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F M POETRY
White अपनी क़िस्मत को आजमाने की.. एक हसरत है तुम को पाने की.. यूसुफ़ आर खान... ©F M POETRY #एक हसरत है तुमको पाने की.....
#एक हसरत है तुमको पाने की.....
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी अस्तित्व किस किस का डूबा उबाल की सियासतों में जिक्र कही उनका नही है कितने उसूल तोड़े तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है अदरक की तरह कुटा पिटा आमजन तब कही जाकर सत्ता की चाय का स्वाद आया है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #teatime तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है
#teatime तड़का कुर्सियों के पाने में लगाया है
read moreVandana Rana
White हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......! ©Vandana Rana हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......!
हार गया यह दिल तुझे पाने में भी, तुझे भुलाने में भी......!
read moreDevraj
White कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता हैं ©Devraj #good_night कुछ पाने के लिए मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
#good_night कुछ पाने के लिए मोटिवेशनल कोट्स मोटिवेशनल कोट्स हिंदी
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White बहकते हैं हर रोज़ ये कदम, तुम्हारे पास आने के लिए, न जानें कितने फासले, अभी तय करने हैं तुम्हें पाने के लिए....!! ©हिमांशु Kulshreshtha तुम्हें पाने के लिए..
तुम्हें पाने के लिए..
read moreVijay Shankar
White अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग में प्रतियोगिताएं होती रही हैं. त्रेता में धनुष तोड़ना था, तो द्वापर में मछली की आंख पर निशाना लगाना था.. कलियुग में अब सरकारी परीक्षा पास करनी पड़ती है ।। ©Vijay Shankar अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
अच्छी पत्नी पाने के लिए हर युग
read moreमासूम
*शीर्षक - तथाकथित मर्द जात* *( व्यंग )* औरत की गलती पर जो तुमको सताते ना समझ जो तुम्हारी ही कमियां गिनाते ना दो ध्यान इन पर , बनो तुम विचारक करो नाम सार्थक , ऐ ! महिला सुधारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* तुम्हारी नहीं , कोई इसमें खता है हैं नजरें ही चंचल ,ये सबको पता है बहक जाता मन , देख सुन्दरताई प्रभु ने ये नेमत , की तुमको अता है नजरें ही करवाती दुष्कृत्य विदारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* ये माथे की बिंदिया ये चूड़ी ये कंगन सुनाई दी कानों में पायल की छन छन तभी तो है मन से ये आवाज़ आई मैं आगोश में लूं तो हो तृप्त तन - मन तुच्छ भावना की, औरत ही कारक *तथाकथित मर्द जात तुम्हे , तरक्की मुबारक* नहीं है सलीका , रहने का इनको समझें नहीं खुद के आगे किसी को ना जाने ही , कैसा गुरूर है इनमें अबला से सबला बनाया है जिन को अच्छा किए बन , गुरूर का तारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* अश्लीलता की , हर हदें पार करतीं नहीं धीर मन में , ये औरत ही धर्ती स्वयं को बचाती , तुम्हे दोषी कह के पर्दे में , आखिर ये क्यूं नहीं रहतीं ? बनना पड़ा , तुमको इनका संहारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक* कि सबसे बड़ी , खता इनकी ये है जो गर्भ में पाली , तुम्हें आज ये है हृदय से लगा करके सींचा तुम्हे क्यूं मसल दो इन्हें , सजा इनकी ये है डटे तुम रहो गर , तो बनेगा स्मारक *तथाकथित मर्द जात , तुम्हे तरक्की मुबारक.....* *✍️ *अपर्णा त्रिपाठी "मासूम"* ✍️ ✍️ *महराजगंज ✍️**से ©मासूम तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारक#outofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
तथाकथित मर्द जात तुम्हें तरक्की मुबारकoutofsight गोल्डन कोट्स इन हिंदी
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