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s गोल्डी
गाँवे के लोग पापा जी से कहे लइका तहार नमूने ह बड़का तनी भोला-भला छोटका अफलातुने ह...... ©s गोल्डी गाँवे के लोग कहे लइका तहार नमूने ह बड़का तनी भोला-भला छोटका अफलातुने ह......
गाँवे के लोग कहे लइका तहार नमूने ह बड़का तनी भोला-भला छोटका अफलातुने ह......
read moreGeeta Sharma
आँख भला क्यूँ तेरी गम से नम होती हैं ✍️ video #Motivation #viral video #GoodMorning #Trending Song #whatsappstatus
read moreRimpi chaube
Beautiful Moon Night विरह की वेदना को भला, कैसे अभिव्यक्त करूं मैं। कि चांदनी से जो बिछड़ा चांद... आसमाँ में अंधेरा हो गया।। ©Rimpi chaube #चांदनी ☺️ विरह की वेदना को भला, कैसे अभिव्यक्त करूं मैं। कि चांदनी से जो बिछड़ा चांद... आसमाँ में अंधेरा हो गया।। ❤️❤️❤️❤️ sad status in h
#चांदनी ☺️ विरह की वेदना को भला, कैसे अभिव्यक्त करूं मैं। कि चांदनी से जो बिछड़ा चांद... आसमाँ में अंधेरा हो गया।। ❤️❤️❤️❤️ sad status in h
read moreबेजुबान शायर shivkumar
White मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं थोड़ा अच्छा या काफी बुरा लिखूं !!🕊️ मैं कहानी हूं पूरी या किस्सा अधूरा लिखूं ✨ मैं कौन हूं मैं खुद को क्या लिखूं !!🕊️ अपनी उम्र से तजुर्बों में बढ़ा लिखूं ✨ या उम्मीदों की लाशों पर चला लिखूं!!🕊️ ना समझेगा कोई भला मैं क्या लिखूं✨ लोग समझते हैं सुलझा हुआ तो खुद को क्या उलझा हुआ लिखूं !!🕊️ हम अपने बारे में और जानते ही नहीं ✨ चलो छोड़ो भी आज खुद को सरफिरा लिखूं !!✨❣️ ©बेजुबान शायर shivkumar Sethi Ji Kshitija poonam atrey angel rai puja udeshi कविता कविताएं हिंदी कविता कविता कोश मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं
Sethi Ji Kshitija poonam atrey angel rai puja udeshi कविता कविताएं हिंदी कविता कविता कोश मैं अपने बारे में लिखूं भी तो क्या लिखूं
read moreधर्मेश राजपूत
इजाजत हो तो फिर से तेरी सूनी मांग भर दूँ क्या जो बाकी है मेरी जिंदगी सारि तेरे नाम कर दूं क्या तेरे पतझड़ से जीवन को सावन की मल्हार दे दूं
read moreJansurajharnaut
बिहार का भला तभी होगा जब ये चीजें होगी #jansuraaj #prashantkishor #digitalyoddha MWSALLINONE
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब, तु आज फिर से,मेरी*जीस्त मे समा आया//२ मेरा सलीका ए उल्फत,भला तु क्या जाने, के इस चमन मे तु बन बागबा,मेरा आया//३ मेरी*सदाकत का अब भी, बोलबाला है,वो *फरेबी मेरी शोहरत को फिर दबा आया//४ मै*हालेजार ही जा बैठी तेरे पहलु मे,तु दिलरुबा बुझी"शमा"को फिर जला आया//५ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #love_shayari सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब,तु आज फिर से,
#love_shayari सुकून दिल को मेरे-तेरे नाम से आया,ऐ दिलरुबा तु मेरे दिल को,इस कदर भा आया//१ न पूछ हाल मेरे दिल का ऐ दिल ए महबूब,तु आज फिर से,
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गये , लगा जिन्हें था रोग ।। बात-बात पर जग भला , क्यों देता है टोक । कहाँ आयु है प्रेम की , जो लूँ दिल को रोक ।। करते रहते तंज हैं , क्या होता है प्यार । सब कुछ तो हैं हारतें , दिल को भी दें हार ।। जीवन से अब हार कर , पाया है यह सीख । पेरी जाती है सदा , जग में देखो ईख ।। आशा की पूँजी बड़ी, कभी न होती खर्च । रखिये अपने साथ नित , चाहे जायें चर्च ।। आशा हो तो ईश भी , मिल जाते हैं द्वार । वरना रहिये खोजते , बन पागल संसार ।। युग कितने बीते यहाँ , किया नहीं विश्राम । आशाओं से राम जी , लौटे अपने धाम ।। धैर्य रखे इंसान तो , सब संभव हो जाय । आशाओं के दीप से , जग रोशन हो जाय ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय
दोहा :- पति पत्नी के बीच में, होती नाजुक डोर । ऐसे मत छेडो उन्हें , हो जाए दो छोर ।। प्रेम कभी मरता नही , मर जाते हैं लोग । बात वही बतला गय
read moreaapki_adhuri_baten
White #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha ©aapki_adhuri_baten #good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha
#good_night #सुनो कोई एक चेहरा भला कब तक देखे आईने में, सच कहूं तो मेरा खुद से भी दिल भर गया हैं.. #Radha
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण । हरता रहता नित्य है , बहू बहन के प्राण ।। मूक बधिर हम सब बने , देख रहे हैं कृत्य । गली-गली शैतान वह , हमें दिखाता नृत्य ।। सरल यही अब राह है , जला सभी लो मोम । याद भला कब तक रहे , तुम्हें नाथ का ओम ।। याद किसी को है नही , सत्य सनातन ओम । बुझे पड़े है कुंड सब , कही न होता होम ।। जला-जला के मोम को , देते रहो प्रमाण । हम निर्बल असहाय हैं , हर लो मेरे प्राण ।। पढ़ो पढ़ाओ बेटियाँ , बनकर सब इंसान । निर्मम हत्या के लिए , खड़े गली शैतान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
दोहा :- बेटी पढ़ाकर भी नही , बचा न पाये प्राण । पुनः दिया है दुष्ट ने , फिर से आज प्रमाण ।। गिद्ध बना इंसान है , देता नित्य प्रमाण ।
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