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New मनुष्य की गंमत Quotes, Status, Photo, Video

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Veena Misra

# श्रीमद्भागवत की फूलो की होली#

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neelu

White किसी भी मनुष्य की वर्तमान
मनोस्थिति का शुद्ध रूप 'मनःस्थिति' है

©neelu #Sad_Status #किसी भी #मनुष्य की #वर्तमान

Heer

प्रेम को समझना हर किसी के बस की बात नहीं..... सच्चा प्रेम किसे कहते है ये सिखाने ही तो राधा कृष्ण मनुष्य रूप में धरा पर अवतरित हुए थे। हम म

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Sumit Kumar

लड़को की उम्र की कहानी..

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Rajinder singh bhati

मनुष्य के लिए उपयोगी बातें मोटिवेशनल कोट्स इन हिंदी फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स फॉर स्टूडेंट्स मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल स्टेटस हिंदी

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N S Yadav GoldMine

#Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey} क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात तो कहता नहीं, दुसरे के दिल को दुखाना चाहता है, यही उसके दुख का कारन बन

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White {Bolo Ji Radhey Radhey}
क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात
तो कहता नहीं, दुसरे के दिल को 
दुखाना चाहता है, यही उसके 
दुख का कारन बनता है !! 
जय श्री राधेकृष्ण जी।

©N S Yadav GoldMine #Sad_Status {Bolo Ji Radhey Radhey}
क्रोध में मनुष्य अपने मन की बात
तो कहता नहीं, दुसरे के दिल को 
दुखाना चाहता है, यही उसके 
दुख का कारन बन

person

गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है? यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

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गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?


यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के विषय में हमारा अज्ञान है। हम स्वजनों की मृत्यु की आशंका से ही भयभीत हो जाते हैं। हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका भी हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वछंद नहीं होने देती।

भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के बारे में अज्ञानता है. इसके अलावा, मनुष्य के दुखों के कुछ और कारण ये हैं: 
 
हमने जो भी अर्जित किया या पाया है, उसकी हानि की शंका हमारी चेतना को कभी पूर्णतया स्वच्छंद नहीं होने देती. 
 
मनुष्य में श्रेष्ठ गुणों का अभाव होता है. 
 
मनुष्य का शत्रुतापूर्ण और अमानवीय स्वभाव दुनिया को उदास और निराशाजनक बना देता है. 
 
अधिकांश मनुष्य इस बात का परिप्रेक्ष्य खो चुके हैं कि यह जीवन क्या है. 
 
उनकी मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया अस्तित्वगत प्रक्रिया से कहीं अधिक बड़ी हो गई है. 
 
भगवद गीता के मुताबिक, मनुष्य को अपने विवेक, परिश्रम, बुद्धि और उद्यम पर संदेह नहीं करना चाहिए. उसे सदैव सत्य और स्वधर्म के पक्ष में रहना चाहिए.

©person गीता के अनुसार मनुष्य के दुःख का कारण क्या है?

यदि भगवद गीता को देखें तो हम पाते हैं कि संसार के दुखों का प्रमुख कारण आत्मा के स्वरूप के वि

person

भक्ति में हैं शक्ति 🙏 ✝️🕉️☪️🪯☯️☮️☸️🕎 सकारात्मक सोच और गुण सही मार्ग पर ले जाता हैं मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सब

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भक्ति के लिए कोई आयु सीमा नहीं होती। बचपन से ही प्रभु सिमरन करना चाहिए। जिससे संकट में भक्तों की नैया परमात्मा पार लगा दें। यह सब हमें भागवत सत्संग सुनने से प्राप्त होता है। 

देखिए भक्ति मार्ग पर चलने के लिए कोई निश्चित आयु-सीमा नहीं होती। जब भी किसी व्यक्ति को आध्यात्मिक ज्ञान समझ आ जाता है तब ही तुरंत सच्चे संत से नाम दीक्षा ले लेनी चाहिए क्योंकि मानव जीवन का कोई भरोसा नहीं इसलिए इस मनुष्य जीवन के अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सबसे आवश्यक गुण है। कर्तव्यनिष्ठा, विनम्रता, चरित्रवान, उदारता, परिश्रमी

©person भक्ति में हैं शक्ति 🙏 ✝️🕉️☪️🪯☯️☮️☸️🕎
सकारात्मक सोच और गुण 
सही मार्ग पर ले जाता हैं 
मनुष्य में कौन से 5 गुण होने आवश्यक हैं? मनुष्य के 5 सब

Rohan Roy

मनुष्य हमेशा अपने जीवन में | #RohanRoy | #dailymotivation | #inspirdaily | #motivation_for_life | #rohanroymotivation | positive life quote

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N S Yadav GoldMine

#raksha_bandhan_2024 {Bolo Ji Radhey Radhey} क्या व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद, कोई गति है, या कोई गति करवा सकता है, बिल्कुल नहीं, मनुष्

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