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IG @kavi_neetesh
White आज का प्रभात शुभ हो आपको "मूर्ख को उपदेश सखे, व्यर्थ सदा हो जाय। जैसे सर्प को दूध का, देना काम न आय।" ------राधे-राधे सुप्रभात ------- ©IG @kavi_neetesh आज का प्रभात शुभ हो आपको "मूर्ख को उपदेश सखे, व्यर्थ सदा हो जाय। जैसे सर्प को दूध का, देना काम न आय।" ------राधे-र
Rakesh frnds4ever
White बदहाली में जो गुजरी सारी उम्र,, गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी खाल,, मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे मेरा हाल..... विडंबना है कि,, दिखावे को तो मैं कोई हिस्सा हूं, पर क्या? कहीं ना कोई, किसी भी चीज का मैं किस्सा हूं !!! जागे हुए कि तो मुमकिन ही नहीं, कभी सोते हुए भी ना आया है,ना आएगा ,,,,, तुमको कभी भी मेरा ख्याल,,,.... जनता हूं ;:!:;,,... तुम्हारे दिल की, मन की , भीतर की हर बात, हर राज, हरेक सोच विचार,,, पर तुम क्या जानो कि,,, पागल है, बुद्धू है , मूर्ख है बावला है जो कि मैने,,, कभी किया ना कोई सवाल!!!! बदहाली की जो तुमने मेरी सारी उम्र,, घूटन में जो चल रही मेरी सभी साल देखना कभी मुझमें उमड़ेगा कोई भूकंप और अंतर्मन की विवशता और जर्जता की लावा और ज्वाला से धधकेगा, कोई भूचाल लेकिन बाहर नहीं अंदर!!!! ©Rakesh frnds4ever #बदहालीमेंजोगुजरीसारीउम्र,, #गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी #खाल , मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे #मे
#बदहालीमेंजोगुजरीसारीउम्र,, #गुमनामी में जो गुजारी सारी साल.... मैं भले ही उतार डालूं बेशक अपनी #खाल , मालूम है मुझको तुम कभी ना पूछोगे मे #दिल #ख्याल #किस्सा #कोट्स #rakeshyadav #मेराहाल
read moreVinod Mishra
"अगर आप किसी चीज का बुद्धिमानी से अन्त नहीं कर सकते हो तो आपको मूर्खता पूर्वक इसे प्रारंभ भी नहीं करना चाहिए." I'm a teacher 🙏🖊️🙏 #Teacher #मोटिवेशनल
read moreDr. Asha Yashshree
माता-पिता की संपत्ति को लेकर झगड़ा तो हर घर में होता है, कोई इस झगड़े को समझदारी के साथ सुलझाता है तो कोई इस झगड़े को अपनी मूर्खता से...... #मोटिवेशनल #drashayashshree
read moreAnuradha T Gautam 6280
Rohan Roy
White किसी की भावनाओं को समझना मूर्खता नहीं। बल्कि वह अनुभव है। जो हर किसी को दिखता नहीं। ©Rohan Roy किसी की भावनाओं को समझना मूर्खता नहीं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation |
किसी की भावनाओं को समझना मूर्खता नहीं | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | #Life
read more@YahanZazbaatBikteHai..
White समझ नही 🤔 आ रहा ये जो 30599 मेरे फॉलोअर बन बैठे है। ये क्यों बने है?मैं दावे से कह सकता हूं उनको खुद को भी पता नही होगा की क्यों? ये मुर्दे फॉलोअर बोझ है मेरी प्रोफाइल पे इन्हें पता ही नही,,इन्हें क्या किसीको भी नही पता फॉलो से तात्पर्य क्या है। 😂😂 ©@YahanZazbaatBikteHai.. #मूर्खता😂
मूर्खता😂 #Life
read moreMAHENDRA SINGH PRAKHAR
*विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी .... पूर्ण हुई वह खुशियाँ सारी , जो थी मन में चाह । खूब कमाकर पैसा सोचा , करूँ सुता का ब्याह ।। आज उन्हीं बच्चों ने बोला , क्यों करते हो काँव । जिनकी खातिर ठुकरा आया, मातु-पिता की ठाँव । आओ लौट चलें अब साथी ..... स्वार्थ रहित जीवन जीने से , मरना उच्च उपाय । सुख की चाह लिए भागा मैं, और बढ़ाऊँ आय ।। यह जीवन मिथ्या कर डाला , पाया संग तनाव । देख मनुज से पशु बन बैठा , डालो गले गराँव ।। आओ लौट चलें अब साथी.... भूल गया मिट्टी के घर को , किया नहीं परवाह । मिला प्रेम था मातु-पिता से , लगा न पाया थाह ।। अच्छा रहना अच्छा खाना , मन में था ठहराव । सारा जीवन लगा दिया मैं , इन बच्चों पर दाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ..... झुकी कमर कहती है हमसे , मिटी हाथ की रेख । गर्दन भी ये अब न न करती ,लोग रहे सब देख ।। वो सब हँसते हम पछताते, इतने हैं बदलाव । मूर्ख बना हूँ छोड़ गाँव को , बदली जीवन नाँव ।। आओ लौट चलें साथी अब ... कभी लोभ में पड़कर भैय्या , छोड़ न जाना गाँव । एक प्रकृति ही देती हमको , शीतल-शीतल छाँव ।। और न कोई सगा धरा पर , झूठा सभी लगाव । अब यह जीवन है सुन दरिया , जाऊँ जिधर बहाव ।। आओ लौट चलें अब साथी.... आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR *विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ...
*विधा सरसी छन्द आधारित गीत* आओ लौट चलें अब साथी , सुंदर अपने गाँव । वहीं मिलेगी बरगद की सुन , शीतल हमको छाँव ।। आओ लौट चलें अब साथी ... #कविता
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी शह मात का यह खेल ,रग रग में बसा चुके है कर्तव्यों को छोड़कर ढ़ाई घर घोड़ा बढ़ा चुके है ऊँट की आड़ी तिरछी चालो में भ्र्ष्टाचार की गंगा बाहा चुके है पैदल सिपाही को,अगिनवीर बना चुके है हाथी की सीधी चाल चलने की किसी भी सियासत में दम नही जनता को सब शतरंज का मोहरा बना चुके है राजा रानी की दुहाई देकर मूर्ख लोकतंत्र के नाम पर बना चुके है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #International_Chess_Day राजा रानी की दुहाई देकर,मूर्ख लोकतंत्र में बनाने लगे है #nojotohindi
#International_Chess_Day राजा रानी की दुहाई देकर,मूर्ख लोकतंत्र में बनाने लगे है #nojotohindi #कविता
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