayari
read moreSatish Kumar Meena
White सूर्यास्त का समय ऐसा लगता है जैसे सूरज भी पूरे दिन की थकान के बाद अब सोने जा रहा हो और हमें भी अब चैन की नींद सोना है। ©Satish Kumar Meena चैन की नींद
चैन की नींद #विचार
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
Red sands and spectacular sandstone rock formations ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।। न देखा न सोचा न समझा न जाना । कहे मुझको मेरा खुदा मिल रहा है ।। किनारों में ही डूब जाते ये आशिक । न जाने कहाँ मशविरा मिल रहा है ।। कदम दो कदम साथ अब जो चलो तुम तो सच है तुम्हें भी खुदा मिल रहा है ।। चले आओ जख़्मी जिगर आज लेकर यहाँ चाहतों का सिला मिल रहा है पड़ो अब नही तुम हसीनों के पीछे इन्हें हर तरफ दूसरा मिल रहा है मिलेगा तुम्हें क्या वफ़ा इनसे करके इन्हें दिलज़लो से मजा मिल रहा है किया जो प्रखर ने वफ़ा टूटकर तो । वफ़ा से ही उसको जफ़ा मिल रहा है । महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है ।
ग़ज़ल :- बता दें किसे आज क्या मिल रहा है । मुहब्बत में सबको दगा मिल रहा है ।। न रश्में न बंधन न कसमें न वादे । ऐसी इक डगर का पता मिल रहा है । #शायरी
read moreVic@tory
White छलक उठे आसूं जब लबों पे उसका नाम आया, दिल टूटा था इसलिए कुछ कह ना पाया हमनें ऐसे ही गुजारी हैं मोहब्बत मे रातें, जब तक आसूं ना आये दिल को चैन ना आया..!! ©हिंदुस्तानी #दिल को चैन ना आया..!!
#दिल को चैन ना आया..!!
read moreShashi Bhushan Mishra
दिन बदलेगा इसी चाह में, मिला मुझे संघर्ष राह में, हिम्मत देने वाला साथी, कश्ती ले भागा प्रवाह में, भवसागर से पार है जाना, चला रहे पतवार थाह में, हुई समर्पित जीवन सरिता, पीड़ा घुलती रही आह में, घूम रहा है चक्र समय का, दिन,पखवारे और माह में, बेचैनी में कटते दिन अब, चैन नहीं है ख़्वाब गाह में, दर्द भरी नज्में सुन 'गुंजन', बजती ताली वाह-वाह में, -शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' समस्तीपुर बिहार ©Shashi Bhushan Mishra #चैन नहीं है ख़्वाब गाह में#